Firozabad News: फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में यमुना किनारे स्थित बेहड़वाली माता मंदिर आज आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है। कभी यह इलाका डकैतों का गढ़ माना जाता था और मंदिर उनके लिए शरणस्थली था। पुलिस और डकैतों के बीच आए दिन मुठभेड़ होती रहती थी। उस समय डकैत आत्मरक्षा के लिए माता की पूजा करते थे और मानते थे कि देवी की कृपा से उनकी रक्षा होती है।
डकैतों से नौकरी तक का सफर
समय बदलने के साथ मंदिर की पहचान भी बदल गई। अब ग्रामीण यहां आकर मनौतियां मांगते हैं और कहते हैं कि उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं। आसपास के गांवों में हर परिवार से कोई न कोई सदस्य पुलिस, सेना या अन्य सरकारी सेवा में कार्यरत है। लोग इसे माता की कृपा मानते हैं और कहते हैं कि जहां कभी चोर-डकैतों का बोलबाला था, वहां आज सरकारी नौकरी ही जीवन का आधार बन गई है।
भक्ति और परंपराएं
मंदिर में भक्त नारियल, चुनरी और श्रृंगार का सामान चढ़ाते हैं। पहले यहां बलि दी जाती थी, लेकिन अब उसकी जगह कान काटकर अर्पित करने की परंपरा है। ग्रामीण मानते हैं कि देवी की कृपा से क्षेत्र में सुख-समृद्धि और शांति आई है।
तीन मंदिर एक आस्था स्थल
मुख्य मंदिर के साथ यहां मां काली, हनुमान और दुर्गा के छोटे-छोटे मंदिर भी हैं। हवन-कुंड और धार्मिक अनुष्ठान मंदिर की आस्था को और प्रबल बनाते हैं। आज यहां की घंटियों की गूंज उस दौर की गोलियों की तड़तड़ाहट की याद को पीछे छोड़ चुकी है।
इस मंदिर की मान्यता इतनी गहरी है कि ग्रामीण इसे सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि अपनी तरक्की और रोजगार की असली वजह मानते हैं।