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    Home » योगी आदित्यनाथ से जो टकराया, टिक नहीं पाया! एक-दो नहीं कई ऐसे उदाहरण, प्रबल ‘योग’ का अगला टारगेट कौन?
    राजनीति

    योगी आदित्यनाथ से जो टकराया, टिक नहीं पाया! एक-दो नहीं कई ऐसे उदाहरण, प्रबल ‘योग’ का अगला टारगेट कौन?

    Janta YojanaBy Janta YojanaAugust 6, 2025No Comments4 Mins Read
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    Yogi Adityanath Astrology: योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्ववादी छवि हो या उनके प्रशासनिक अनुशासन की शैली दोनों ही चीजें जनता के बीच उन्हें खास लोकप्रिय बनाती हैं। लेकिन इन दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि उनकी जन्म कुंडली और ग्रह दशाएं क्या संकेत देती हैं।

    हाल ही में एक ज्योतिषाचार्य ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कुछ चौंकाने वाले दावे किए हैं। उनकी मानें तो योगी आदित्यनाथ के खिलाफ जो भी खड़ा हुआ, उसे अंततः पीछे हटना पड़ा या उसे हाशिए पर धकेल दिया गया। ज्योतिषाचार्य ने दावा किया कि योगी के गुरु को पहले से इस बात का आभास था इसलिए उन्होंने बिना किसी विरोध के उन्हें गोरक्षपीठ का उत्तराधिकारी बनाया। उदाहरण के तौर पर, 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भीतर ही भीतर विरोध करने की कोशिश की, लेकिन अंत में वे अपनी ही सीट से चुनाव हार गए। वहीं, योगी के गृह जनपद गोरखपुर के वरिष्ठ नेता शिव प्रताप शुक्ला जब उनके विरोध में आए, तो उन्हें हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाकर रास्ते से हटा दिया गया। ऐसा ही हाल अन्य कई नेताओं का भी हुआ, जिन्हें योगी का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी या तो वे हाशिये पर चले गए या फिर उन्हें गोरखपुर तक छोड़ना पड़ा।

    ज्योतिषाचार्य का दावा है कि आने वाले समय में जो भी योगी आदित्यनाथ को परेशान करेगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इन दिनों तमाम चुनौतियों से घिरा है ऐसे में यह दावा पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

    योगी आदित्यनाथ की जन्मकुंडली में क्या है खास?

    योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के गढ़वाल में अजय सिंह बिष्ट के रूप में हुआ। गोरखपुर आने के बाद उनका संपर्क महंत अवैद्यनाथ से हुआ और अध्यात्म की ओर झुकाव ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। धर्म और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में उन्हें अपार सफलता मिली है।

    उनकी कुंडली के ग्रह विशेष रूप से शुभ स्थिति में हैं। सिंह लग्न में सूर्य है और केंद्र में राशि स्वामी शनि के साथ स्थित है। उनकी चंद्र राशि कुंभ है और जन्म भाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ। वर्तमान में उनके ऊपर केतु की महादशा चल रही है। उनकी प्रसिद्धि और राजनीतिक सफलता का कारण बृहस्पति और चंद्रमा की युति को माना जाता है। हालांकि मंगल की स्थिति उनके जीवन में विरोधियों को सक्रिय बनाए रखती है, लेकिन मजबूत ग्रह दशाएं उन्हें किसी भी बड़े नुकसान से बचा ले जाती हैं।

    क्या योगी बनेंगे प्रधानमंत्री?

    ज्योतिषीय विश्लेषण के अनुसार, योगी आदित्यनाथ की कुंडली में भविष्य में केंद्र की राजनीति में बड़ी भूमिका के संकेत हैं। उनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है, जो जनवरी 2020 से शुरू होकर जून 2027 तक चलेगा। वहीं, वर्तमान में शुक्र की महादशा के अंतर्गत राहु की प्रत्यंतर दशा चल रही है। इसके बाद गुरु, शनि, बुध और केतु की प्रत्यंतर दशाएं आएंगी।

    शनि और शुक्र की दशा-अंतर्दशा का विशेष योग सितंबर 2026 से नवंबर 2029 के बीच बन रहा है, जो उन्हें केंद्र में प्रभावशाली पद दिला सकता है। कुंडली में शनि सप्तमेश होकर लग्नेश चंद्रमा के साथ एकादश भाव में हैं, जबकि शुक्र सप्तम भाव में बैठकर चतुर्थेश की भूमिका निभा रहे हैं। इन ग्रह योगों के कारण 2027 के बाद केंद्र में उनकी भूमिका और भी मजबूत हो सकती है।

    लाल किताब ज्योतिष क्या कहता है?

    लाल किताब के अनुसार वर्ष 2028 तक योगी आदित्यनाथ की कुंडली में गुरु की महादशा चलेगी और इसके बाद सूर्य की महादशा प्रारंभ होगी, जो 2030 तक चलेगी। ये दोनों ही दशाएं उनके लिए प्रबल राजयोग बना रही हैं। इसका संकेत है कि आने वाले वर्षों में वे केंद्र की राजनीति में और भी सक्रिय रह सकते हैं। हालांकि यह भविष्यवाणी नहीं की जा सकती कि वे प्रधानमंत्री बनेंगे ही, लेकिन इतना तय है कि उनका कद और प्रभाव लगातार बढ़ता रहेगा।

    भले ही राजनीति में स्थितियां पल-पल बदलती रहती हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ की कुंडली के ग्रह योग उन्हें विशेष शक्ति और स्थायित्व प्रदान कर रहे हैं। विरोधियों के लिए यह एक चेतावनी हो सकती है और समर्थकों के लिए एक विश्वास कि उनका नेता आने वाले समय में और ऊंचाई छू सकता है।

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