
ADR Report (Photo: Social Media)
ADR Report
ADR Report: लोकतंत्र में जनता अपने नेताओं से ईमानदारी और सेवा की उम्मीद रखती है। मगर हाल ही में आए एक चौंकाने वाले खुलासे ने इस भरोसे को हिला दिया है। देशभर के राज्यों और केंद्र सरकार के लगभग आधे मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में सामान्य आरोप ही नहीं बल्कि हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर केस भी शामिल हैं। यह रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने जारी की है, जो चुनाव और नेताओं के अपराध और संपत्ति से जुड़े आंकड़े बताती है।
ADR रिपोर्ट में क्या सामने आया?
ADR रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 27 राज्यों, तीन केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के कुल 643 मंत्रियों का विश्लेषण किया गया। इनमें से 302 मंत्री यानी करीब 47% ने अपने चुनावी हलफनामों में आपराधिक मामलों की जानकारी दी। सबसे गंभीर आरोपों का सामना करने वाले मंत्रियों की संख्या 174 है। इनमें हत्या, अपहरण और महिलाओं से जुड़े अपराध जैसे मामले शामिल हैं।
यह रिपोर्ट उस समय सामने आई है, जब केंद्र सरकार संसद में नए बिल लेकर आई है। इन बिलों में प्रस्ताव है कि अगर किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पर गंभीर अपराध साबित होता है और वह 30 दिन से ज्यादा जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है। 20 अगस्त को लोकसभा में पेश किए गए इन बिलों पर जमकर हंगामा हुआ और फिलहाल इन्हें संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया है।

किस पार्टी के कितने मंत्री आरोपी?
रिपोर्ट में मंत्रियों की पार्टीवार स्थिति भी बताई गई है। आइये इसे देखते हैं:
भाजपा (BJP): 336 मंत्रियों में से 136 (40%) पर केस हैं, जबकि 88 (26%) पर गंभीर आरोप।
कांग्रेस: 61 मंत्रियों में से 45 (74%) पर आपराधिक मामले और 18 (30%) गंभीर आरोप।
तेलुगु देशम पार्टी (TDP): 23 मंत्रियों में से 22 पर केस हैं, जिनमें 13 (57%) गंभीर अपराध के आरोपी।
आप (AAP): 16 मंत्रियों में से 11 (69%) पर केस और 5 (31%) पर गंभीर केस।
टीएमसी (TMC): 40 मंत्रियों में से 13 (33%) पर केस और 8 (20%) पर गंभीर आरोप।
डीएमके (DMK): 31 मंत्रियों में से 27 (87%) पर केस और 14 (45%) गंभीर मामलों में आरोपी।
संपत्ति के मामले में भी आगे
ADR की रिपोर्ट में नेताओं की संपत्ति का ब्यौरा भी शामिल है। देशभर के मंत्रियों की कुल घोषित संपत्ति लगभग ₹23,929 करोड़ है, यानी औसतन एक मंत्री के पास ₹37.21 करोड़ की संपत्ति है। कर्नाटक के आठ मंत्री ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा है। इसके बाद आंध्र प्रदेश (6 मंत्री) और महाराष्ट्र (4 मंत्री) का नंबर आता है।
इसमें सबसे अमीर मंत्री हैं TDP के चंद्रशेखर पेम्मसानी, जिनकी संपत्ति ₹5,705 करोड़ से ज्यादा है। कर्नाटक कांग्रेस के डीके शिवकुमार (₹1,413 करोड़) और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू (₹931 करोड़) भी इस लिस्ट में शामिल हैं। वहीं, त्रिपुरा के मंत्री शुक्ला चरण नोत्य (₹2 लाख) और बंगाल की बीरबहा हांसदा (₹3 लाख) सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री हैं।