
Ayodhya Mein Ghoomne ki Jagah (Image Credit-Social Media)
Ayodhya Mein Ghoomne ki Jagah
Ayodhya Mein Ghoomne ki Jagah: अयोध्या, पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित भारत का सर्वाधिक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नगर है। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि होने के कारण यह शहर भारतीय संस्कृति, अध्यात्म, धर्म और आस्था की हजारों वर्षीय परंपरा का जीवंत प्रतीक है। रामायण में वर्णित अयोध्या को ‘अजन्मा’, ‘अजर–अमर’ और ‘देव–नगरी’ कहा गया है, जहाँ राजा मनु, राजा हरिश्चंद्र, महाराजा भगीरथ और सूर्यवंश के लगभग 150 राजाओं ने शासन किया।
यह वही नगर है जहाँ भगवान आदिनाथ सहित जैन धर्म के पाँच तीर्थंकरों — ऋषभदेव, अजितनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ और अनंतनाथ — का जन्म हुआ। यहाँ वैदिक, जैन, बौद्ध और रामायण–परंपरा सभी का असाधारण संगम मिलता है।
अयोध्या का विश्व–स्तरीय महत्व राम मंदिर के निर्माण के पश्चात और भी बढ़ गया है, और यह शहर अब अंतरराष्ट्रीय धार्मिक–पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। राम मंदिर, रामायण–सर्किट, दीपोत्सव और सरयू तट पर नवनिर्मित घाटों ने इसे वैश्विक तीर्थ–नगरी का स्वरूप दे दिया है।
यहाँ बड़े पैमाने पर गुड़, गन्ना–उत्पाद, सूक्ष्म–कुटीर उद्योग, हस्तनिर्मित धार्मिक वस्तुएँ, पूजा–सामग्री और पर्यटन–सेवा उद्योग भी विकसित हो रहे हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं।
धार्मिक–आध्यात्मिक महत्व
राम जन्मभूमि और भव्य श्रीराम मंदिर
अयोध्या का आध्यात्मिक केंद्र—श्रीराम जन्मभूमि—जहाँ निर्मित भव्य मंदिर भारत की संस्कृति का महामिलन बिंदु बन चुका है। विशाल प्रांगण, प्रदक्षिणा पथ, रामलला के उच्च–वैभवपूर्ण दर्शन, और अयोध्या पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं ने इस स्थान को वैश्विक धार्मिक–पर्यटन के शिखर पर स्थापित कर दिया है। रामायण की 84 कोसी परिक्रमा और पंच–कोसी परिक्रमा आज भी लाखों भक्तों और साधुओं द्वारा की जाती है।
हनुमान गढ़ी
अयोध्या का सबसे पूजनीय मंदिर—जहाँ बाल–हनुमान जी विराजमान हैं—यह माना जाता है कि अयोध्या की रक्षा स्वयं हनुमान जी करते हैं।
नागेश्वरनाथ मंदिर
मान्यता है कि यह शिव–धाम भगवान श्रीराम के बेटे कुश द्वारा स्थापित किया गया था।
राम की पैड़ी
सरयू के तट पर स्थित विशाल घाटों की श्रृंखला, जहाँ प्रत्येक संध्या को भव्य आरती और दीपदान का मनमोहक दृश्य लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
गुप्तार घाट
मान्यता है कि यहीं भगवान श्रीराम ने जल–समाधि लेकर अपने दिव्य धाम को प्रस्थान किया।
कनक भवन
यह मंदिर माता सीता को महारानी कैकेयी द्वारा भेंट किया गया था। यहाँ भगवान राम और जानकी की सुंदर स्वर्ण-आभूषित मूर्तियाँ भक्तों में अद्वितीय आनंद उत्पन्न करती हैं।
जैन परंपरा के पवित्र स्थल
अयोध्या में जैन धर्म के पाँच तीर्थंकरों के जन्म–स्थल स्थित हैं, और यहाँ विशाल जैन मंदिर व तीर्थ स्थल हजारों जैन श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
इतिहास, संस्कृति और स्थापत्य
अयोध्या की सांस्कृतिक परंपरा हजारों वर्षों पुरानी है—यहाँ वैदिक यज्ञ–भूमियाँ, गुरुकुल परंपरा, जनपद काल, महाजनपद, मौर्य, गुप्त, गुर्जर–प्रतिहार, दिल्ली सल्तनत और अवध के नवाबों का समृद्ध इतिहास मिलता है।
1765–1856 के दौर में अवध के नवाबों ने अयोध्या में कई धार्मिक और सांस्कृतिक संरचनाओं का विकास किया।
यहाँ की भाषा—अवधी—रामचरितमानस, तुलसी वाङ्मय, आल्हा–कथाओं और भक्ति–काव्य की मुख्य धारा मानी जाती है।
अयोध्या का दीपोत्सव विश्व का सबसे बड़ा दीपोत्सव बन चुका है, जिसे गिनीज बुक में कई रिकॉर्ड प्राप्त हुए हैं।
उद्योग, अर्थव्यवस्था और आधुनिक पहचान
अयोध्या में तेजी से पर्यटन–आधारित अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है—
* होटल–और–हॉस्पिटैलिटी
* धार्मिक वस्तुओं का उत्पादन
* गुड़, गन्ना, कृषि–उत्पादन
* लकड़ी–आधारित कुटीर उद्योग
* धार्मिक–कलाकृति, मूर्तियाँ, दीप–निर्माण
रामायण–सर्किट, अयोध्या कॉरिडोर, स्मार्ट–सिटी प्रोजेक्ट, भव्य बस–टर्मिनल, आधुनिक रेलवे स्टेशन और एअरपोर्ट का विकास अयोध्या को वैश्विक धार्मिक–पर्यटन राजधानी में बदल रहा है।
प्रमुख पर्यटक स्थल (विस्तृत)
* श्रीराम जन्मभूमि मंदिर
* राम की पैड़ी
* नागेश्वरनाथ मंदिर
* हनुमान गढ़ी
* कनक भवन
* गुप्तार घाट
* दशरथ महल
* गुलाब बाड़ी
* जैन श्वेतांबर मंदिर
* छोटी देवकाली मंदिर
* रामकथा पार्क
* तुलसी स्मारक भवन
* सीता की रसोई
* सूर्यकुंड और नया सरयू रिवर–फ्रंट
आधुनिक–पर्यटन विकास
* अयोध्या अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा (Maryada Purushottam Shri Ram Airport)
देश–विदेश से सीधी फ्लाइटें शुरू होने से अयोध्या विश्व तीर्थ–नगरी में परिवर्तित हो रहा है।
* सरयू रिवरफ्रंट और क्रूज सेवा
सरयू नदी पर क्रूज टूरिज्म, LED घाट, रिवर–वॉकवे और भव्य आरती इसे आधुनिक धार्मिक–पर्यटन का सर्वोच्च केंद्र बना रहे हैं।
* रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर, आर्ट गैलरी और लाइट–एंड–साउंड शो
ये परियोजनाएँ रामायण–संस्कृति को दुनिया के सामने अत्याधुनिक रूप में प्रस्तुत कर रही हैं।
पहुंच मार्ग
वाया — NH-27, NH-135A, NH-233B, UPSH-9, UPSH-15, UPSH-30A
रेलवे स्टेशन — अयोध्या जंक्शन, अयोध्या कैंट
हवाई मार्ग — Maryada Purushottam Shri Ram International Airport, Ayodhya
निकटतम विकल्प: लखनऊ एयरपोर्ट (150 किमी), गोरखपुर एयरपोर्ट (140 किमी)।


