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    Kanchipuram Temple Story: सारे शिव भक्तों के लिए स्वर्ग है हज़ार मंदिरों का शहर कांचीपुरम, जहां सावन में उमड़ता है शिवभक्तों का हुजूम

    Janta YojanaBy Janta YojanaJuly 15, 2025No Comments6 Mins Read
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    Kanchipuram Temple Story in Sawan(Image Credit-Social Media)

    Kanchipuram Temple Story in Sawan(Image Credit-Social Media)

    Kanchipuram Temple Story in Sawan: भारत के मंदिर शहरों की बात हो और कांचीपुरम का जिक्र न हो, यह संभव नहीं। ‘हज़ार मंदिरों का शहर’ कहलाने वाला कांचीपुरम, तमिलनाडु का एक प्राचीन तीर्थ स्थल है, जहां हर गली, हर पत्थर भक्ति और इतिहास से सराबोर है। खासतौर से सावन का महीना, जो भगवान शिव की उपासना का प्रमुख समय माना जाता है। इस नगर में श्रद्धा और आस्था का उत्सव बन जाता है। इस मौसम में कांचीपुरम के मंदिरों की यात्रा एक ऐसी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती है, जो जीवन भर स्मृतियों में बसी रहती है। आइए जानते हैं, कांचीपुरम के उन प्रमुख मंदिरों के बारे में, जहां सावन के अवसर पर दर्शन और पूजन का विशेष महत्व है।

    कांचीपुरम मंदिर धार्मिकता और विरासत का प्रतीक

    कांचीपुरम केवल मंदिरों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी पौराणिक महत्ता, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यह नगर शिव और विष्णु भक्तों दोनों का तीर्थ स्थल है, जहां द्रविड़ वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण देखे जा सकते हैं। सावन के महीने में यहां का माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है। इस पवित्र समय में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है और हर मंदिर में चंदन और धूप की सुगंध के बीच भजन, कीर्तन, अभिषेक और रुद्राभिषेक की गूंज सुनाई देती है।

    वामन अवतार की दिव्यता का प्रमाण है उलगलंथा पेरुमल मंदिर

    यह मंदिर भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित है और इसका स्थापत्य अपने आप में अद्भुत है। विशाल प्रांगण में स्थित यह मंदिर द्रविड़ शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर परिसर में चार दिव्य देसमों की स्थापना इसे विशेष बनाती है। सावन में यहां वामन जयंती और वैकुंठ एकादशी का उल्लास देखते ही बनता है। वार्षिक रथ उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। इतिहास प्रेमियों और आध्यात्मिक यात्रियों के लिए यह मंदिर एक यादगार अनुभव का केंद्र साबित होता है।

     वैष्णवों का तीर्थ वरदराज पेरुमल मंदिर

    भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर भी 108 दिव्य देसमों में से एक है। थिरु काची अथवा अथिगिरि कोइल के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर भक्ति और श्रद्धा का केंद्र है। इसकी भव्यता और धार्मिक आयोजन इसे तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। सावन में विशेष पूजा, वैकुंठ एकादशी और नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भव्य सजावट और धार्मिक आयोजनों की धूम रहती है।

     शक्ति और श्रद्धा का संगम कामाक्षी अम्मन मंदिर

    कांचीपुरम स्थित कामाक्षी अम्मन मंदिर देवी कामाक्षी को समर्पित है और 51 शक्तिपीठों में इसका विशिष्ट स्थान है। यहां देवी की प्रतिमा को स्वर्ण जड़ित विमान में प्रतिष्ठित किया गया है। मंदिर का शांत वातावरण, उसकी भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। सावन के महीने में यहां विशेष पूजा, मां के श्रृंगार और भजन संध्या का आयोजन होता है। मासी महोत्सव के दौरान यह मंदिर भक्तों से भरा रहता है।

     प्राचीनतम शिव मंदिर का वैभव कैलासनाथर मंदिर

    कांचीपुरम का कैलाशनाथ मंदिर, जिसे कांची कैलासनाथर मंदिर भी कहा जाता है। इस नगर का सबसे पुराना जीवित मंदिर है। इसका निर्माण 700 ईस्वी में पल्लव राजा नरसिंहवर्मन द्वितीय ने करवाया था। मंदिर की द्रविड़ वास्तुकला, नक्काशी और शिव के विविध रूपों की मूर्तियां इसे अद्वितीय बनाती हैं। सावन में यहां विशेष रुद्राभिषेक, महाशिवरात्रि, थाई पूसम और ब्रह्मोत्सव का आयोजन श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

     सावन में कांचीपुरम की विशेषता

    सावन शिवभक्ति का महीना है। इस दौरान कांचीपुरम के हर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है। भक्त कांवर लेकर भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। मंदिरों में रुद्राभिषेक, महाआरती, शिवपुराण पाठ और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होते हैं। मंदिरों की सजावट, भजन-कीर्तन की स्वर लहरियां और भक्तों की भीड़ से वातावरण आध्यात्मिक हो उठता है।

    कांचीपुरम की पौराणिक महत्ता

    पौराणिक मान्यता है कि कांचीपुरम सप्त पुरियों में से एक है। यह स्थान शिव, विष्णु और शक्ति उपासकों का केंद्र है। यहां स्थित मंदिरों का उल्लेख विभिन्न पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। आदि शंकराचार्य से लेकर विभिन्न संतों और भक्तों ने यहां साधना की है।

     अचरज का केंद्र है मंदिरों के वास्तुशिल्प की भव्यता

    कांचीपुरम के मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इनकी ऊंची गोपुरम, विस्तृत प्रांगण, भव्य सभा मंडप और नक्काशीदार स्तंभ वास्तुकला प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। पल्लव, चोल और विजयनगर शासकों ने इन मंदिरों के निर्माण और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    सावन में होने वाले प्रमुख धार्मिक आयोजनों में रुद्राभिषेक और महा आरती बेहद खास होती है। सावन के प्रत्येक सोमवार को शिव मंदिरों में विशेष रुद्राभिषेक और महा आरती होती है।वहीं मंदिरों में भजन मंडलियां भक्ति गीतों का आयोजन करती हैं।

    इस खास अवधि में आसपास के गांवों और शहरों से भक्त कांवड़ लेकर कांचीपुरम दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा विशेष अवसरों पर रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

    सावन में मंदिरों में भंडारे और अन्नदान का आयोजन होता है। जिसमें असंख्य संख्या में लोग प्रसाद गृहण करते हैं।

    कांचीपुरम केवल धार्मिक नगरी ही नहीं, बल्कि कला, संगीत और संस्कृति का भी केंद्र है। मंदिरों में होने वाले संगीत समारोह, नृत्य कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन इस नगर की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए रखते हैं।

     पर्यटन के दृष्टिकोण से कांचीपुरम

    पर्यटकों के लिए कांचीपुरम एक आदर्श स्थल है, जहां वे आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य कला का आनंद भी ले सकते हैं। यहां की गलियां, बाजार, रेशमी वस्त्र और लोक परंपराएं पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहां की रेशमी साड़ियां विश्वप्रसिद्ध हैं।

     यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय

    सावन का महीना कांचीपुरम की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है, जब यहां का वातावरण भक्तिमय होता है। जुलाई-अगस्त के दौरान यहां आने से आप धार्मिक उत्सवों का सजीव अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा महाशिवरात्रि, वैकुंठ एकादशी और नवरात्रि के समय भी यह स्थान विशेष रूप से आकर्षक होता है।

     कैसे पहुंचे कांचीपुरम

    रेल मार्ग- कांचीपुरम चेन्नई और अन्य प्रमुख शहरों से रेल मार्ग से जुड़ा है।

    सड़क मार्ग – राज्य परिवहन की बसें और निजी वाहन सुविधा उपलब्ध है।

    हवाई मार्ग – चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यहां से लगभग 75 किमी दूर है।

    सावन के महीने में कांचीपुरम की यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि संस्कृति, विरासत और भक्ति का अद्वितीय संगम है। यहां के मंदिरों की भव्यता, आध्यात्मिक माहौल और सांस्कृतिक समृद्धि यात्रियों को अनूठा अनुभव देती है। अगर आप इस सावन में एक ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां आपको भक्ति, शांति और सांस्कृतिक वैभव एक साथ मिले, तो कांचीपुरम आपके लिए आदर्श डेस्टिनेशन है।

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