Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • ‘बिहार को लूटने वाले अब फिर लौटना चाहते हैं…’, योगी आदित्यनाथ ने भरी हुंकार बोले – पुल चोरी, रोड चोरी, बूथ चोरी… यही था लालू राज!
    • Top 6 Maggic Train Journey: भारत की टॉप 6 मैजिक ट्रेन जर्नी, जिंदगी में एक बार जरूर लें आनंद
    • Varanasi Budget Stay: वाराणसी में देव दीपावली पर इन धर्मशालाओं में रुकें, वो भी बेहद कम खर्च में
    • Bihar Elections में राहुल गांधी का नया अवतार! तालाब में उतरकर मछुआरों के साथ पकड़ने लगे मछलियां
    • Sasti Banarasi Sari: बनारस की 200 साल पुरानी कुंज गली में सबसे सस्ती साड़िया
    • Bihar Elections 2025: खूबसूरती से लेकर अमीरी और बाहुबली तक, महिलाओं की राजनीति में धमाकेदार एंट्री
    • Dudhwa Katarnia Ghat: दुधवा के जंगलों में चलने वाली ट्रेन सफारी बनी नई ट्रैवल सनसनी
    • Bihar के बाजीगर बनने की राह पर प्रशांत किशोर! जन सुराज महागठबंधन और एनडीए के लिए खतरे की घंटी
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » कहां है वह मंदिर जहां राजा विक्रमादित्य ने 11 बार किया था आत्मबलिदान- जानिए उज्जैन की चमत्कारी कथा
    Tourism

    कहां है वह मंदिर जहां राजा विक्रमादित्य ने 11 बार किया था आत्मबलिदान- जानिए उज्जैन की चमत्कारी कथा

    Janta YojanaBy Janta YojanaOctober 11, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Harsiddhi Temple Ujjain (Image Credit-Social Media)

    Harsiddhi Temple Ujjain

    Harsiddhi Temple Ujjain: भारत की धरती अनगिनत अजीबों से भरी हुई है। जिनमें यहां मौजूद चमत्कारिक प्राचीन मंदिरों की बड़ी भूमिका है। इन्हीं मंदिरों में शामिल है मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित हरसिद्धि माता मंदिर। जहां हर सांस में भक्ति की सुगंध घुली है। जहां दीपावली पर सैकड़ों दीपकों से जाग उठती है अलौकिक छटा, जहां मंदिर के हर गलियारे में पौराणिक इतिहास की गूंज सुनाई देती है। महाकाल की नगरी में स्थित हरसिद्धि माता मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि एक ऐसा स्थान भी है जहां इतिहास, रहस्य और श्रद्धा एक साथ मिलकर चमत्कार रचते हैं।

    यह वही मंदिर है जिसके बारे में कहा जाता है कि सम्राट विक्रमादित्य ने माता हरसिद्धि के चरणों में 11 बार अपना सिर अर्पित किया था। इस मंदिर की खूबी है कि आज भी यहां श्रद्धा का चरम भाव महसूस किया जा सकता है।

    हरसिद्धि मंदिर जहां सती की कोहनी गिरी थी

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव अपनी अर्धांगिनी सती के जले हुए शरीर को लेकर व्याकुल होकर ब्रह्मांड में घूम रहे थे, तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को खंड-खंड किया ताकि शिव का तांडव शांत हो सके। जिस स्थान पर सती की कोहनी गिरी, वह उज्जैन था और वहीं देवी हरसिद्धि का यह शक्तिपीठ बना।

    आज भी यहां विराजमान देवी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और आकर्षक है। मंदिर में माता हरसिद्धि के साथ देवी अन्नपूर्णा और महालक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित हैं। नवरात्रि के दिनों में जब सैकड़ों दीप जलते हैं और जयकारों की गूंज के साथ यह मंदिर परिसर स्वर्ग सा नजारा पेश करता है।

    राजा विक्रमादित्य से जुड़ी है भक्ति की अनोखी कथा

    उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य न केवल पराक्रमी शासक थे, बल्कि देवी हरसिद्धि के ऐसे भक्त थे जिनकी आस्था आज भी उदाहरण मानी जाती है। जनश्रुति के अनुसार, हर साल नवरात्रि के दौरान वे माता के चरणों में अपना सिर अर्पित कर देते थे।

    कहा जाता है कि देवी हर बार अपनी कृपा से उन्हें नया सिर प्रदान करती थीं। यह अद्भुत चमत्कार न केवल उनके और देवी के बीच के आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सच्ची श्रद्धा, निस्वार्थ, निर्मल और अडिग विश्वास से असंभव से संभव बनाया जा सकता है।

    लेकिन बारहवीं बार जब उन्होंने अपना सिर चढ़ाया, तो वह वापस नहीं आया। कहते हैं, यही वह क्षण था जब सम्राट का सांसारिक जीवन समाप्त हुआ और वे माता की शरण में लीन हो गए। इस कथा को सुनते हुए आज भी श्रद्धालु भावविभोर हो जाते हैं।

    दीप स्तंभों पर दीपावली पर सैकड़ों दीपकों से जाग उठती है अलौकिक छटा

    हरसिद्धि मंदिर के दो ऊंचे दीप स्तंभ इस स्थान की पहचान हैं। करीब 51 फीट ऊंचे ये दीप स्तंभ लाल पत्थर से बने हैं और माना जाता है कि इन्हें स्वयं राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था।

    इन दीप स्तंभों की सुंदरता उस समय चरम पर होती है जब नवरात्रि या दीपावली पर सैकड़ों दीये एक साथ जलाए जाते हैं। जब रात का अंधकार मंदिर परिसर में उतरता है और ये दीप एक साथ प्रज्वलित होते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग से रोशनी उतर आई हो। दो हजार साल पुराने ये स्तंभ न सिर्फ स्थापत्य कला का उदाहरण हैं, बल्कि एक युग की भक्ति का प्रतीक भी हैं।

    महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से कुछ ही दूरी पर स्थित है हरसिद्धि का पवित्र संगम

    हरसिद्धि मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से कुछ ही दूरी पर है। कहा जाता है कि उज्जैन में दर्शन का क्रम तभी पूर्ण होता है जब भक्त पहले महाकाल के दर्शन करें और फिर माता हरसिद्धि की पूजा करें। यहां हर रोज़ भक्तों की भीड़ लगी रहती है। विशेष रूप से नवरात्रि के समय, मंदिर में दुर्गा सप्तशती पाठ, चंडी यज्ञ और विशेष तांत्रिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। यहां की आरती में शामिल होना किसी आध्यात्मिक अनुभव से कम नहीं होता।

    कैसे पहुंचे हरसिद्धि मंदिर

    उज्जैन धार्मिक पर्यटन के लिहाज से बेहद सुविधाजनक स्थान है।

    रेल से – उज्जैन जंक्शन सीधे दिल्ली, मुंबई, भोपाल, इंदौर समेत कई बड़े शहरों से जुड़ा है।

    सड़क मार्ग से- इंदौर से 55 किमी और भोपाल से लगभग 190 किमी दूर स्थित उज्जैन तक सुगम सड़कें हैं।

    हवाई मार्ग से- सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर का देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो महज डेढ़ घंटे की दूरी पर है। रुकने के लिए उज्जैन में धर्मशालाओं से लेकर आधुनिक होटल और गेस्ट हाउस तक हर तरह की व्यवस्था मौजूद है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleनोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं राहुल गांधी! कांग्रेस नेता बोले – मचाडो जैसा ही कर रहे काम…
    Next Article RTI की 20वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस का भाजपा पर हमला, मोदी सरकार ने कानून को कमजोर कर…
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    Top 6 Maggic Train Journey: भारत की टॉप 6 मैजिक ट्रेन जर्नी, जिंदगी में एक बार जरूर लें आनंद

    November 2, 2025

    Varanasi Budget Stay: वाराणसी में देव दीपावली पर इन धर्मशालाओं में रुकें, वो भी बेहद कम खर्च में

    November 2, 2025

    Sasti Banarasi Sari: बनारस की 200 साल पुरानी कुंज गली में सबसे सस्ती साड़िया

    November 2, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.