
SonbhadraNews (Image From Social Media)
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Sonbhadra News: एनसीएल की खड़िया कंपनी में आउटसोर्सिंग कंपनी कलिंगा के कथित कर्मियों की तरफ से दो भाजपा नेताओं के साथ कथित मारपीट का मामला एडीजी दरबार जा पहुंचा है। सौंपी गई शिकायत में पीड़ितों की तरफ जहां कलिंगा कंपनी से जुड़े आधा दर्जन लोगों पर मारपीट के आरोप लगाए गए हैं। वहीं, शक्तिनगर पुलिस पर आरोपियों को शह देने और क्षेत्र में कई अवैधानिक कार्यों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए, हस्तक्षेप की मांग उठाई गई है।
इन पर लगाया गया है मारपीट-धमकी देने का आरोप:
भाजपा के बूथ अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह और भाजपा अनसूचित मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष करन कुमार राम ने एडीजी को सौंपी शिकायत में आरोप लगाया है कि एनसीएल खड़िया परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी कलिंगा के एचआर हेमंत और उनके साथ मौजूद प्रवीण चौबे, रोहित चौबे, गणेश चौबे, प्रीतम चौबे, रंजीत मद्धेशिया, महानंद गिरी सहित अन्य पर मारपीट, जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है।
इस मसले को लेकर की गई शिकायत:
करन कुमार राम निवासी काली मंदिर, चिल्काटांड़ की ओर से शिकायत में कहा गया है कि वह 15 अप्रैल 2025 को पूर्व श्रमिक होने के नाते कलिंगा कंपनी में अपने रोजगार के लिए बात करने गया हुआ था। दोपहर में राघवेंद्र प्रताप सिंह अपने एक सहयोगी के साथ कंपनी के कैंप में आए और कंपनी के एचआर हेमंत से मिलने ऑफिस में गए। कुछ देर बाद झड़प की आवाज आने लगी। वह आफिस में गया था कि राघवेंद्र के साथ उक्त लोग मारपीट, गाली-गलौज कर रहे हैं। परिचित होने के नाते बीच-बचाव करने गया तो उसके साथ भी मारपीट की गई।
वहीं, राघवेंद्र प्रताप सिंह निवासी अंबेडकरनगर, शक्तिनगर की तरफ से कहा गया है कि वह कलिंगा कंपनी में स्थानीय एवं विस्थापितों के अधिकारों को लेकर वार्ता करने गया था। उसी दौरान उपरोक्त लोगों ने उनके साथ मारपीट की। जान से मारने की धमकी दी। बीच-बचाव करने पाए करन के साथ भी मारपीट की गई।
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप, फर्जी मुकदमे की जताई आशंका:
एडीजी को सौंपी शिकायत में कहा गया है कि डायल 112 के जरिए पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। आरोप लगाया गया है कि मौके पर पहुंचे पुलिस के जिम्मेदारों ने उन्हें ही धमकियां देनी शुरू कर दी। आरोप है कि फर्जी मुकदमा कर जीवन खराब कर देने की धमकी दी गया। इससे पहले भी इस तरह की धमकियां देने का आरोप लगाया गया है। साथ ही दावा किया गया है कि शक्तिनगर के आसपास अवैध रूप से कबाड़ की दुकाने संचालित हो रही है। नशीले पदार्थों की बिक्री हो रही है। अवैध वाहन स्टैंड संचालित हो रहे हैं। आरोप लगाया गया है कि शक्तिनगर के मौजूदा प्रभारी निरीक्षक के कार्यकाल में दर्जनों चोरियां हो चुकी है। हत्या की आशंका के छह मामले दर्ज कराए जा चुके हैं लेकिन एक का भी खुलासा नहीं हो सका है।
जांच के बाद सामने आएगी प्रकरण की पूरी सच्चाई:
यह भी आरोप लगाया गया है कि कथित आउटसोर्सिंग कंपनी की तरफ से या उनसे जुड़े लोगों से शिकायत लेकर उन पर मामला दर्ज किया जा सकता है। आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह तो उच्चस्तरीय जांच के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल जिस तरह सत्ता पक्ष का नेता होने का दावा करने वालों की ओर से एडीजी वाराणसी के दफ्तर जाकर शिकायत दर्ज कराई गई है उसको लेकर जहां तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।