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    Home » History of Sri Lanka: सीलोन से कैसे बना श्रीलंका, आइए जानते हैं कैसे श्रीलंका ने ब्रिटेन से छीनकर अपना अलग देश बनाया
    Tourism

    History of Sri Lanka: सीलोन से कैसे बना श्रीलंका, आइए जानते हैं कैसे श्रीलंका ने ब्रिटेन से छीनकर अपना अलग देश बनाया

    By February 5, 2025No Comments7 Mins Read
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    History of Sri Lanka 

    Sri Lanka History In Hindi: श्रीलंका, जिसे पहले सीलोन (Ceylon) कहा जाता था, एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत वाला द्वीपीय देश है। यह हिंद महासागर में स्थित एक सुंदर द्वीप राष्ट्र है, जिसका भारत के साथ गहरा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रहा है। श्रीलंका का इतिहास (Sri Lanka Ka Itihas) हज़ारों साल पुराना है, जिसमें प्राचीन सभ्यताओं, बौद्ध धर्म के प्रसार, औपनिवेशिक शासन और स्वतंत्रता संग्राम की गाथाएं शामिल हैं। श्रीलंका का अंतर्राष्ट्रीय इतिहास भी समृद्ध रहा है। यह दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की स्थापना करने वाले सदस्यों में से एक है। श्रीलंका 22 मई, 1972 तक ब्रिटिश उपनिवेश था और उसके बाद इसे पूर्ण स्वतंत्रता मिली। यह देश लगभग 30 वर्षों तक गृहयुद्ध में फंसा रहा, जो 2009 में समाप्त हुआ।

    श्रीलंका हिंद महासागर में भारत के दक्षिण में स्थित एक द्वीप है। श्रीलंका हिंद महासागर से चारों ओर से घिरा हुआ एक द्वीप देश है। इसके उत्तर में भारत स्थित है, और इसके अलावा इसके आसपास कोई अन्य देश नहीं है। यह लगभग 65,610 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ की भौगोलिक स्थिति ने इसे प्राचीन समय से ही व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र बना दिया।

    प्राचीन मानव सभ्यता (50,000 ईसा पूर्व- 500 ईसा पूर्व)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    श्रीलंका में इंसानी बसावट के प्रमाण 50,000 वर्ष पुराने मिले हैं। प्रारंभिक निवासी ‘बालंगोडा मानव’ (Balangoda Man) थे, जिनका अस्तित्व पुरापाषाण काल में मिलता है। सिंधु घाटी सभ्यता के समकालीन यहाँ के लोग पत्थर और धातु के औजारों का उपयोग करते थे।

    सिंहलियों का आगमन और राज्य स्थापना (500 ईसा पूर्व- 300 ईसा पूर्व)

    श्रीलंका के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप से सिंहली लोगों का आगमन हुआ। महावंश (Mahavamsa) नामक प्राचीन ग्रंथ के अनुसार, 543 ईसा पूर्व में भारत से ‘प्रिंस विजया’ (Prince Vijaya) अपने अनुयायियों के साथ श्रीलंका पहुंचे और सिंहल साम्राज्य की स्थापना की।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    अनुराधापुर साम्राज्य (377 ईसा पूर्व – 1017 ईस्वी)- अनुराधापुर श्रीलंका का पहला प्रमुख साम्राज्य था, जिसकी स्थापना 377 ईसा पूर्व में हुई। सम्राट देवानांपिया तिस्सा (247-207 ईसा पूर्व) के शासनकाल में बौद्ध धर्म का आगमन हुआ। अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार किया। यह साम्राज्य कई शताब्दियों तक चला और इसे दक्षिण एशिया के सबसे समृद्ध राज्यों में गिना जाता था।

    पोलोन्नारुवा साम्राज्य (1017-1232 ईस्वी)- दक्षिण भारतीय चोल वंश ने 1017 ईस्वी में अनुराधापुर पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दिया। पोलोन्नारुवा में एक नया साम्राज्य स्थापित हुआ, जो कृषि और जल प्रबंधन के लिए प्रसिद्ध था। राजा पराक्रमबाहु प्रथम (1153-1186) ने इस साम्राज्य को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया।

    मध्यकालीन श्रीलंका और विदेशी आक्रमण (1232-1505 ईस्वी)

    13वीं शताब्दी में श्रीलंका में कई छोटे-छोटे राज्य उभरने लगे। इस दौरान भारत और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों का प्रभाव बढ़ने लगा। तमिल राज्य ‘जाफना साम्राज्य’ ने भी श्रीलंका के उत्तरी भाग में शासन किया।

    औपनिवेशिक युग: पुर्तगाली, डच और ब्रिटिश शासन (1505-1948)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    पुर्तगाली शासन (1505-1658)- 1505 में पुर्तगाली यात्री लौरेंजो डी अल्मेडा श्रीलंका पहुंचे। उन्होंने यहाँ के व्यापार और समुद्री मार्गों पर कब्ज़ा कर लिया। पुर्तगालियों ने बौद्ध धर्म के प्रसार को रोकने की कोशिश की और ईसाई धर्म को बढ़ावा दिया।

    डच शासन (1658-1796)- 1658 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने पुर्तगालियों को हराकर श्रीलंका पर कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने मसालों के व्यापार को नियंत्रित किया। इस दौरान देश में ईसाई मिशनरियों का प्रभाव बढ़ा।

    ब्रिटिश शासन (1796-1948)- 1796 में ब्रिटिशों ने श्रीलंका पर नियंत्रण किया और 1815 में इसे अपना उपनिवेश बना लिया। ब्रिटिश शासन में श्रीलंका में चाय, रबर और कॉफी की खेती शुरू हुई। 20वीं शताब्दी में स्वतंत्रता संग्राम तेज हुआ।

    स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक श्रीलंका (1948-वर्तमान)

    4 फरवरी 1948 को श्रीलंका को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली। श्रीलंका को ‘डोमिनियन ऑफ सीलोन’ नाम दिया गया। 22 मई 1972 को देश का नाम बदलकर ‘श्रीलंका’ कर दिया गया। नया संविधान लागू किया गया और इसे पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया।

    तमिल-सिंहली संघर्ष और गृहयुद्ध (1983-2009)- 1983 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राष्ट्र की माँग की।यह संघर्ष 26 वर्षों तक चला और 2009 में सरकारी सेना की जीत के साथ समाप्त हुआ।इस गृहयुद्ध ने देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने को गहरा नुकसान पहुँचाया।

    आधुनिक श्रीलंका- 2009 के बाद से श्रीलंका ने पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास की ओर ध्यान केंद्रित किया।पर्यटन, चाय उत्पादन, और व्यापार देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभ बने।हाल के वर्षों में श्रीलंका को आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा, लेकिन देश सुधार की ओर बढ़ रहा है।

    श्रीलंका की अद्भुत बातें (Sri Lanka Amazing Facts In Hindi)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    श्रीलंका में दो प्रमुख तमिल समुदाय हैं, जिनकी कुल संख्या 31 लाख से अधिक है। श्रीलंकाई तमिल (सीलोन या जाफना तमिल) लोग दक्षिण भारत से कई सदियों पहले श्रीलंका आए थे। 2012 की जनगणना के अनुसार, इनकी संख्या लगभग 23 लाख है। अपकंट्री तमिल (भारतीय तमिल) लोग 200 साल पहले ब्रिटिश शासन के दौरान आए थे और मलैयहा तमिल कहलाते हैं। इनकी संख्या लगभग 8.4 लाख है। दोनों तमिल समुदाय मुख्य रूप से हिंदू धर्म का पालन करते हैं और विशेष रूप से श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में निवास करते हैं।

    श्रीलंका का सबसे ऊँचा स्थान पेड्रो पर्वत है, जो सेना के नियंत्रण में होने के कारण आम जनता के लिए प्रतिबंधित है। देश का समुद्री तट 13,640 किलोमीटर लंबा है। श्रीलंका 2004 में आई सुनामी से भारी तबाही का सामना कर चुका है।

    श्रीलंका चाय का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। 1867 में दुनिया ने पहली बार श्रीलंकाई चाय के बारे में जाना। 1870 के दशक में कॉफी बागानों के नष्ट होने के बाद चाय उद्योग विकसित हुआ। श्रीलंका में 1876 से रबर उत्पादन हो रहा है।

    श्रीलंका को 4 फरवरी 1948 को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली। यह दक्षिण एशिया में प्रति व्यक्ति जीडीपी के आधार पर दूसरा सबसे समृद्ध देश है। श्रीलंका की आधिकारिक मुद्रा श्रीलंकाई रुपया है।

    श्रीलंका में सिंहली और तमिल दो आधिकारिक भाषाएँ हैं।यहाँ अर्ध-राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू है।

    गृहयुद्ध के दौरान श्रीलंका का उत्तरी भाग जाफना नाम से स्वतंत्र क्षेत्र बन गया था। लिट्टे (LTTE) के नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरण ने इस क्षेत्र पर शासन किया। इसी संगठन ने भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करवाई थी।

    सिंहली नामों में सामान्यतः पाँच शब्द होते हैं।यहाँ की प्रसिद्ध पारंपरिक शराब अरक है। श्रीलंका में लगभग 20,000 हाथी अब भी जीवित हैं, जो विश्व में सर्वाधिक हैं।यहाँ हाथी के गोबर से कागज भी बनाया जाता है।

    श्रीलंका का आधिकारिक नाम ‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट रिपब्लिक ऑफ श्रीलंका’ है। इसकी प्रशासनिक राजधानी श्री जयवर्धनापुरा कोट्टे है, जबकि कोलंबो मुख्य वाणिज्यिक केंद्र है।

    श्रीलंका में पूर्णिमा के दिन को ‘पोया डे’ कहा जाता है और यह सार्वजनिक अवकाश होता है।श्रीलंका अपने इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण एक महत्वपूर्ण राष्ट्र है।

    पर्यटन वीज़ा सभी देशों के नागरिक ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन यह सुविधा मालदीव और सिंगापुर के नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं है। वीज़ा 30 दिनों तक देश में रुकने की अनुमति देता है और इसे प्राप्त करने के छह महीने तक वैध रहता है। वीज़ा शुल्क, सार्क देशों के लिए $20 अमेरिकी डॉलर और अन्य देशों के लिए: $35 अमेरिकी डॉलर। सार्क देशों में नेपाल, भारत, भूटान, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं।

    श्रीलंका का इतिहास संघर्ष, समृद्धि और बदलाव से भरा हुआ है। यह देश भारतीय उपमहाद्वीप के साथ गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध रखता है। बौद्ध धर्म, औपनिवेशिक शासन, स्वतंत्रता संग्राम और गृहयुद्ध के प्रभावों ने इसे एक अद्वितीय पहचान दी है। आज श्रीलंका दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण राष्ट्र है, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

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