Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Politician Sunil Tatkare Wikipedia: रायगढ़ से दिल्ली तक, सत्ता, संगठन और सवालों के बीच एक जमीनी नेता
    • Raebareli News; रायबरेली में महिला की हत्या पर गरमाई सियासत, सपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा – ये ‘सरकार की नाकामी’
    • राजनाथ सिंह: विचार, मिशन और मंत्री, भारत के रक्षा प्रमुख के जीवन और नेतृत्व पर एक दर्पण
    • Akhilesh Yadav news : हमें ‘ट्युशन’ दे रही सरकार…
    • Bihar Voter List Hearing: ‘साबित करिए, चुनाव आयोग गलत कर रहा’, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल
    • Baroda Riyasat Ka Itihas: बड़ौदा रियासत का भारत मे विलय क्यों हुआ, क्या था इतिहास, क्या थी पूरी कहानी , चलिए समझते हैं
    • राजपालसिंह महेंद्रसिंह जाधव: एक किसान पुत्र से सांसद तक, पंचमहल की उम्मीद की नई आवाज़
    • ऑर्डर- ऑर्डर! बिहार की वोटर लिस्ट पर बवाल, सुप्रीम कोर्ट में दो पक्षों के बीच घमासान
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Indian Freedom Fighter: जानें सैफुद्दीन किचलू के बारे में, जो थे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक
    राजनीति

    Indian Freedom Fighter: जानें सैफुद्दीन किचलू के बारे में, जो थे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक

    By January 16, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Indian Freedom Fighter Saifuddin Kitchlew Ka Jayanti Parichay (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Saifuddin Kitchlew Kon The: डॉ. सैफुद्दीन किचलू (Dr. Saifuddin Kitchlew) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अद्वितीय नेता और सामाजिक समरसता के पैरोकार थे। वे अखिल भारतीय खिलाफत समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए गए थे। इस आंदोलन का उद्देश्य इस्लामी दुनिया में धार्मिक एकता स्थापित करना और मुसलमानों को तुर्की के खलीफा के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना था। उस समय भारत के मुसलमान तुर्की के खलीफा को अपना धार्मिक गुरु मानते थे।

    प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Saifuddin Kitchlew Biography In Hindi)

    सैफुद्दीन किचलू का जन्म 15 जनवरी 1888 को पंजाब के अमृतसर में एक संपन्न कश्मीरी मुस्लिम परिवार में हुआ। उनका परिवार शिक्षा और व्यवसाय के क्षेत्र में काफी प्रतिष्ठित था। किचलू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमृतसर में पूरी की। इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए यूरोप और इंग्लैंड का रुख किया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे लंदन गए, जहां उन्होंने बार एट लॉ की डिग्री हासिल की। उन्होंने जर्मनी में भी अध्ययन किया और वहां के समाज और राजनीति को करीब से समझा।

    स्वतंत्रता संग्राम में योगदान (Saifuddin Kitchlew’s Contribution To Freedom Struggle)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ाव- सैफुद्दीन किचलू ने 1919 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की। वे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जैसे नेताओं के करीबी सहयोगी बन गए।

    रॉलेट एक्ट का विरोध- 1919 में ब्रिटिश सरकार ने रॉलेट एक्ट लागू किया, जो प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर रोक लगाने वाला कानून था। किचलू ने इस अन्यायपूर्ण कानून का विरोध किया और इसके खिलाफ व्यापक जन आंदोलन का नेतृत्व किया।

    जलियांवाला बाग हत्याकांड- 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश जनरल डायर ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गएइस घटना के बाद सैफुद्दीन किचलू ने स्वतंत्रता संग्राम को और तेज़ करने का प्रण लिया।उन्हें इस घटना के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया, और उनकी गिरफ्तारी के बाद पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।

    असहयोग आंदोलन में भूमिका- महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुए असहयोग आंदोलन (1920) में किचलू ने सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रिटिश प्रशासन के खिलाफ व्यापक जन-जागरण अभियान चलाया और लोगों को स्वदेशी वस्त्र अपनाने और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित किया।

    सैफुद्दीन किचलू का समाज सुधारक रूप

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण- किचलू ने हमेशा हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए काम किया।

    शिक्षा का प्रचार प्रसार- उन्होंने शिक्षा को समाज सुधार का महत्वपूर्ण साधन माना। वे चाहते थे कि हर व्यक्ति शिक्षित हो और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो।

    महिलाओं के अधिकारों की वकालत- किचलू ने महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों की वकालत की। उनका मानना था कि स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है।

    महत्वपूर्ण उपलब्धियां

    अखिल भारतीय कांग्रेस में योगदान- सैफुद्दीन किचलू 1924 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष बने। उन्होंने इस मंच से स्वतंत्रता संग्राम की रणनीतियों को बढ़ावा दिया।

    किचलू समिति की स्थापना- जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद, किचलू ने इस घटना की जांच और ब्रिटिश सरकार की निंदा के लिए किचलू समिति का गठन किया।

    स्वदेशी आंदोलन का प्रचार- उन्होंने विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    सांस्कृतिक और धार्मिक सद्भाव- किचलू ने हमेशा सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया और धार्मिक विभाजन के खिलाफ काम किया।

    खिलाफत आंदोलन का अंत

    तुर्की ने जब धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने का निर्णय लिया, तो खिलाफत आंदोलन भारत में असफल हो गया। इस घटनाक्रम ने किचलू को इस्लामिक एकजुटता की सीमाओं का बोध कराया। इसके बाद उन्होंने सांप्रदायिक वैमनस्य के माहौल में एकजुट राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने का प्रयास किया।

    उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “भारत का सबसे बड़ा दुश्मन ब्रिटिश साम्राज्यवाद है, और इसे केवल हिंदू और मुसलमानों के एकजुट प्रयासों से हराया जा सकता है।” किचलू धार्मिक आधार पर विभाजन के घोर विरोधी थे। उन्होंने तर्क दिया कि यदि भारत का विभाजन होता है, तो मुसलमानों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति और अधिक बदतर हो जाएगी।

    ब्रिटिश सरकार के साथ संघर्ष

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    किचलू को स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई बार गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी ने जनता को और अधिक आक्रोशित किया और स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत बनाया।ब्रिटिश सरकार ने उनके भाषणों और आंदोलनों पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन उन्होंने हर परिस्थिति में अपने संघर्ष को जारी रखा।

    आजादी के बाद का जीवन- सैफुद्दीन किचलू ने स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण में योगदान दिया। हालांकि वे सक्रिय राजनीति से दूर रहे, लेकिन उन्होंने हमेशा सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों पर काम किया। उन्होंने अपने अंतिम वर्षों में शांति और सामुदायिक सौहार्द के लिए काम किया। डा. किचलू ने देश के बंटवारे का कड़ा विरोध किया। उनका कहना था कि सांप्रदायिकता के आगे राष्ट्रियता को सरेंडर किया जा रहा है। यह अलग बात है कि 1947 के दंगों में अमृतसर स्थित उनका घर भी जला दिया गया था। इसके बाद से वह दिल्ली में रह रहे थे। जीवन के अंतिम वर्षों में वाम दलों के साथ उनकी अधिक निकटता रही।

    उनके योगदान को याद करते हुए अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक उनकी वीरता और बलिदान को समर्पित है।कला, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए सैफुद्दीन किचलू अवॉर्ड की स्थापना की गई।वे आज भी स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के प्रतीक हैं। उनका जीवन हर भारतीय को देशभक्ति और त्याग की प्रेरणा देता है।

    पूर्ण स्वराज और किचलू की सोच

    पंडित नेहरू और सैफुद्दीन किचलू दोनों पूर्ण स्वराज के समर्थक थे। किचलू का मानना था कि भारतीय स्वतंत्रता केवल भारतीयों के आत्मनिर्भर प्रयासों से ही संभव है।

    लेनिन शांति पुरस्कार

    सैफुद्दीन किचलू को उनके योगदान के लिए 1952 में लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे यह पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय थे। सैफुद्दीन किचलू का निधन- 9 अक्टूबर, 1963 को सैफुद्दीन किचलू का निधन हुआ। उनके निधन के बाद भी उनकी विचारधारा और योगदान को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमर कर दिया गया।अपने जीवन में वह करीब 14 वर्ष तक जेल में रहे। वह जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापक सदस्य भी थे।

    सैफुद्दीन किचलू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन महानायकों में से एक थे, जिन्होंने न केवल अपनी जान की परवाह किए बिना आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज सुधार और सांप्रदायिक सौहार्द को भी बढ़ावा दिया। उनके बलिदान और संघर्ष ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उनकी विरासत हमें यह सिखाती है कि देशभक्ति, त्याग और सेवा का मार्ग ही सच्चे नेतृत्व का परिचायक है। सैफुद्दीन किचलू का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत है और उनकी कहानी स्वतंत्रता संग्राम का गौरवशाली अध्याय है।

    किचलू का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा राष्ट्रवाद न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता में है, बल्कि समाज में शांति, सद्भाव और समानता स्थापित करने में भी है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleभागवत की ‘सच्ची आज़ादी’ में आंबेडकर और भगत सिंह को देश-निकाला मिलेगा!
    Next Article सैफ अली ख़ान पर कैसे हुआ हमला, कटघरे में फडणवीस सरकार

    Related Posts

    Politician Sunil Tatkare Wikipedia: रायगढ़ से दिल्ली तक, सत्ता, संगठन और सवालों के बीच एक जमीनी नेता

    July 10, 2025

    Raebareli News; रायबरेली में महिला की हत्या पर गरमाई सियासत, सपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा – ये ‘सरकार की नाकामी’

    July 10, 2025

    राजनाथ सिंह: विचार, मिशन और मंत्री, भारत के रक्षा प्रमुख के जीवन और नेतृत्व पर एक दर्पण

    July 10, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.