Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • क्या अमेरिका ईरान पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है?
    • तमिलनाडु की कीलडी सभ्यता पर केंद्र से विवाद, ASI निदेशक को क्यों हटाया गया?
    • Satya Hindi News Bulletin। 18 जून, शाम तक की ख़बरें
    • Satya Hindi News Bulletin। 18 जून, सुबह तक की ख़बरें
    • कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर लगा ब्रेक-ओला, उबर, रैपिडो को झटका…क्या अन्य राज्य भी उठा सकते हैं यही कदम
    • ईरान के खामेनेई ने किसके लिए और क्यों कहा- ‘जंग शुरू…अली खैबर में आ गए हैं’
    • Beach in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में भी है बीच का मजा! पूरनपुर का ‘मिनी गोवा’ आपको कर देगा हैरान
    • Live: ईरान ने इसराइल पर और मिसाइलें दागीं, आईडीएफ ने तेहरान में हमले किए
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » History of Kaushambi: बहुत ही रोचक है ये इतिहास, रामायण से महाभारत तक जुड़ी है इस की कहानी
    Tourism

    History of Kaushambi: बहुत ही रोचक है ये इतिहास, रामायण से महाभारत तक जुड़ी है इस की कहानी

    By January 21, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    History of Kaushambi

    History Of Kaushambi: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले का इतिहास बहुत पुराना है यह प्राचीन वत्स देश की राजधानी थी कौशाम्बी का उल्लेख रामायण व महाभारत में भी मिलता है और इस स्थान का उल्लेख हरिवंश पुराण में भी प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश का कौशांबी एक ऐसा जिला हैं जिसको लोग द्वाबा के नाम से भी जानते हैं जो दो नदियों के बीच में बसा शहर है जहां एक तरफ गंगा नदी की धारा बहती वहीं दूसरी तरफ यमुना नदी की धारा बहती हुई प्रयागराज की ओर बढ़ती है |

    कौशांबी के चारों तरफ अलग-अलग जिलों की पहचान भी है जिनके बारे में आप सब जानते हैं आइये बताते हैं किस दिशा की तरफ कौन से जिले पड़ते हैं बात करे पश्चिम की तरफ तो फतेहपुर जिला का सीमा है पूरब की तरफ प्रयागराज की सीमा ,दक्षिण की तरफ चित्रकूट की सीमा ,उत्तर की तरफ प्रतापगढ़ की सीमा है अगर हम बात करें तो 4 अप्रैल 1997 को इलाहाबाद जिले से बना था लेकिन इसका इतिहास क्या है इसके पहले का वो भी हम बताएंगे |

    क्योंकि कौशांबी पहले प्रयागराज जिले में आता था इससे पहले प्रयागराज के नाम से जानते थे। इस जिले में तीन तहसील हैं जो मंझनपुर, सिराथू, चायल के नाम से जाने जाते हैं इस जिले का मुख्यालय मंझनपुर तहसील में बसा है और इस जिले में आठ ब्लॉक और 14 थाने आते हैं ।

    आइये जानते है कौशांबी का इतिहास –

    जिले का इतिहास रामायण कालीन है। यह जगह महाभारत के 16वें क्षेत्रों में से एक है जो वत्स महाजनपद के राजा उदयन की राजधानी थी। यमुना के किनारे इसकी स्थापना चेदी राजकुमार कुश या कुशंबा ने की थी। इसलिए कालांतर में इसका नाम कौशांबी हुआ।

    रामायण में इसका इतिहास कुछ ऐसे है –

    जबकि रामायण में इस नगरी को कुश के पुत्र कुशम्ब ने स्थापित बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि कौशाम्बी का चरवा गांव भगवान श्रीराम के वन गमन से जुड़ा हुआ है। भगवान श्रीराम के नाम पर है यहां तलाब लोगों का ऐसा मानना है कि श्रृंगवेरघाट से गंगा पार उतरने के बाद भगवान श्रीराम ने वन में अपनी पहली रात यहीं गुजारी थी। चरवा मंदिर के नजदीक एक बड़ा सा तलाब है। इसे आज भी लोग रामजूठा तालाब के नाम से जानते हैं।

    इसका नाम कुछ इस वजह से पड़ा है, वन गमन के समय भगवान श्रीराम यहां सुबह उठकर स्नान किए थे, इसलिए इस तालाब को रामजूठा कहते हैं। इसके अनेक साहित्यिक प्रमाण मिलते है। शतपथ और गौपथ ब्राह्मणों में इसका उल्लेख अप्रत्यक्ष रूप से किया गया है। इन दोनों ग्रंथों से पता चलता है कि उद्दालक आरूणि का एक शिष्य कौशाम्बेय अर्थात कौशाम्बी का रहने वाला भी कहलाता था।

    महाभारत में इसका इतिहास कुछ ऐसे है –

    महाभारत के अनुसार कौशांबी की स्थापना चेदिराज के पुत्र उपरिचर वसु ने की थी। पुराणों के अनुसार युधिष्ठर से सातवीं पीढ़ी के राजा परीक्षित के वंशज निचक्षु जब हस्तिनापुर के नरेश थे। तब राजधानी हस्तिनापुर गंगा में बह गई थीं। उसके बाद वे वत्स देश की कौशांबी नगरी में आकर बस गए।

    इसी वंश की 26वीं पीढ़ी में बुद्ध के समय में कौशांबी के राजा उदयन थे। गौतम बुद्ध के समय में कौशांबी अपने ऐश्वर्य पर था। जातक कथाओं तथा बौद्ध साहित्य में कौशांबी का वर्णन अनेक बार आया है जिसमें कालिदास, भास और क्षेमेन्द्र कौशांबी नरेश उदयन से संबंधित अनेक लोककथाओं की पूरी तरह से जानकारी थी।

    कौशांबी को भारत में भगवान बुद्ध के इतिहास से कैसे जानते हैं –

    कौशांबी को भारत में भगवान बुद्ध के जीवनकाल के छह समृद्ध शहरों में से एक माना जाता है। यह स्थल देश के चारों कोनों से व्यापार और वाणिज्य के केंद्र होने से खास था। शहर में खुदाई के दौरान कई पुराने सिक्के, प्रतिमाएं, स्तूप आदि निकले हैं। जो यहां के गौरवशाली इतिहास की दास्ता बयां करते हैं। यहां पर अशोक स्तंभ, एक जैन मंदिर, एक पत्थर का किला और घोषिताराम मठ है। इस जगह भगवान बुद्ध बोध ज्ञान प्राप्त होने के छठवें और नौवें साल में उपदेश देने आए थे।

    घोषिताराम विहार –

    बौद्ध धर्म ग्रंथों में घोषिताराम विहार का उल्लेख मिलता है। इस मठ का निर्माण भगवान बुद्ध के जीवनकाल के दौरान करवाया गया था। इसे एक व्यापारी घोषितराम ने करवाया था। वह भगवान बुद्ध का भक्त था और उसने बुद्ध और उनके शिष्यों के यात्रा के दौरान ठहरने को ध्यान में रखकर बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध इस क्षेत्र में अक्सर अपने शिष्यों के साथ यहां उपदेश देने के लिए आते थे। इस स्थल पर की गई खुदाई से मिले भग्नावेषों को इलाहबाद संग्रहालय में रखा गया है।

    बौद्ध ग्रंथ आवश्यक सूत्र की एक कथा में जैन भिक्षुणी चंदना का उल्लेख है, जो भिक्षुणी बनने से पूर्व कौशांबी के एक व्यापारी धनावह के हाथों बेच दी थी। कौशांबी नरेश शतानीक का भी उल्लेख है। इनकी रानी मृगावती विदेह की राजकुमारी थी। मौर्य काल में पाटलिपुत्र का गौरव अधिक बढ़ने से कौशांबी समृद्धिविहीन हो गई। फिर भी अशोक ने यहां प्रस्तर स्तंभ पर अपनी धर्मलिपियां संवत एक से छह तक उत्कीर्ण करवाई। इसी स्तंभ पर एक अन्य धर्मलिपि भी अंकित है जिससे बौद्ध संघ के प्रति अनास्था दिखाने वाले भिक्षुओं के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। इसी स्तंभ पर अशोक की रानी और तीवर की माता कारुवाकी का भी एक लेख है।

    इस के बारे में कुछ खास बातें जो एक लाइन में आपको बताते हैं –

    • कौशाम्बी को पहले कोसम के नाम से जाना जाता था ।
    • कौशाम्बी जिले में कौशांबी के नाम का गाँव यमुना नदी के बाएं किनारे पर बसा हुआ है ।
    • कौशाम्बी से इलाहाबाद की दूरी 55 किलोमीटर है ।
    • कौशाम्बी के खंडहरों से हज़ारों प्राचीन मूर्तियां और सिक्के मिले हैं ।
    • कौशाम्बी में जैन मंदिरों की भी काफ़ी संख्या है ।
    • कौशाम्बी में अशोक ने एक प्रस्तरस्तंभ बनवाया था ।
    • कौशाम्बी में गौतम बुद्ध ने अपने साधु जीवन के कुछ साल बिताए थे ।
    • कौशाम्बी में संस्कृत व्याकरण के प्रसिद्ध आचार्य कात्यायन ऋषि का जन्म हुआ था ।
    • कौशाम्बी में छठे तीर्थकर पद्म प्रभु का जन्म हुआ था ।
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमिथुन राशि में ग्रहों के सेनापति करेंगे प्रवेश, इन राशियों को रहना होगा सावधान!
    Next Article महाराष्ट्रः लाडकी बहिन योजना में कहां तो 2100/= देने चले थे, वहीं अब तमाम बहाने

    Related Posts

    कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर लगा ब्रेक-ओला, उबर, रैपिडो को झटका…क्या अन्य राज्य भी उठा सकते हैं यही कदम

    June 18, 2025

    Beach in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में भी है बीच का मजा! पूरनपुर का ‘मिनी गोवा’ आपको कर देगा हैरान

    June 18, 2025

    भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!

    June 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.