
Manohar Lal Khattar Wikipedia
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Manohar Lal Khattar Wikipedia: हरियाणा की राजनीति में मनोहर लाल खट्टर एक ऐसे नेता के रूप में उभरे, जिन्होंने परंपरागत जाट वर्चस्व की राजनीति को चुनौती देते हुए राज्य के पहले पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई। एक प्रचारक से मुख्यमंत्री तक का उनका सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि भारतीय राजनीति में संगठन आधारित नेतृत्व की मिसाल भी है।
मनोहर लाल खट्टर वर्तमान में भारत सरकार में केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 9 जून, 2024 को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल (मोदी 3.0) में इस पद की शपथ ली थी। इससे पहले वे अक्टूबर 2014 से मार्च 2024 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्णकालिक प्रचारक रहे हैं और 1994 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए। उनका राजनीतिक जीवन सादगी, सेवा और पारदर्शिता के लिए जाना जाता है।
जन्म और प्रारंभिक जीवन

मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 को हरियाणा के रोहतक जिले के निदाना गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। वे पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जिनका परिवार 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान के मोंटगोमेरी (अब साहीवाल) जिले से भारत आकर रोहतक में बस गया था। खट्टर का बचपन कठिनाइयों भरा रहा, लेकिन उन्होंने इन संघर्षों को अपने आत्मविकास का आधार बनाया। उन्होंने किशोरावस्था में ही अपने पारिवारिक खेतों में काम करना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें ग्रामीण जीवन की जमीनी समझ मिली। यह अनुभव बाद में उनके प्रशासनिक फैसलों में दिखाई दिया।
शिक्षा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव

खट्टर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रोहतक में प्राप्त की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए। 1977 में उन्होंने संघ के पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में जीवन समर्पित किया।
उन्होंने 14 वर्षों तक संघ के विभिन्न संगठनों में कार्य करते हुए अनुशासन, संगठन और विचारधारा की गहन समझ विकसित की। इस दौरान उन्होंने हरियाणा और उससे सटे राज्यों में संगठन निर्माण और जनसंपर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजनीति में प्रवेश

1994 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद खट्टर ने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। प्रारंभ में वे हरियाणा भाजपा के संगठन मंत्री रहे। उनके काम करने की शैली, अनुशासन और ईमानदारी ने उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का विश्वासपात्र बना दिया। उन्होंने 2005 और 2009 के बीच पार्टी की हरियाणा इकाई में संगठनात्मक मजबूती के लिए कार्य किया और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की।
2014 का चुनाव और मुख्यमंत्री पद की चढ़ाई

2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया। करनाल विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आए खट्टर को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और 26 अक्टूबर 2014 को उन्होंने राज्य के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। खास बात यह रही कि वे हरियाणा के पहले गैर-जाट मुख्यमंत्री बने, जो राज्य की जातीय राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत था। इससे पहले राज्य में जाट समुदाय का प्रभुत्व रहा है, लेकिन भाजपा ने अपने संगठन और जातिगत समीकरणों को नए सिरे से गढ़ते हुए खट्टर को सामने लाकर बड़ा दांव खेला, जो सफल रहा।
प्रशासनिक दृष्टिकोण और कामकाज की शैली
मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री रहते हुए पारदर्शिता और डिजिटल गवर्नेंस पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री विंडो, ऑनलाइन शिकायत प्रणाली, ई-बिलिंग और ई-रजिस्ट्रेशन जैसे नवाचारों को बढ़ावा दिया, जिससे आम जनता को सरकारी सेवाओं का सीधा लाभ मिला। इसके अलावा, खट्टर ने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को सख्ती से लागू किया और नौकरशाही में जवाबदेही की भावना को मजबूत किया। उनके कार्यकाल में विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाई गई, जिससे युवाओं में सरकारी तंत्र पर भरोसा बढ़ा।
पुनः निर्वाचित और दूसरे कार्यकाल की चुनौतियां
2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से मनोहर लाल खट्टर ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। गठबंधन की राजनीति और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों ने उनके दूसरे कार्यकाल को काफी चुनौतीपूर्ण बना दिया। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा में व्यापक आंदोलन हुए, जिनसे खट्टर सरकार को विपक्ष की तीखी आलोचना झेलनी पड़ी। हालांकि, उन्होंने आंदोलन को संभालने में संयम और सख्ती दोनों का संतुलन बनाए रखा।
त्यागपत्र और उत्तराधिकारी
12 मार्च,2024 को मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। इसके साथ ही हरियाणा भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन हुआ और नायब सिंह सैनी को नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। खट्टर का यह निर्णय पार्टी संगठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहां वे पद की बजाय पार्टी हित को प्राथमिकता देते हैं।
राजनीतिक छवि और समाजसेवा
मनोहर लाल खट्टर की छवि एक ईमानदार, अनुशासित और विकासोन्मुखी नेता की रही है। वे सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करते हैं। अपने व्यक्तिगत जीवन में अविवाहित रहते हुए उन्होंने खुद को पूरी तरह सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित किया।
उन्होंने हरियाणा में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को व्यापक समर्थन दिया और महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं लागू कीं। इसके अलावा, खट्टर ने पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त करने और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए।

वे उन विरले नेताओं में से हैं जिन्होंने विचारधारा और संगठन के मूल्यों को सर्वोपरि रखते हुए प्रशासन चलाया। उनके नेतृत्व में हरियाणा ने बदलाव का अनुभव किया और राज्य की राजनीति को नई दिशा मिली। खट्टर के नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में अपना जनाधार व्यापक किया और गैर-जाट समुदायों को सशक्त राजनीतिक विकल्प प्रदान किया। उन्होंने जातीय समीकरणों को नया रूप देते हुए राज्य की राजनीति में वैचारिक स्थिरता की दिशा में कदम बढ़ाए। उनका प्रशासनिक कार्यकाल जहां एक ओर तकनीकी सुधारों और ई-गवर्नेंस के लिए याद किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर जातिवादी राजनीति से इतर शासन प्रणाली को स्थापित करने के लिए भी उन्हें याद किया जाएगा। मनोहर लाल खट्टर का जीवन और कार्य राजनीति में सेवा, अनुशासन और ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत करता है।