Lucknow Ka Katki Ka Mela (Image Credit-Social Media)
Lucknow Ka Katki Ka Mela:� हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक नवाबी काल का ऐतिहासिक कतकी मेला जिसमें गंगा जमुना का समागम होता नजर आता है लखनऊ में अब लगने वाला है। लखनऊ का ये एक ऐसा मेला है जिसका इंतजार न सिर्फ हिंदू को बल्कि मुसलमानों को भी इसका काफी इंतजार रहता है।
इस दिन से लग रहा है लखनऊ का कतकी मेला
इस मेले का काफी समय से लोगों को इंतजार था वहीँ अब लखनऊवासियों का इंतज़ार अब ख़त्म हो गया है। यूँ तो ये मेला नवंबर मध्य या अंत में ही लग जाता था लेकिन इस बार इस मेले की शुरुआत में थोड़ी हो गयी। जिसकी वजह से अब ये काफी देर से शुरू हो रहा है। आइये जानते हैं कि कबसे लग रहा है ये मेला और इस बार क्या-क्या है यहाँ ख़ास।
क्या-क्या इस बार है इस मेले में खास
इस बार गोमती नदी के किनारे लगने वाले इस मेले में काफी कुछ खास होगा। वैसे तो यहां पर हर साल बिकने वाले काली मिट्टी के बर्तन लोगों को खूब आकर्षित करते हैं। जिसका लोगों को पूरे साल इंतजार भी रहता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा गोमती में स्नान के साथ ही मेले की शुरुआत हो जाती है। कभी डालीगंज पुल पर लगने वाले इस मेले को अब गोमती के तट पर लगाया जाने लगा है।
कभी डालीगंज पुल पर लगने वाला यह मेला अब गोमती के किनारे लगता है। पिछले कई सालों से लगातार नगर निगम ने इस मेले की जिम्मेदारी स्वयं ले रखी है। लेकिन वहीं झूलेलाल घाट पर लगने वाले इस मेले में आधुनिकता की छाप भी पड़ी है। लेकिन पुराने जमाने की झलक अभी भी आपको इस मेले में दिखाई दे जाएगी।
यहाँ आपको रोजमर्रा के समान से लेकर बच्चों के खिलौने, किचन के समान और क्रोकरी आइटम बेहद कम दामों में मिल जाता है। यहां पर बच्चों के लिए तरह-तरह के झूलों का भी इंतजाम किया जाता है। वही इस साल इस मेले में कई ऐसी चीज़ें भी आने वाली है जो लोगों को काफी आकर्षित करने वाली हैं। इसके अलावा सर्दी के मौसम में वूलन कपड़े यहां पर आपको अलग अलग वैराइटी में नजर आ जाएंगे।
वहीँ लोगों को जो इस मेले में काफी आकर्षित करता है वो है यहां लगने वाली तरह-तरह के वैरायटी की फ़ूड स्टॉल्स। घर के साज सज्जा का सामान से लेकर के कई तरह के फैंसी आइटम्स भी लोगों को खूब आकर्षित करते हैं। आपको बता दें ये मेला 45 दिनों तक चलता है जिसकी वजह से यह लोगों को खूब पसंद आता है। यही वजह है कि लोग यहां बार-बार खरीदारी करने आते हैं।
इस मेले का की सबसे अच्छी खासियत यह है कि यहां पर अन्य मेलों की तरह कोई भी टिकट नहीं लगा है। साथ ही साथ यहां का सामान भी अन्य मेलों में मिलने वाले सामानों से काफी सस्ता रहता है। यही वजह है कि लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है और लोग यहां पर जमकर खरीदारी भी करते हैं।
ऐतिहासिक कतकी-बुड़क्की का मेला इस बार 15 दिसंबर से लगने वाला है। वहीँ आपको बता दें इस मेले का इंतजार हर आम और खास को रहता है। मेले में खुर्जा की क्राकरी, चाय के सेट, मग कप प्लेट,आचार जार, सर्विंग प्लेट,ग्लास और टंबलर, कटलरी, डिनर सेट और मूसल सेट जैसा ढेरों सामन यहाँ मौजूद है। वहीँ यहाँ की क्रॉकरी सेट, डिनर सेट और तरह-तरह की चीज़ें घर का सामान लोगों को अपनी ओर काफी ज़्यादा खींचता है। इसके अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए भी यहां पर कई छोटे बड़े झूले लगते हैं। जो उन्हें खूब पसंद आता है। इस मेले में आपको लोग जोरों शोरों से खरीदारी करते नजर आ जाएंगे आपको बता दे यह मेला मकर संक्रांति तक चलता है।�