Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Dudhwa mei Paryatan ke Liye New Chapter: जंगल सफारी के साथ योग, मेडिटेशन और लग्जरी कॉटेज की सुविधा
    • Pongola River mei Kayaking: आइए जाने दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में एक यादगार सफर के बारे में
    • Bihar Ka Anokha Mandir: चमत्कार से भरपूर है बिहार का ये मंदिर, बलि की ऐसी प्रथा, सुन चौंक जाएंगे आप
    • Tree Woman Thimmakka: 114 साल की पर्यावरण संरक्षक ने छोड़ी 8,000 पेड़ों की विरासत
    • River Of Blood: बिहार में बहती है खूनी नदी, दिखने में बेहद डरावनी, क्या है आत्माओं का डेरा?
    • जहां जाते ही थरथराने लगते हैं कदम, थम जाती हैं सांसे… क्या है किसी मायावी शक्ति का चमत्कार या छुपा है कोई गहरा काला रहस्य?
    • Dil Dehla dene vale ye 7 Trek: जानिए यह 7 ट्रेक जहां एडवेंचर के साथ हर कदम पर मंडराता है मौत का खतरा
    • Drongiri Village Ka Rahasya : क्यों नहीं पूजते इस गांव के लोग भगवान हनुमान को
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Gaya’s Sweets: गया की तिलकुट, लाई, अनरसा और पेड़ा का स्वाद विदेशों तक मशहूर
    Tourism

    Gaya’s Sweets: गया की तिलकुट, लाई, अनरसा और पेड़ा का स्वाद विदेशों तक मशहूर

    Janta YojanaBy Janta YojanaNovember 8, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Tilkut Lai and Anarsa

    Gaya’s sweets: भगवान बौद्ध की धरती बिहार अपने ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पहचान के साथ ही साथ पूरी दुनिया में अपनी परंपरा, संस्कृति और खानपान की समृद्ध विरासत के लिए भी मशहूर है। खासतौर से गया में मौजूद विष्णुपद मंदिर और बोधगया जैसे पवित्र स्थलों के साथ-साथ यह जगह पारंपरिक मिठाइयों के लिए भी उतनी ही ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां की पारंपरिक मिठाइयां सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि पुरातन संस्कृति की पहचान बन चुकी हैं। जो पीढ़ियों से चली आ रही है जिनका अनोखा स्वाद आज विदेशों तक अपनी मिठास फैला रहा है। गया की मिठाइयां अनोखे स्वाद के साथ यह सामाजिक जुड़ाव और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक हैं। विवाह, पूजा या कोई पारिवारिक आयोजन बिना इन मिठाइयों के अधूरा माना जाता है।

    आइए जानते हैं (बिहार) गया, की इन मशहूर मिठाइयों से जुड़े महत्व के बारे में –

    गयाजी की मिठाईयों का इतिहास और पहचान

    गया की मिठाइयों का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। माना जाता है कि यहां के कारीगरों ने पारंपरिक भारतीय व्यंजनों को एक अनोखा स्थानीय रूप दिया। समय के साथ ये मिठाइयां केवल स्थानीय उत्सवों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि अब यह देश-विदेश के बाजारों में भी अपनी जगह बना चुकी हैं। खास बात यह है कि आज भी गया के मिठाई कारोबारी इन्हें तैयार करने में वही पुराने तरीकों का ही इस्तेमाल करते आ रहें हैं। इन मिठाइयों को तैयार करने में शुद्ध देसी घी, गुड़, तिल और खोया जैसी प्राकृतिक सामग्री का ही प्रयोग होता है।

    तिलकुट मिठाई बन चुकी है गया की पहचान

    बिहार के गयाजी का तिलकुट देशभर में अपनी खास मिठास और पारंपरिक स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। तिल और गुड़ या चीनी से बनी यह मिठाई विशेष रूप से मकर संक्रांति के समय अधिक पसंद की जाती है। लेकिन अब यह सालभर उपलब्ध रहती है और भारत के लगभग हर राज्य में इसकी सप्लाई होती है।

    यहां के कारीगर कड़ाही में तिल को सुनहरा भूनकर और हाथों से दबाकर तिलकुट तैयार करते हैं। इसका स्वाद कुरकुरा और लंबे समय तक टिकने वाला होता है। गया के प्रमोद तिलकुट और हरिहर तिलकुट जैसे ब्रांड आज विदेशों तक अपने उत्पाद भेज रहे हैं।

    स्वाद का खजाना है अनरसा – चावल और गुड़ की लाजवाब जोड़ी

    गया का अनरसा त्योहारों की शुभ मिठाई मानी जाती है। चावल के आटे, गुड़ और घी से बनी यह मिठाई बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती है। इसे धीमी आंच पर तलने से इसका स्वाद लंबे समय तक ताजा बना रहता है।

    खासतौर से बरसाती मौसम और दीपावली या छठ पूजा के अवसर पर यह मिठाई हर घर की थाली में जरूर दिखाई देती है। गया के लोग मानते हैं कि अनरसा सिर्फ मिठाई नहीं, घर की सौभाग्य का प्रतीक है।

    गर्मी की मिठाई नाम से मशहूर है लाई

    गया की लाई एक ऐसी पारंपरिक मिठाई है जो पीढ़ियों से बनती आ रही है। इसे रामदाना (राजगिरा) और खोया से बनाया जाता है। गर्मी के मौसम में इसका सेवन शरीर को ठंडक देता है, इसलिए इसे गर्मी की मिठाई भी कहा जाता है।

    स्थानीय लोग इसे खोबी की लाई” के नाम से जानते हैं। शादी-ब्याह और तिलक जैसे अवसरों पर यह मिठाई शुभ मानी जाती है। आज भी गया के हर मोहल्ले में कोई न कोई परिवार इस पारंपरिक विधि से लाई तैयार करता है।

    खास मिठास और शुद्धता के लिए दूर-दूर तक मशहूर है गया का लड्डू

    गया का लड्डू अपनी खास मिठास और शुद्धता के लिए दूर-दूर तक मशहूर है। यहां बूंदी लड्डू खास पहचान रखता है। स्थानीय दुकानदारों में प्रमोद लड्डू का नाम सबसे प्रमुख है, जिनकी लड्डू की डिमांड न केवल गया और पटना में, बल्कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता तक है। शुद्ध घी, महीन बूंदी और पारंपरिक मिश्रण से बना गया का लड्डू हर त्योहार की शान बन चुका है।

    विष्णुपद मंदिर में प्रतिदिन भोग के रूप में अर्पित होता है केसरिया पेड़ा

    गया का केसरिया पेड़ा स्वाद और भक्ति का अनोखा मिश्रण है। खोया, दालचीनी, केसर, गुलाब और बड़ी इलायची से तैयार यह पेड़ा न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत पवित्र माना जाता है।

    विष्णुपद मंदिर में प्रतिदिन यह पेड़ा भगवान विष्णु को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। यही कारण है कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु इसे प्रसाद के रूप में अपने साथ ले जाते हैं। पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से आने वाले श्रद्धालु इस पेड़े को खास तौर पर खरीदते हैं।

    विदेशों तक पहुंची गया की मिठास

    आज के समय में गया की मिठाइयों का बाजार केवल बिहार तक सीमित नहीं है। इनका निर्यात नेपाल, भूटान, अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों तक किया जाता है। खासकर मकर संक्रांति के समय तिलकुट की भारी डिमांड रहती है।

    गया के कई पारंपरिक कारोबारी अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मिठाई विदेशों तक भेज रहे हैं। एयर-टाइट पैकिंग और वैक्यूम सीलिंग जैसी आधुनिक तकनीकों ने इन पारंपरिक स्वादों को और भी लंबा जीवन दिया है।

    सरकार और स्थानीय प्रयास

    बिहार सरकार ने गया के तिलकुट और अन्य मिठाइयों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग दिलाने की दिशा में पहल की है, ताकि इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके। इसके अलावा, स्थानीय उद्योग विभाग द्वारा ‘गया मिठाई क्लस्टर योजना’ के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleAttahas Temple: आस्था और भूतिया रहस्य से भरा 5000 साल पुराना मंदिर-दिसंबर में जहां लगता है भव्य मेला
    Next Article Ayodhya Ramayan Theme Park: गुप्तारघाट पर लगेगी देश की सबसे ऊंची रावण प्रतिमा
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    Dudhwa mei Paryatan ke Liye New Chapter: जंगल सफारी के साथ योग, मेडिटेशन और लग्जरी कॉटेज की सुविधा

    November 15, 2025

    Pongola River mei Kayaking: आइए जाने दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में एक यादगार सफर के बारे में

    November 15, 2025

    Bihar Ka Anokha Mandir: चमत्कार से भरपूर है बिहार का ये मंदिर, बलि की ऐसी प्रथा, सुन चौंक जाएंगे आप

    November 15, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.