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    Home » Famous Hill Station: खूबसूरत पहाड़ों पर बसा है महाराष्ट्र का हिल स्टेशन पंचगनी, जिसे बसाया था अंग्रेजों ने, जानें कब और कैसे पहुंचें
    Tourism

    Famous Hill Station: खूबसूरत पहाड़ों पर बसा है महाराष्ट्र का हिल स्टेशन पंचगनी, जिसे बसाया था अंग्रेजों ने, जानें कब और कैसे पहुंचें

    By January 26, 2025No Comments8 Mins Read
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    Maharashtra Beautiful Hill Station Panchgani 

    India’s Famous Hill Station Panchgani: हमारे देश में हिल स्टेशन का नाम आते ही हिमाचल प्रदेश का शिमला-मनाली नाम दिमाग में सबसे पहले आता है। लेकिन आज हम आपको सहयाद्रि पहाड़ों के बीच स्थित एक हिल स्‍टेशन (Hill Station) की सैर पर ले जायेंगे। यह मशहूर हिल स्टेशन है समुद्रतल से 1334 मीटर की ऊंचाई पर स्थित महाराष्‍ट्र राज्य (Maharashtra) का पंचगनी (Panchgani)। सह्याद्री पर्वत (Sahyadri Mountain) की पांच पहाड़ियों के कारण इसका नाम पंचगनी पड़ा। जिसका मतलब है ‘पांच गांवों के बीच की भूमि’। ये पांच गांव हैं- दांडेघर, गोदावली, अंब्राल, खिंगार और ताइघाट। यह जगह लाल रसदार स्ट्रॉबेरी के लिए प्रसिद्ध है। इस कारण इस जगह को भारत का ‘स्ट्रॉबेरी गार्डन’ (Strawberry Garden Of India) भी कहा जाता है।

    यह जगह अपने प्राकृतिक सुंदरता, हरे भरे परिदृश्य और सुखद वातावरण के लिए मशहूर है। पंचगनी में पैराग्लाइडिंग (Paragliding) पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। पंचगनी ऊंचाई पर स्थित है जहां से बांध, झील और कमलगढ़ किले को आसानी से देखा जा सकता है। मुंबई से यह हिल स्‍टेशन महज 250 किमी की दूरी पर स्थित है और यहां से पंचगनी के साथ महाबलेश्वर का भी आनंद ले सकते हैं।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    सन् 1860 में ब्रिटिश शासन काल में लॉर्ड जॉन चेसन की अगुआई में इस जगह को एक ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट के रूप में विकसित किया गया था। चेसन ने इस जगह पश्चिमी दुनिया के कई पौधों की प्रजातियों को लाकर लगवाया था। इससे पहले महाबलेश्वर में अंग्रेजों का ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट हुआ करता था, लेकिन मानसून के दौरान यहां की परेशानियों को देखते हुए इसे बदलकर फिर साल भर सुखद मौसम रहने वाले पंचगनी में बनाने का निर्णय लिया गया।

    पंचगनी में देखने लायक जगहें (Panchgani Mein Ghumne Layak Jagah)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    कास पठार (Kaas Plateau)

    समुद्रतल से करीब 1200 मीटर की उंचाई पर स्थित यह पठार यूनेस्को के विश्व प्राकृतिक धरोहर में शामिल है। इस जगह से चारों ओर झीलों, फूलों और तितलियों के प्रजातियों के साथ खूबसूरत दृश्यों को भी देखा जा सकता है। इस पठार पर लगभग 1000 हेक्टेयर आरक्षित वन क्षेत्र में सैकड़ों किस्म के वनस्पतियों की प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी। यह पठार अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वनस्पतियों के लिए सैलानियों के बीच मशहूर है।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    टेबल लैंड (Table Land)

    लगभग 95 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह टेबल लैंड एशिया का सबसे लंबा सपाट पठार है। यह पठार दक्कन पठार का एक हिस्सा है और माना जाता है कि यह पृथ्वी की प्लेटों के बीच दबाव से उभरा था। इसका केंद्र कोयनानगर के पास स्थित है जिससे इस क्षेत्र में भूकंप सबसे ज्‍यादा आते हैं। इस जगह सैलानी घुड़सवारी, ट्रेकिंग, आर्केड गेम सहित पिकनिक का मज़ा ले सकते हैं। पैराग्लाइडिंग के लिए भी यह जगह उपयुक्त है।

    यहां से पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकते हैं । इस दौरान आसमान में कई रंग भी देखने को मिल जायेंगे।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    पंचगनी महाबलेश्वर (Panchgani Mahabaleshwar)

    महाराष्ट्र राज्य के पश्चिमी घाट में स्थित सतारा जिले का यह हिल स्टेशन स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मशहूर है। इसके अलावा इस जगह से कई नदियों, सुंदर प्राकृतिक झरनों और पर्वत चोटियों को भी देख सकते हैं। इसके अलावा इस शहर में कई प्राचीन शिव मंदिर भी हैं। यह जगह बोर्डिंग स्कूल के लिए भी विख्यात है। हरे-भरे घने जंगल, झरने, पहाड़ियां, घाटियां मुंबई शहर से वीकेंड पर पर्यटकों को यहां खींच लाती हैं। पंचगनी की यात्रा प्लान में महाबलेश्वर को शामिल करना न भूलें।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    सिडनी प्वाइंट (Sydney Point)

    पंचगनी में वाई साइड से प्रवेश करने के दौरान शुरू में ही सिडनी पॉइंट दिखता है। यह जगह एक चोटी है। लेकिन ऊंचाई पर होने के कारण बहुत खूबसूरत नजारा देखने का मौका देता है। यहां से कृष्णा घाटी के भव्य दृश्य को देख सकते हैं। इस जगह का नाम सिडनी बेकवर्थ के नाम पर रख गया जहां से सूर्योदय और सूर्यास्‍त का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। इसे देखने सुबह शाम पर्यटकों की भारी संख्या में भीड़ होती है। हर प्रकृति प्रेमी इसे अपने कैमरे में कैद करना चाहता है।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    देवराई गांव (Devrai Village)

    पंचगनी के करीब स्थित इस गांव में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के कुशल शिल्पकार बसते हैं। इन कलाकारों द्वारा लोहा, पीतल, पत्थर, लकड़ी, बांस और कपड़े के बनाए गए उत्पादों से सामान यहां खरीद सकते हैं।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    भीलर फॉल्स (Bhilar Waterfall)

    मुंबई से करीब 248 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस झरने में मानसून से लेकर सर्दियों तक पानी बहता है। पंचगनी का यह एकमात्र ऐसा झरना है और यहां पर्यटक एक अलग शांति का एहसास करते हैं।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    पारसी प्वाइंट (Parsi Point)

    यह प्वाइंट महाबलेश्वर जाने के रास्ते में स्थित है, जहां से कृष्णा घाटी और धुम बांध को देख सकते हैं। हरे भरे पहाड़ों से घिरी हुई इस जगह से रोमांचक दृश्यों को देख कर सुकून का एहसास कर सकते हैं। इस पारसी प्वाइंट का नाम पारसी समुदाय से पड़ा है। इस जगह से सूर्यास्त और सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं। इस प्वाइंट पर ऊंट की सवारी का आनंद ले सकते हैं। टेलिस्कोप से भी इस जगह को अलग अलग तरीके से देख सकते हैं।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    वाई गांव (Wai Town)

    कृष्णा नदी के तट पर पंचगनी के पास स्थित वाई गांव एक छोटा सा शहर है, जो अपने सात घाटों के लिए मशहूर है। इसके आसपास कई मंदिर हैं और पांडवगढ़ किला मुख्य आकर्षण का केंद्र है।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    राजपुरी गुफाएं (Rajpuri Caves)

    पंचगनी के पास स्थित ये गुफाएं अपनी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक कारणों से जानी जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इन प्राचीन गुफाओं में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का निवास था। भक्तों के लिए यहां भगवान कार्तिकेय का मंदिर भी है। इस गुफा के करीब कई पवित्र पानी के कुंड हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस पानी से स्नान करने से कई रोगों से निजात मिलता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इन गुफाओं में अपने वनवास के दौरान पांडवों ने आश्रय लिया था।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    केट्स पॉइंट (Kates Point)

    महाबलेश्वर जाने के मार्ग में पंचगनी के बाहर लगभग 15 किमी की दूरी पर कृष्णा घाटी के ऊपर स्थित एक विशाल चट्टान केट्स पॉइंट के नाम से मशहूर है। इस जगह से पर्यटक धाम डैम और बलकवाड़ी की घाटी के पानी का दृश्य देखने के साथ सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा भी देख सकते हैं।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    डेविल्‍स किचन (Devil’s Kitchen)

    ज्वालामुखी के कारण बनी गुफाओं और दरारों से बनी डेविल्स किचन को टेबल लैंड गुफा के नाम से भी जानते हैं। यह जगह भूलभुलैया जैसे मजेदार एहसास दिलाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अपने निर्वासन के दौरान पांडव इस जगह भी ठहरे थे।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    पंचगनी घूमने का अच्छा समय (Panchgani Ghumne Ka Sabse Acha Samay)

    यह जगह सह्याद्री पर्वत के बीच स्थित है। सैलानियों के लिए खूबसूरत और शीतकालीन स्थल का आनंद देता है। इस जगह जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और अप्रैल के बीच का है। ऊंचाई पर स्थित होने और घने जंगलों से घिरे होने के कारण गर्मियों में भी ठंड का एहसास दिलाती है। जुलाई से सितंबर तक मॉनसून का मौसम होने से हरियाली का आनंद लिया जा सकता है।

    कैसे पहुंचे (How To Reach Panchgani)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    हवाई मार्ग से पंचगनी पहुंचने के लिए निकटतम घरेलू हवाई अड्डा पुणे स्थित लोहेगांव या संत तुकाराम महाराज हवाई अड्डा है। यहां से पंचगनी करीब 110 किमी की दूरी पर है। बस या टैक्सी के द्वारा पंचगनी पहुंचा जा सकता है। इस हवाई अड्डे से देश के कई बड़े और प्रमुख शहरों से फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध है।

    रेलमार्ग से पंचगनी पहुंचने का निकटतम रेलवे स्टेशन पुणे रेलवे स्टेशन है, जहां से पंचगनी लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुणे रेलवे स्टेशन पर देश के सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन आती हैं। इस स्टेशन से पंचगनी जाने के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम और कुछ निजी बस भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप अपने निजी या टैक्सी के जरिए भी वहां पहुंच सकते हैं।

    सड़क मार्ग से पंचगनी देश के मुख्य शहरों सेअच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह जगह महाराष्ट्र के सतारा से 47 किमी फल्टन से 82 किमी पुणे से करीब 102 किमी और मुंबई से 250 किमी की दूरी पर है।

    अभी परीक्षाओं के खत्म होने पर और गर्मी की छुट्टियों में यहां जाने का प्लान बना सकते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ सुकून में समय बिताने का यह एक उत्तम स्थान है।

    ( लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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