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    Home » Winter Festivals In India: पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होते हैं, ठंड के मौसम में मनाए जाने वाले ये त्योहार
    Tourism

    Winter Festivals In India: पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होते हैं, ठंड के मौसम में मनाए जाने वाले ये त्योहार

    By December 26, 2024No Comments5 Mins Read
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    Winter Festivals In India (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Famous Winter Festivals In India: अनगिनत खूबसूरत परम्पराओं में रचे-बसे भारत में मनाए जाने वाले कई त्योहार ऐसे हैं जो पर्यटकों के लिए खास तौर से आकर्षण का केंद्र होते हैं। जिन्हें देखने के लिए देश विदेश से अनगिनत पर्यटक पहुंचते हैं। विविधताओं से भरी संस्कृति और यहां की भौगोलिक स्थिति विदेशी लोगों को भी आकर्षित करती है। देश के हर कोने में अलग-अलग शीतकालीन उत्सव मनाए जाते हैं, जो यहां की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। सर्दियों का मौसम पूरे भारत में कई रंग-बिरंगे त्यौहार लेकर आता है। इनमें से सबसे लोकप्रिय हैं माघ बिहू त्यौहार, लोहड़ी त्यौहार, ऊँट त्यौहार बीकानेर और कच्छ रण महोत्सव आदि।

    वहीं, भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख मौसमी और फसल कटाई के त्यौहार में पोंगल, बसंत पंचमी, लोहड़ी, ओणम, बैसाखी आदि का नाम आता है। हमारा देश सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधताओं से भरा पड़ा है। इसलिए यहां त्योहारों और परंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिलता है। यही बात भारत को खास बनाती है। हमारे देश में धार्मिक आधार पर तो त्योहार मनाए ही जाते हैं, इसके अलावा कई राज्यों में सर्दियों में खास तरह के फेस्टिवल भी सेलिब्रेट किए जाते हैं। जिनमें शामिल होना किसी के लिए भी यादगार रहेगा। इसी के साथ देश के अलग-अलग संस्कृति को जानने का भी यह अच्छा मौका होता है। आइए भारत के कुछ प्रमुख शीतकालीन त्योहारों (Winter Festivals) के बारे में जानते हैं।

    गोवा कार्निवाल (Carnival in Goa)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    फरवरी महीने में गोवा में आयोजित होने वाला गोवा का कार्निवाल यहां के प्रमुख उत्सवों में गिना जाता है। इसे देखने आने वाले पर्यटक गोवा की खूबसूरती और सांस्कृतिक धरोहर दोनों का आनंद ले सकते हैं। इस उत्सव की खूबसूरती समुद्र तट पर्यटकों और स्थानीय लोगों के विशाल हुजूम के बीच यहां पारंपरिक नृत्य और व्यंजनों के लुत्फ के साथ रंगारंग जुलूस निकाले जाते हैं। साथ ही गीत और संगीत का भी आनंद लोग उठाते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विदेशी पर्यटक भी शिरकत करते हैं।गोवा कार्निवाल पुर्तगाली शासन काल की भी याद ताजा कर जाता है।

    मकर संक्रांति (Makar Sankranti)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाने वाला यह त्योहार अपना खास पारंपरिक महत्व रखता है। साउथ में इसे पोंगल तो गुजरात में इसे खासतौर पर पतंगबाजी के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग छतों पर और मैदान में खड़े होकर पतंग उड़ाने का लुत्फ उठाते हैं। अहमदाबाद शहर में इस दौरान अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव आयोजित किया जाता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं।

    जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    साहित्य प्रेमियों के लिए जयपुर में हर वर्ष जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल खासतौर से जनवरी महीने में आयोजित होता है। सर्दियों के मौसम में गुनगुनी धूप के बीच लोग यहां अनमोल साहित्य संग्रह को पढ़ने का लाभ उठाते हैं। इस फेस्टिवल में पूरी दुनिया भर से साहित्यकार और लेखकों एवं विचारकों की जमात एकत्र होती है। यहां पर चलने वाला संगीत कार्यक्रमों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का दौर उस फेस्टिवल को और भी अधिक भव्यता प्रदान करता है।

    हॉर्नबिल महोत्सव कोहिमा नागालैंड (Hornbill Festival)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    नागालैंड के कोहिमा में भी सर्दियों के मौसम में हॉर्निबिल महोत्सव का आयोजन हर वर्ष किया जाता हैं। इस महोत्सव को कोहिमा में एक त्योहारों की तरह मनाया जाता है। हॉर्नबिल महोत्सव में पर्यटक होने वाले खास सेलिब्रेशन जैसे लोक नृत्य, कुश्ती मैच, तीरंदाजी आदि में हिस्सा भी ले सकते हैं। इस फेस्टिवल में नागालैंड की स्थानीय जनजातियों से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को देखने का भी मौका मिलता है। इस फेस्टिवल में नागालैंड का पारंपरिक संगीत, नृत्य और खेल आदि देखने को मिलते हैं। यहां का पारंपरिक भोजन भी काफी लोकप्रिय है।

    जैसलमेर मरुस्थल महोत्सव (Jaisalmer Desert Festival)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    सर्दी के दिनों में पर्यटक ज्यादातर राजस्थान के थार मरुस्थल में आयोजित होने वाले जैसलमेर रेगिस्थान महोत्व में शामिल होने के लिए दूर दूर से यहां पहुंचते हैं। इस महोत्सव में मनोरंजन के लिए अनगिनत विकल्प मौजूद रहते हैं। जिसमें खास तौर से ये ऊंटों की दौड़, यहां का पारंपरिक राजस्थानी लोक संगीत, लोक नृत्य और कठपुतली शो, हस्तशिल्प बाजार को देखने के लिए विदेशी पर्यटकों में खास उत्साह देखा जा सकता है। इसके अलावा यहां राजस्थान के पारम्परिक खुशबू में रचे-बस व्यंजनों का भी खास प्रबंध होता है।

    ये महोत्सव फरवरी में आयोजित होता है। यहां पर रंग-बिरंगी पोशाक में सजे हुए ऊंट एक तारा की लय पर झूमते हुए देखे जा सकते हैं जो कि इस उत्सव में खास आकर्षण का केंद्र होते हैं। इसके अलावा यहां पर पगड़ी बांधने जैसी कुछ अनूठी प्रतियोगिताएं भी होती हैं।

    सोनपुर मेला (Sonepur Mela)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    गंडक और गंगा नदी के संगम पर नवंबर से दिसंबर के बीच बिहार के सोनपुर में लगने वाला सोनपुर मेला एक ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा हुआ है। एशिया के सबसे बड़े पशुमेले के तौर पर सोनपुर मेले को मान्यता हासिल है। अपनी खूबियों के चलते ये मेला पूरे देश में लोकप्रिय है। इस मेले में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं।

    लोहड़ी पर्व (Lohri)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    लोहड़ी पर्व नई फसल की खुशी मनाने का प्रतीक है। लोहड़ी ढोल और ताशे के साथ भंगडा करते हुए पंजाब और हरियाणा में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। यह पर्व जनवरी में मनाया जाता है। इस दिन लोग आग जलाकर उसके चारों ओर घूमते हैं और गाने गाते हुए तिल, गुड़, मूंगफली आदि अग्नि में अर्पित करते हैं और गुड़ की बनी हुई खाने वाली वस्तुओं को एक दूसरे में बांटते हैं।

    हिमाचल विंटर कार्निवाल (Himachal Winter Carnival)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    दिसंबर से फरवरी के बीच हिमाचल विंटर कार्निवाल आयोजित होता है, जहां सर्दियों के मौसम में टूरिस्टों की मौजूदगी में विंटर कार्निवाल धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें स्कीइंग कम्पटीशन, पैरग्राइडिंग, नुक्कड़ नाटक आदि गतिविधियां आयोजित की जाती हैं । साथ ही यहां पर हिमाचल प्रदेश का पारंपरिक खानपान और हिमाचल की संस्कृति व विरासत को जानने का मौका भी मिलता है।

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