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Unique Museums Of India: भारत, विविधताओं का देश है। यहां की संस्कृति, परंपराएँ और इतिहास इतने समृद्ध हैं कि हर मोड़ पर आपको कुछ नया जानने और समझने को मिलता है। जब ये इतिहास और संस्कृति संग्रहालयों के रूप में संरक्षित होती हैं, तो वे न केवल ज्ञान का स्रोत बनती हैं, बल्कि हमारी जड़ों से हमें जोड़ती हैं। भारत में कुछ ऐसे अनोखे और अद्वितीय म्यूजियम हैं, जो पारंपरिक संग्रहालयों से बिल्कुल अलग हैं, कभी तांत्रिक रहस्यों को समेटे, कभी टॉयलेट्स के इतिहास को दिखाते हुए, तो कभी पतंगों की उड़ान में संस्कृति की झलक देते हुए। आइए जानते हैं भारत के कुछ अनूठे म्यूजियमों के बारे में, जो अपने साथ रोचक जानकारियों को सहेजे हुए हैं…

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
1. मायोंग सेंट्रल म्यूजियम (MAYONG CENTRAL MUSEUM), असम, भारत का तांत्रिक रहस्यलोक
स्थान: मोरीगांव जिला, असम
विशेषता:
मायोंग को “भारत की जादू की भूमि” कहा जाता है। इस छोटे से गांव में स्थित मायोंग सेंट्रल म्यूजियम लोककथाओं, मंत्र-विद्या, जड़ी-बूटी चिकित्सा और तांत्रिक परंपराओं से जुड़े दुर्लभ दस्तावेज और वस्तुएं संजोए हुए है। मायोंग का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा है, जब इसे “माया” और “अग्निहोत्र” का केंद्र माना जाता था। यह स्थान विज्ञान और लोकविश्वास के बीच एक सेतु का कार्य करता है। असम के मोरिगांव जिले का यह मायोंग गांव सदियों से काले जादू और तांत्रिक विद्या के लिए प्रसिद्ध रहा है। मायोंग सेंट्रल म्यूजियम इसी रहस्यमयी विरासत को संजोए हुए है। यहांसंग्रहालय में तांत्रिक ग्रंथ, आयुर्वेदिक पांडुलिपियां मेंटर और पुरानी शस्त्र कला के नमूने मौजूद हैं। पांडुलिपियां, तंत्र-मंत्र से जुड़ी किताबें, पुरानी तांत्रिक औषधियां, और पारंपरिक हथियार प्रदर्शित किए गए हैं।
यह संग्रहालय न केवल भारत की जादुई परंपराओं की झलक देता है, बल्कि यह भी बताता है कि विज्ञान और रहस्य एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
2. आरबीआई मॉनेटरी म्यूजियम (RBI MONETARY MUSEUM), मुंबई

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
स्थान: फोर्ट, मुंबई
विशेषता:
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित यह संग्रहालय मुद्रा की विकास यात्रा को दर्शाता है, यहां कौड़ी से लेकर क्रिप्टो मुद्रा तक प्रदर्शन के लिए मौजूद है। यहां प्राचीन भारत की मुद्राएं, मुग़ल काल के सिक्के, ब्रिटिश भारत की करंसी, और आज़ादी के बाद की नोट व सिक्के प्रदर्शित किए गए हैं। साथ ही, यह संग्रहालय बैंकिंग इतिहास, नकली मुद्रा की पहचान और मुद्रा निर्माण की प्रक्रिया पर शैक्षणिक जानकारी भी देता है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित यह संग्रहालय भारत की आर्थिक यात्रा को दर्शाता है। प्राचीन सिक्कों से लेकर आधुनिक करेंसी नोट्स तक का संग्रह है। मौर्य, गुप्त, मुगल और ब्रिटिश काल की मुद्राओं के माध्यम से यह म्यूजियम हमें हमारी अर्थव्यवस्था की ऐतिहासिक झलक दिखाता है। डिजिटल मुद्रा और वर्तमान बैंकिंग प्रणाली के विकास को समझने का एक दुर्लभ अवसर यह म्यूजियम प्रदान करता है।
3. सुलभ इंटरनेशनल म्यूजियम ऑफ टॉयलेट (SULABH INTERNATIONAL MUSEUM OF TOILETS), नई दिल्ली

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
स्थान: महावीर एनक्लेव, दिल्ली
विशेषता:
यह दुनिया के सबसे विचित्र और शिक्षाप्रद संग्रहालयों में से एक है, जहाँ शौचालयों का 4,500 साल पुराना इतिहास सहेजा गया है।इस संग्रहालय में सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर रोमन साम्राज्य, मध्यकालीन यूरोप और आधुनिक स्वच्छता उपकरणों की प्रतिकृतियां हैं। यह न केवल स्वच्छता के तकनीकी विकास को दिखाता है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और गरिमा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शायद ही कोई सोचे कि टॉयलेट्स का भी इतिहास हो सकता है, लेकिन यह म्यूजियम साबित करता है कि स्वच्छता और सभ्यता का संबंध हजारों वर्षों पुराना है। सुलभ संस्था द्वारा स्थापित इस म्यूजियम में हड़प्पा काल से लेकर आधुनिक स्वचालित टॉयलेट्स तक के विकास को दिखाया गया है।
यह म्यूजियम स्वच्छ भारत अभियान और स्वच्छता के सामाजिक महत्व को समझने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
4. पुरखौती मुक्तांगन म्यूजियम (Purkhouti Muktangan MUSEUM), छत्तीसगढ़

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
स्थान: नया रायपुर
विशेषता:
यह एक ओपन-एयर म्यूजियम है जो छत्तीसगढ़ की लोक-संस्कृति, परंपराओं, वेशभूषा, त्योहारों और कला रूपों को जीवन्त करता है। संग्रहालय की स्थापना भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा की गई थी। यहां की मूर्तियां, झोपड़ियां, पारंपरिक कलाकृतियां और लोक गीत-नृत्य की प्रस्तुति, दर्शकों को छत्तीसगढ़ की आत्मा से जोड़ देती हैं। रायपुर के पास स्थित यह म्यूजियम आदिवासी जीवनशैली, उनकी कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। यहां आदिवासी संस्कृति से जुड़े जीवंत दृश्यों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आत्मा को महसूस किया जा सकता है।
यह संग्रहालय राज्य के सांस्कृतिक मूल्यों और लोकजीवन की गरिमा को सहेजने का सुंदर प्रयास है।
5. पालड़ी काइट म्यूजियम (PALDI KITE MUSEUM), अहमदाबाद

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
विशेषता:
यह संग्रहालय पतंगों के इतिहास, उनकी बनावट और विविधता को समर्पित है।
स्थानीय पतंग प्रेमी भानुभाई शाह की 50 वर्षों की संग्रहित पतंगों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने के लिए यह म्यूजियम शुरू किया गया। यहां दुनिया के अलग-अलग देशों की पारंपरिक भारतीय पतंगों का भंडार है। संग्रहालय यह भी बताता है कि पतंग कैसे संवाद, युद्ध और शौक का साधन रही है। पतंगों का एक अलग ही स्थान है भारतीय त्योहारों में, विशेषकर उत्तरायण में देखने को मिलता है। पालड़ी पतंग म्यूजियम में 125 से भी अधिक वर्षों पुरानी पतंगों का संग्रह है। चीन, जापान और भारत की विभिन्न शैलियों की पतंगें यहाँ प्रदर्शित हैं। यह संग्रहालय बताता है कि कैसे एक साधारण सी पतंग भी कला, परंपरा और विज्ञान का संगम बन सकती है।
6. लेजेंड मोटरसाइकिल कैफे + म्यूजियम (Legends Motorcycling Cafe and Museum), बैंगलोर

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
स्थान: बैंगलोर, कर्नाटक
विशेषता:
यह भारत का पहला मोटरसाइकिल थीम कैफे और संग्रहालय है जहां 1900 के दशक से लेकर आज तक की दुर्लभ बाइक्स प्रदर्शित हैं।
यह म्यूजियम रॉयल एनफील्ड, हार्ले डेविडसन, बीएसए, नॉर्टन जैसी विंटेज बाइक्स का घर है। हर बाइक के साथ एक कहानी जुड़ी होती है , युद्धकाल की बाइक्स, फिल्मी सितारों की पसंदीदा सवारी, या किसी यात्री की जीवन यात्रा का साथी।
यह संग्रहालय कैफे के साथ एक अनोखा अनुभव देता है। यहां विंटेज मोटरसाइकिल्स का अद्भुत संग्रह है।
यह जगह मोटरसाइकिल प्रेमियों के लिए एक तीर्थस्थल की तरह है, जहां मशीनों की आवाज़ में इतिहास की धड़कन सुनाई देती है। ये म्यूजियम सिर्फ दीवारों में कैद कलाकृतियों के संग्रह नहीं हैं, ये भारत के विविध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक पहलुओं की जीवंत तस्वीरें हैं। यहां आकर हम न केवल ज्ञान पाते हैं, बल्कि अपने देश की गहराइयों को महसूस करते हैं। भारत के इन अनोखे संग्रहालयों को देखने का अवसर मिलना, एक ऐसी यात्रा है जो दिल और दिमाग दोनों को समृद्ध कर देती है। भारत की विविधता सिर्फ भाषाओं, पहनावे या खान-पान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे सोचने, सहेजने और प्रदर्शित करने के तरीकों में भी झलकती है। उपरोक्त संग्रहालय न केवल दर्शक को ज्ञानवर्धन करते हैं, बल्कि उन्हें आश्चर्यचकित करते हैं, भावनाओं से जोड़ते हैं और जीवन के अनदेखे पहलुओं पर रोशनी डालते हैं। यदि आप कभी इन जगहों के पास हों, तो इन्हें देखने ज़रूर जाएं क्योंकि यहाँ इतिहास सिर्फ पढ़ा नहीं जाता, जिया जाता है।