
Viral Video Fact Check (Image Credit-Social Media)
Viral Video Fact Check
Viral Video: आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल भी हो रहा है, आइये जानते हैं कहां का है ये वीडियो और क्या है इस वीडियो की पूरी सच्चाई।
वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई
सोशल मीडिया पे इन दोनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है इसमें कहा जा रहा है कि ये वीडियो सीरिया का है। जहां पर महिलाएं बुर्का पहने नज़र आ रहीं हैं और उनकी मंडी लगी हुई है। इतना ही नहीं यहां पर पुरुष उनकी बोली लगाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में रस्सी से बंधीं महिलाओं को पुरुष घेरे दिखाइए पड़ रहे हैं। साथ ही उनकी बोली लग रही हैं। कई लोगों ने इस वीडियो में को देखकर गुस्सा और दुख जताया है लेकिन जब हमने इस वीडियो की पूरी पूरी पड़ताल करी तो पता चला कि इस वीडियो की सच्चाई कुछ और ही है।
दरअसल ये वीडियो काफी पुराना है जो कि लंदन का बताया जा रहा है। साल 2014 में कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस (ISIS) की गुलामी के खिलाफ एक प्रदर्शन किया गया था। इस वीडियो को शूट किया गया था और इस ये एक नकली प्रदर्शन था जिसमें महिलाएं बुर्का पहने नजर आ रही थी। उनके हाथों को रस्सी से बांधा गया था और सड़क पर उन्हें पुरुषों द्वारा घेरा गया था। इसके साथ ही उनकी बोली लगाई जा रही थी। यह वीडियो ना तो सीरिया का है या किसी अन्य मुस्लिम देश का है। कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस की गुलामी के खिलाफ यह एक नकली प्रदर्शन मात्र है। इस पोस्ट पर कई लोगों ने इसे लव जिहाद या सांप्रदायिक दावों से भी जोड़ा है लेकिन फैक्ट चेकिंग के बाद ये सच्चाई सामने आई है कि ये वीडियो मात्र प्रदर्शन था।
वीडियो साल 2014 में लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर में कुर्द कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित किया गया था। जिसका उद्देश्य था आईएसआईएस द्वारा यजीदी और अन्य महिलाओं की गुलामी और यौन शोषण की क्रूरता को उजागर करना। दरअसल इसे कुर्द कार्यकर्ता समूह ‘कम्पैशन 4 कुर्दिस्तान’ ने प्रदर्शन कर आयोजित किया था। इतना ही नहीं इसे बीबीसी और हफिंगटन जैसे मीडिया हाउस ने भी कवर किया था। इस वीडियो में नकली तौर पर बनी हुई महिलाओं की बोली लगाते हुए पुरुष नजर आ रहे हैं। इसका उद्देश्य था कि इस तरह की बर्बरता को दुनिया के सामने लाया जा सके। वीडियो की शुरुआत में यह बताया गया कि यह एक जागरूकता अभियान है लेकिन सोशल मीडिया पर इसे गलत तरीके से वायरल कर दिया गया। जिसके बाद लोग अपनी अपनी प्रतिक्रिया इस वीडियो पर दे रहे हैं।
आपको बता दे की ऐसी कोई भी मंडी नहीं है जहां पर महिलाओं की इस तरह बिक्री की जाती है फिलहाल इस वीडियो को बनाने का उद्देश्य भी साफ कर दिया गया है। लेकिन साल 2014 में इस तरह से इराक सिन्जार में यजीदी महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाया था के और उनकी बिक्री के मामले भी सामने आए थे। फिलहाल यह वीडियो उसे उन घटनाओं का हिस्सा नहीं है लेकिन यह मात्र एक जागरूकता अभियान के तहत एक प्रदर्शन है।


