
Lucknow News: Photo-Social Media
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UP Politics: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में उत्तर प्रदेश बीजेपी राज में नंबर एक राज्य बन गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों दलितों पर सबसे ज़्यादा हमले और अपराध भाजपा शासित राज्यों—उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, ओड़िशा और महाराष्ट्र में ही देखने को मिलते हैं, ख़ासकर दलित महिलाओं के उत्पीड़न के मामले।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान दलितों के साथ अन्याय और उत्पीड़न अपने चरम पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ दलितों का आरक्षण और आजादी छीनने का काम नहीं कर रही, बल्कि अब सत्ता संरक्षित दबंग उनकी जान लेने पर उतर आए हैं। उन्होंने हाल ही में प्रयागराज में हुई एक घटना का ज़िक्र किया, जहां गेहूं काटने से इंकार करने पर एक दलित युवक की हत्या कर दी गई।
भाजपा की सोच सामंतवादी: अखिलेश
सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी मूल रूप से परंपरागत प्रभुत्ववादियों की पार्टी है। उन्होंने भाजपा नेताओं की सोच को सामंतवादी बताते हुए कहा कि बीजेपी के शासन में गरीब, वंचित, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, महिलाएं और आदिवासी केवल अपमान और जिल्लत झेल रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के नेता संविधान विरोधी मानसिकता से ग्रसित हैं। बीजेपी में संगठन और सरकार के शीर्ष पदों पर हमेशा कुछ खास लोग ही बने रहते हैं, जबकि बाकी लोगों को सिर्फ बैनर, झंडा, दरी और प्रचार के कामों तक सीमित कर दिया जाता है।
दलितों को पदनाम तो मिलता है, पर असली सत्ता नहीं
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा में दलितों और पिछड़ों को नाम के लिए पद भले मिल जाए, लेकिन उन्हें कभी वास्तविक सत्ता या अधिकार नहीं दिया जाता। उनका इस्तेमाल सिर्फ़ चुनाव जीतने के लिए चेहरों के तौर पर किया जाता है। अखिलेश यादव ने दलित समाज से अपील की कि वे भाजपा के उत्पीड़न और अपमान को पहचानें और उसके खिलाफ खड़े हों।