क्या बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में कुछ गंभीर खामियाँ हैं? वर्षों तक इसको लेकर व्हिसलब्लोअर चेताते रहे हैं। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर गुरुवार को बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश ने फिर से उन व्हिसलब्लोअरों के दावों को सुर्खियों में ला दिया है जिसमें वे काफ़ी पहले से ही बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में खामियों को लेकर चेताते रहे हैं।
बोइंग में क़रीब दो दशक तक काम कर चुके एक व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेहपौर ने काफ़ी पहले ही कंपनी के विनिर्माण प्रक्रियाओं में गंभीर खामियों का आरोप लगाया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बोइंग के इंजीनियर सैम सालेहपौर ने 2024 में अमेरिकी अधिकारियों के सामने गवाही दी थी कि बोइंग ने अपने 777 और 787 ड्रीमलाइनर विमानों के निर्माण में शॉर्टकट्स अपनाए, जिसके कारण सुरक्षा मानकों से समझौता हुआ। सालेहपौर ने दावा किया कि इन विमानों के निर्माण में पुर्जों के बीच छोटे अंतर (गैप्स) जैसी छोटी-छोटी खामियाँ थीं जिससे लंबे समय में ये ‘विनाशकारी’ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बोइंग ने गुणवत्ता नियंत्रण को नज़रअंदाज़ किया और उत्पादन में तेज़ी लाने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की।
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने विशेष रूप से 787 ड्रीमलाइनर के डिज़ाइन और असेंबली में खामियों की ओर इशारा किया, जिसमें विमान के हिस्सों को जोड़ने में ग़लत तकनीकों का उपयोग शामिल था। सालेहपौर ने चेतावनी दी थी कि ये खामियाँ विमान की संरचना को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे भविष्य में दुर्घटनाओं का ख़तरा बढ़ सकता है। उनकी गवाही ने बोइंग की विनिर्माण प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए और कंपनी पर दबाव डाला कि वह अपनी प्रक्रियाओं की समीक्षा करे। हालाँकि, बोइंग ने इन आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उनके विमान पूरी तरह सुरक्षित हैं।
एक अन्य व्हिसलब्लोअर जॉन बार्नेट बोइंग में 30 से अधिक वर्षों तक काम कर चुके थे। वह नॉर्थ चार्ल्सटन प्लांट में क्वालिटी मैनेजर के रूप में कार्यरत थे जहां 787 ड्रीमलाइनर बनाया जाता है। उन्होंने 2019 में बीबीसी को बताया था कि दबाव में काम करने वाले कर्मचारी ‘जानबूझकर’ उत्पादन लाइन पर विमानों में घटिया पार्ट्स लगाते थे ताकि उत्पादन में देरी न हो।
बीबीसी के अनुसार, 2017 में रिटायर हुए बार्नेट ने दावा किया था कि उन्होंने प्रबंधकों को अपनी चिंताओं से अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 2017 में रिटायर होने के बाद उन्होंने कंपनी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई शुरू की थी। वे कंपनी के ख़िलाफ़ व्हिसलब्लोअर मुकदमे में सबूत दे रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्होंने ऑक्सीजन सिस्टम में गंभीर समस्याएं उजागर की थीं। मार्च 2024 में उनकी अचानक मृत्यु हो गई थी। कुछ लोग इसे संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मानते हैं।
उन्होंने कहा था कि दक्षिण कैरोलिना में काम शुरू करने के तुरंत बाद उन्हें चिंता हुई थी कि नए विमान बनाने की जल्दबाजी के कारण असेंबली प्रक्रिया में जल्दी की गई और सुरक्षा से समझौता किया गया, जिसे बोइंग ने खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि कुछ मामलों में घटिया पार्ट्स को ‘स्क्रैप बिन से निकालकर’ उन विमानों में लगाया गया जो बनाए जा रहे थे।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को कंपनी ने अपने सबसे उन्नत और सबसे ज्यादा बिकने वाले यात्री विमानों में से एक बताया है। इसकी हल्की संरचना, ईंधन दक्षता और लंबी दूरी की उड़ान क्षमता ने इसे एयरलाइनों के बीच लोकप्रिय बनाया। हालांकि, इस विमान का इतिहास विवादों से भरा रहा है। 2013 में बैटरी से संबंधित समस्याओं के कारण 787 ड्रीमलाइनर की सभी उड़ानों पर अस्थायी रोक लगा दी गई थी।
अहमदाबाद हादसा: क्या थी वजह?
गुरुवार दोपहर को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया की उड़ान AI 171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। प्रारंभिक रिपोर्टों में तकनीकी खराबी की ओर इशारा किया गया है, लेकिन अभी तक दुर्घटना के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है। बोइंग ने एक बयान में कहा कि वह इस हादसे से अवगत है और अधिक जानकारी जुटाने में लगी है।
इस दुर्घटना ने बोइंग और एयर इंडिया दोनों के लिए गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का सुरक्षा रिकॉर्ड अब सवालों के घेरे में है। जानकारों का मानना है कि यह हादसा बोइंग की प्रतिष्ठा को और नुकसान पहुँचा सकता है, जो पहले से ही कई विवादों का सामना कर रही है।