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    Home » Duniya Ka Sabse Thanda Shahar: याकुत्स्क, दुनिया का सबसे ठंडा शहर, जहां सांसें भी बर्फ बन जाती हैं!
    Tourism

    Duniya Ka Sabse Thanda Shahar: याकुत्स्क, दुनिया का सबसे ठंडा शहर, जहां सांसें भी बर्फ बन जाती हैं!

    Janta YojanaBy Janta YojanaMarch 31, 2025No Comments7 Mins Read
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    Duniya Ka Sabse Thanda Shahar Yakutsk History (Photo – Social Media)

    Duniya Ka Sabse Thanda Shahar Yakutsk History (Photo – Social Media)

    Coldest Place On The Earth: दुनिया में कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां की जलवायु इंसानों के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है, और याकुत्स्क (Yakutsk) उन्हीं में से एक है। रूस के सुदूर पूर्वी साइबेरिया में स्थित यह शहर न केवल क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है, बल्कि इसे दुनिया का सबसे ठंडा स्थायी रूप से बसा हुआ स्थान भी माना जाता है। यहां सर्दियों का तापमान -71°C (-96°F) तक गिर सकता है, जिससे जीवन अत्यंत कठिन हो जाता है। अत्यधिक ठंड के बावजूद, हजारों लोग यहां निवास करते हैं और कठोर जलवायु के अनुरूप अपने जीवन को ढाल चुके हैं। यह शहर अपनी अनूठी भौगोलिक परिस्थितियों, सांस्कृतिक धरोहर और कठोर जलवायु में मानव अस्तित्व की अद्भुत क्षमता का प्रतीक है।

    याकुत्स्क का भूगोल और स्थान(Geographical Location Of Yakutsk)

    याकुत्स्क रूस(Russia) के सुदूर पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र(Siberia Region)में स्थित एक प्रमुख शहर है, जो साखा (याकूतिया) गणराज्य की राजधानी है। यह शहर दुनिया के सबसे ठंडे स्थानों में से एक माना जाता है और यहाँ की जलवायु अत्यधिक ठंडी होती है। याकुत्स्क लिना (Lena) नदी के किनारे स्थित है, जो इसे परिवहन और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाता है। यह शहर आर्कटिक सर्कल से लगभग 450 किलोमीटर (280 मील) दक्षिण में स्थित है और साइबेरिया के विस्तृत टैगा (Taiga) जंगलों और पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost) क्षेत्र में आता है, जहाँ मिट्टी वर्षभर जमी रहती है। याकुत्स्क एक स्थायी रूप से बसा हुआ स्थान है, जहां करीब 3,00,000 लोग रहते हैं। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदा के लिए महत्वपूर्ण बनाती है, जिससे यहाँ के उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिलता है।

    इतिहास और संस्कृति(History & Culture Of Yakutsk)

    याकुत्स्क (Yakutsk) की स्थापना 1632 में रूसी खोजी और व्यापारी पीटर बेकेटोव (Pyotr Beketov) द्वारा की गई थी। इसे एक किलेबंद चौकी (ओस्ट्रोग) के रूप में विकसित किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य साइबेरिया में रूसी प्रभाव को बढ़ाना था। 17वीं शताब्दी के दौरान, यह रूस के लिए फर व्यापार (फर ट्रैपिंग) का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया। बाद में, यह साइबेरिया में रूसी प्रशासन और अनुसंधान का प्रमुख केंद्र बन गया।

    सोवियत काल के दौरान, याकुत्स्क और इसके आसपास के क्षेत्रों में कई श्रम शिविर (गुलाग) स्थापित किए गए थे, जहाँ राजनीतिक कैदियों और अन्य बंदियों को कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। हालांकि, आधुनिक युग में यह शहर विज्ञान, खनन और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।

    संस्कृति – याकुत्स्क की संस्कृति इसकी मूल निवासी सखा (Yakut) जनजाति और रूसी प्रभाव के अद्वितीय संगम को दर्शाती है। सखा लोग यहां की प्रमुख जातीय आबादी हैं और इनकी परंपराएँ, भाषा और रीति-रिवाज आज भी जीवंत हैं।

    ओयुनस्की थियेटर और साहित्य – याकुत्स्क में साहित्य और कला की एक समृद्ध परंपरा है। ओयुनस्की थिएटर इस क्षेत्र के पारंपरिक नाट्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रमुख केंद्र है।

    यस्यख उत्सव – यह सखा लोगों का सबसे प्रमुख त्यौहार है, जिसे गर्मियों में मनाया जाता है। यस्यख उत्सव कृषि, सूर्य पूजा और सांस्कृतिक नृत्य-संगीत का उत्सव है, जिसमें पारंपरिक पोशाकों में लोग इकट्ठा होते हैं और प्राचीन रस्मों को निभाते हैं।

    भोजन और खान-पान – यहां के व्यंजनों में ठंडी जलवायु के अनुसार मांसाहारी और उच्च कैलोरी वाला भोजन प्रमुख है। घोड़े और हिरन का मांस, कच्ची मछली (स्ट्रोगानिना), और डेयरी उत्पाद यहां के पारंपरिक आहार का हिस्सा हैं।

    हीरों और खनिजों की संस्कृति – याकुत्स्क को “हीरों की राजधानी” भी कहा जाता है, क्योंकि यह क्षेत्र रूस के हीरा उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खनन उद्योग पर निर्भर करती है, और इसने स्थानीय कारीगरी और व्यापार को भी प्रभावित किया है।

    पारंपरिक याकूत पोशाक – याकूत लोग ठंड से बचने के लिए फर से बने पारंपरिक कपड़े पहनते हैं। उनके परिधान न केवल व्यावहारिक होते हैं, बल्कि जटिल डिज़ाइनों और पारंपरिक शिल्पकारी से सजे होते हैं।

    शमनवाद और लोककथाएँ: याकूत संस्कृति में प्रकृति की पूजा, आत्माओं और देवताओं पर विश्वास गहराई से जुड़ा हुआ है। शमनवाद आज भी उनके रीति-रिवाजों और विश्वास प्रणालियों में देखा जा सकता है।

    जलवायु और तापमान(Climate and temperature)

    याकुत्स्क दुनिया का सबसे ठंडा स्थायी रूप से बसा हुआ शहर है, जिसकी जलवायु अत्यंत कठोर और चुनौतीपूर्ण है। यह आर्कटिक सर्कल के दक्षिण में स्थित होने के बावजूद, सर्दियों में यहां तापमान -71°C तक गिर सकता है। इसकी जलवायु को महाद्वीपीय उपध्रुवीय (Subarctic Continental Climate) श्रेणी में रखा जाता है, जिसमें अत्यधिक ठंडी सर्दियां और अपेक्षाकृत गर्म, लेकिन छोटे ग्रीष्मकाल होते हैं। अक्टूबर से अप्रैल तक चलने वाली लंबी और भीषण सर्दियों में तापमान -40°C या उससे नीचे रहता है, जिससे पानी तुरंत जम जाता है और सांस लेने पर नमी बर्फ में बदल सकती है। स्थानीय लोग फर के बने विशेष कपड़े पहनते हैं, और कारों को लगातार चालू रखना पड़ता है, क्योंकि इंजन ठंड में जम सकते हैं। गर्मियों में तापमान 20°C से 30°C तक पहुँच सकता है, और इस दौरान शहर में 20 से 22 घंटे तक सूर्य की रोशनी रहती है, जिसे “व्हाइट नाइट्स” कहा जाता है। हालांकि, स्थायी रूप से जमी हुई परत (Permafrost) यहाँ के निर्माण और अवसंरचना के लिए बड़ी चुनौती बनी रहती है। याकुत्स्क का अधिकांश भाग पर्माफ्रॉस्ट (permafrost) पर स्थित है, जिसका अर्थ है कि यहां की भूमि सालभर जमी रहती है।

    जलवायु के प्रभाव(Effects Of Climate)

    अत्यधिक ठंड के कारण यहां खेती संभव नहीं है, इसलिए लोग मुख्य रूप से मांस और डेयरी उत्पादों पर निर्भर रहते हैं।

    घरों को विशेष रूप से ऊष्मा-संरक्षित बनाया जाता है, और इमारतों की नींव को पर्माफ्रॉस्ट पर बनाए रखने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

    यहां के निवासियों ने कठोर जलवायु के साथ सामंजस्य बिठा लिया है और अपनी जीवनशैली को इसके अनुसार ढाल लिया है।

    कैसे जीते हैं लोग इतनी ठंड में?(How People Survive)

    याकुत्स्क के लोग कठिन परिस्थितियों में जीने के अभ्यस्त हैं। उनका जीवनशैली इस ठंडे वातावरण के अनुरूप ढली हुई है।

    विशेष कपड़े – यहां के लोग रेनडियर स्किन, फर कोट, और ऊनी कपड़े पहनते हैं, ताकि वे ठंड से बच सकें।

    भवनों का निर्माण – चूंकि भूमि पर्माफ्रॉस्ट है, इसलिए इमारतें जमीन से ऊपर बने खंभों पर बनाई जाती हैं, ताकि गर्मी से बर्फ न पिघले और संरचना स्थिर बनी रहे।

    खाद्य पदार्थ – यहां के लोग मांस और वसा युक्त भोजन खाते हैं, जैसे कि मछली, हिरन का मांस और जमे हुए घोड़े का मांस, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।

    वाहन चलाना – कारों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें हीटर से गरम रखा जाता है, और कई बार इन्हें 24 घंटे चालू रखा जाता है।

    प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन(Nature Beauty & Tourism)

    याकुत्स्क अपने प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां कई स्थान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं:

    पर्माफ्रॉस्ट किंगडम – यह एक अनूठा संग्रहालय है जो बर्फ और बर्फीले गुफाओं से बना है।

    मामथ म्यूजियम (Mammoth Museum) – यहां साइबेरियन हिमयुग के विशाल हाथियों के जीवाश्म देखे जा सकते हैं।

    लेना पिलर्स (Lena Pillars) – यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जहां चूना पत्थर की ऊंची-ऊंची चट्टानें नदी किनारे फैली हुई हैं।

    ओइमयाकोन (Oymyakon) – यह याकुत्स्क से दूर स्थित एक गाँव है जिसे दुनिया का सबसे ठंडा आबादी वाला स्थान कहा जाता है।

    आर्थिक जीवन(Economy Of Yakutsk)

    याकुत्स्क मुख्य रूप से खनन उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र हीरे (diamonds), सोना, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे खनिज संसाधनों के लिए जाना जाता है। रूस के हीरे उत्पादन में याकुत्स्क का सबसे बड़ा योगदान है। इसके अलावा, मछली पालन और पशुपालन भी यहाँ की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ(Challenges & Difficulties)

    अत्यधिक ठंड – इतनी कम तापमान में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, कार बैटरियां और यहां तक कि धातु भी ठंड से प्रभावित होती है।

    आवागमन की समस्या – सर्दियों में जमी हुई नदियों पर अस्थायी सड़कें बनाई जाती हैं, लेकिन गर्मियों में ये नदियाँ पिघलने लगती हैं जिससे यात्रा मुश्किल हो जाती है।

    भोजन की कमी – ठंड के कारण खेती नहीं हो पाती, इसलिए अधिकांश खाद्य पदार्थ बाहर से आयात किए जाते हैं, जिससे उनकी कीमतें काफी अधिक होती हैं।

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