
Mysterious Temple Turkey
Mysterious Temple Turkey
Mysterious Temple Turkey: दुनिया में कई धार्मिक स्थल हैं जो आस्था, रहस्य और विज्ञान का अनोखा मिश्रण पेश करते हैं। तुर्की के प्राचीन शहर हिएरापोलिस में स्थित नर्क का द्वार ऐसा ही एक रहस्यमय स्थल है। यह जगह अपने खतरनाक इतिहास और अद्भुत किंवदंतियों के कारण प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस गुफा में प्रवेश करने वाला इंसान या जानवर कभी वापस नहीं लौटता।
मंदिर और रहस्य
किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर में पहले एक व्यक्ति रहता था जिसकी बाद में हत्या कर दी गई। कुछ मान्यताओं के अनुसार यहाँ यूनानी देवता निवास करते थे। जब कोई व्यक्ति या जानवर इस गुफा में प्रवेश करता, तो उसकी मृत्यु हो जाती। पुजारी इस रहस्य का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए करते थे। जानवरों को गुफा में छोड़कर उनकी मृत्यु को चमत्कार के रूप में पेश किया जाता, जिससे लोगों में डर और श्रद्धा बनी रहती थी।
विज्ञान ने खोला पर्दा
जर्मनी के डुइसबर्ग-एसेन विश्वविद्यालय के ज्वालामुखी विशेषज्ञ हार्डी फैन्ज़ ने इस स्थल पर अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि मंदिर के नीचे एक सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्र में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस उत्सर्जित होती है। यह गैस हवा से भारी होने के कारण जमीन के पास जमा हो जाती है। रात और सुबह के समय इसकी घनता अधिक होती है, जिससे किसी भी प्राणी के लिए यह घातक हो सकती है। दिन में सूर्य की रोशनी गैस को थोड़ा वाष्पित कर देती है, इसलिए दिन में इसका प्रभाव कम होता है।
इतिहास और आस्था
यह गुफा रोमन काल में प्लूटो या पाताल लोक के देवता के लिए समर्पित थी। प्राचीन लोगों ने इसे मृत्यु का प्रतीक माना और यहाँ बलि दी जाती थी। गर्म झरनों के कारण यह स्थान पहले चमत्कारिक माना जाता था, लेकिन ज्वालामुखी गैस ने इसे खतरनाक बना दिया। पुजारी और कई जानवरों की मृत्यु इसी गैस के कारण हुई।
आज का स्थल
आज यह स्थल पर्यटन के लिए खुला है, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे बाड़ से बंद किया गया है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि अगर कोई इस गैस के संपर्क में लंबे समय तक रहे, तो उसकी मृत्यु निश्चित है। हिएरापोलिस का यह “नर्क का द्वार” अब विज्ञान और रहस्य का अद्भुत संगम बन गया है।


