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    Home » Shivraj Singh Chouhan Wiki: संघर्ष, समर्पण और सेवा भावना का प्रतीक है शिवराज सिंह चौहान का बेदाग राजनैतिक जीवन
    राजनीति

    Shivraj Singh Chouhan Wiki: संघर्ष, समर्पण और सेवा भावना का प्रतीक है शिवराज सिंह चौहान का बेदाग राजनैतिक जीवन

    By March 5, 2025No Comments7 Mins Read
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    Shivraj Singh Chouhan (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

    Shivraj Singh Chouhan (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

    Shivraj Singh Chouhan Biography In Hindi: भारतीय राजनीति के बेहद दिग्गज और लोकप्रिय नेता शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) का व्यक्तित्व सरल, विनम्र और जनता के प्रति समर्पित माना जाता है। उनकी भाषण शैली प्रभावशाली है, जो जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का एक प्रमुख कारण है। वे एक जननेता के रूप में पहचाने जाते हैं, जो जनता की समस्याओं को समझते हैं और उनके समाधान के लिए तत्पर रहते हैं।

    शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की। यह उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रारंभिक संकेत था, जिसने आगे चलकर उनकी राजनीतिक यात्रा की नींव रखी। आपातकाल के समय, जब देश में नागरिक स्वतंत्रता सीमित थीं, शिवराज सिंह चौहान ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाई। इस विरोध के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा, जो उनकी संघर्षशीलता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं जनता के बीच इनकी लोकप्रियता एक जनसेवक से कहीं अधिक पारिवारिक सदस्य मामा और भैया के तौर पर स्थापित है।

    शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख नेता हैं, जिनकी राजनीतिक छवि जनता के बीच सादगी, जनसंपर्क और विकासोन्मुखी नेतृत्व के लिए जानी जाती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके लंबे कार्यकाल ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक स्थायी स्थान दिलाया है।

    मिली पांव-पांव वाले भैया की उपाधि

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिवराज सिंह चौहान को ‘पांव-पांव वाले भैया’ के नाम से जाना जाता है। मुख्यमंत्री बनने से पहले, वे साइकिल पर सवार होकर गांव-गांव जाते थे, लोगों की समस्याएं सुनते और समाधान का प्रयास करते थे। उनकी यह सादगी और जनसंपर्क की शैली ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।

    जनता के बीच मामा के रूप में पहचान

    शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में ‘मामा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह उपाधि उन्हें ‘लाड़ली लक्ष्मी योजना’ जैसी योजनाओं के माध्यम से बेटियों के प्रति उनके विशेष स्नेह और संरक्षण के कारण मिली। इस योजना ने राज्य में बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Shivraj Singh Chouhan Education Qualification In Hindi)

    शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था। उन्होंने भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया।

    राजनीतिक करियर की शुरुआत (Shivraj Singh Chouhan Political Career)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से की। वे 13 वर्ष की आयु में 1972 में आरएसएस में शामिल हुए। शिवराज सिंह चौहान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने छात्र जीवन के दौरान जुड़े और विभिन्न पदों पर सक्रिय रहे।

    एबीवीपी में रहते हुए उन्होंने छात्र राजनीति में भाग लिया और विभिन्न छात्र आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सुधार और राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर आंदोलन किए, जिससे उन्हें एक सशक्त नेता के रूप में पहचान मिली। इस सफर में इन्होंने 1977-78 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संगठन मंत्री के रूप में कार्य किया। 1980-82 के दौरान एबीवीपी के मध्य प्रदेश प्रदेश महासचिव रहे। 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव और 1985-88 तक महासचिव के पद पर रहे। 1988-91 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

    एबीवीपी के माध्यम से उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी गहरा हुआ, जिसने उनकी राजनीतिक विचारधारा को और मजबूती दी। बाद में, जब वे भाजपा में शामिल हुए, तब भी उन्होंने एबीवीपी से मिले अनुभव और नेटवर्क का उपयोग अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने में किया। विद्यार्थी परिषद में उनके द्वारा किए गए कार्यों ने उनके नेतृत्व कौशल को निखारा और उन्हें एक मजबूत जमीनी नेता बनने में मदद की।

    विधायक और सांसद के रूप में कार्यकाल (Shivraj Singh Chouhan Tenure As MLA And MP)

    1990 में, शिवराज सिंह चौहान पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद, 1991 में वे विदिशा लोकसभा सीट से सांसद बने और लगातार पांच बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

    मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल (Shivraj Singh Chouhan Tenure As Chief Minister)

    29 नवंबर 2005 को, शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके नेतृत्व में, राज्य ने कई विकास परियोजनाओं को लागू किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, कृषि विकास और बुनियादी ढांचे के सुधार पर विशेष ध्यान दिया।

    राजनीतिक चुनौतियां और पुनः वापसी

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    2018 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, और कांग्रेस ने सरकार बनाई। हालांकि, 2020 में कांग्रेस के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद, राज्य में राजनीतिक संकट उत्पन्न हुआ, जिसके परिणामस्वरूप शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च 2020 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चार कार्यकालों में कुल लगभग 17 वर्षों तक सेवा की, जिससे वे राज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल इस प्रकार हैं:

    1. पहला कार्यकाल: 29 नवंबर 2005 से 11 दिसंबर 2008 तक।

    2. दूसरा कार्यकाल: 12 दिसंबर 2008 से 9 दिसंबर 2013 तक।

    3. तीसरा कार्यकाल: 14 दिसंबर 2013 से 12 दिसंबर 2018 तक।

    4. चौथा कार्यकाल: 23 मार्च 2020 से 11 दिसंबर 2023 तक।

    इन कार्यकालों के दौरान, शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के विकास, कृषि सुधार और सामाजिक कल्याण के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे उनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई और वे ‘मामा’ के नाम से प्रसिद्ध हुए।

    केंद्रीय राजनीति में प्रवेश

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    2024 के लोकसभा चुनावों में, शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा सीट से छठी बार चुनाव जीतकर संसद में प्रवेश किया। इसके बाद, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया, जो उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

    महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता

    शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में महिला सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ के माध्यम से, उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की।

    ‘कन्यादान योजना’ के तहत, गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए आर्थिक सहायता दी गई। इसके अलावा, ‘गांव की बेटी योजना’, ‘जननी सुरक्षा योजना’ और ‘स्वागतम लक्ष्मी योजना’ जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास किए गए।

    कृषि और ग्रामीण विकास

    कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए, उन्होंने ‘मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना’, किसानों की आय बढ़ाने और कृषि विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना’ और गरीब एवं पिछड़े वर्गों के लिए ‘मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना’ जैसी पहल शुरू कीं, जिससे समाज के वंचित वर्गों को लाभ मिला। इन जैसी योजनाओं की शुरुआत से किसानों की आय में वृद्धि हुई और कृषि उत्पादन में सुधार हुआ।

    इसके अलावा, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और कृषि तकनीकों के उन्नयन पर भी जोर दिया गया। ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ के माध्यम से, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क का विस्तार किया गया, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।

    राजनीतिक अनुभव और स्थिरता

    शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर लंबा और समृद्ध रहा है। वे पांच बार सांसद और पांच बार विधायक रह चुके हैं, जिससे उनकी राजनीतिक समझ और अनुभव का पता चलता है। उनका यह अनुभव राज्य की राजनीति में स्थिरता लाने में सहायक रहा है।

    शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक सफर संघर्ष, समर्पण और सेवा भावना का प्रतीक है। उनकी जीवन यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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