Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • ट्रंप के सामने रामाफोसा का नैतिक साहस क्यों चर्चा में है- ‘राष्ट्रपति हो तो ऐसा’
    • ज्योति मल्होत्रा की कहानी में ट्विस्टः हरियाणा पुलिस ने कहा- आतंकवाद का लिंक नहीं मिला
    • Live खबरेंः वाशिंगटन में इज़रायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या
    • ट्रंप बार-बार ट्रेड की बात कह कर पाकिस्तान-भारत संघर्ष रुकवाने के दावे क्यों कर रहे हैं
    • फ़ैज़ की नज़्म पढ़ी तो नागपुर में हुआ राजद्रोह का मुक़दमा
    • Satya Hindi News Bulletin । 21 मई, दिनभर की ख़बरें
    • कोर्ट की फटकार के बाद अभिजीत अय्यर मित्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री के खिलाफ ट्वीट हटाये
    • Meerut News: मेरठ में AAP का संकल्प शिविर, पंचायत चुनाव में उतरने की तैयारी तेज
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » कैबिनेट ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दी: रिपोर्ट
    भारत

    कैबिनेट ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दी: रिपोर्ट

    By December 12, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    अडानी मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए संसद में बने गतिरोध के बीच अब ‘एक देश एक चुनाव’ का मुद्दा सामने आ गया है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को संसद के चालू शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। एक साथ चुनाव कराना भाजपा के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है।

    पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मानने के क़रीब तीन महीने बाद एक साथ चुनाव कराने के लिए मंजूरी दी गई। दरअसल, कैबिनेट द्वारा गुरुवार को दो विधेयकों को मंजूरी दी गई। एक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक, और दूसरा दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर में विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के लिए साधारण विधेयक।

    पता चला है कि दोनों विधेयकों को मौजूदा संसद सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के एक सूत्र ने कहा, ‘लेकिन यह सिर्फ पेश किया जाएगा और कुछ ही मिनटों में यह संयुक्त संसदीय समिति के पास चला जाएगा, जिसे सदन द्वारा गठित किया जाएगा।’ बीजेपी ने साफ़ तौर पर घोषणा की है कि वह एक देश एक चुनाव को लागू कराएगी, लेकिन तय समय-सीमा नहीं है कि एक साथ चुनाव 2029 में शुरू होंगे या 2034 में। 

    रिपोर्ट है कि कैबिनेट ने फिलहाल सिर्फ़ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की मंजूरी दी है। यानी फिलहाल पंचायत और नगर पालिका चुनाव साथ नहीं होंगे। इनको बाद के चरणों में शामिल किए जाने की संभावना है। यही विचार मार्च में कोविंद समिति द्वारा दिया गया था। यह उसकी सिफारिशों के पहले चरण के अनुरूप है। समिति ने दो-चरणीय प्रक्रिया का प्रस्ताव दिया था: पहला, राष्ट्रीय और राज्य चुनावों को मिलाना, उसके बाद संयुक्त चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराना।

    कहा जा रहा है कि ‘एक देश एक चुनाव’ से मौजूदा चरणबद्ध चुनाव प्रणाली के तहत खर्च होने वाले समय, लागत और संसाधनों को कम करने में मदद मिलेगी और इसे एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

    हालाँकि, सरकार व्यापक समर्थन प्राप्त करने के प्रति आशावादी है, लेकिन इस प्रस्ताव पर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ने की संभावना है, तथा विपक्षी दल इसकी व्यवहार्यता और संघवाद पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता जता सकते हैं।

    विपक्ष ने लगातार इस प्रस्ताव की आलोचना की है और इसे अव्यावहारिक, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है। उनका तर्क है कि एक साथ चुनाव कराने की तार्किक और दूसरी चुनौतियां शासन को बाधित कर सकती हैं और संघीय सिद्धांतों को कमजोर कर सकती हैं। 

    आलोचना के बावजूद सरकार ने कहा है कि मौजूदा प्रणाली चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता के बार-बार लागू होने के कारण विकास में बाधा पड़ती है। कोविंद समिति की रिपोर्ट ने एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को लागू करने से पहले राष्ट्रीय संवाद शुरू करने की सलाह दी है। रिपोर्ट यह भी सुझाव देती है कि इसमें शामिल जटिलताओं को देखते हुए इस तरह के सुधार को 2029 के बाद ही लागू किया जा सकता है। लेकिन लगता है कि इस विधेयक को जल्द ही पेश करने की तैयारी है।

    विधेयक के पेश होने के साथ ही सभी की निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि क्या सरकार इस ऐतिहासिक चुनाव सुधार पर आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक बाधाओं को पार कर पाएगी।

    कहा जा रहा है कि सरकार अब विधेयक के लिए आम सहमति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इसे विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को भेजने की योजना बना रही है।

    जेपीसी से राजनीतिक दलों, राज्य विधानसभा अध्यक्षों से बातचीत करने और यहां तक ​​कि जनता की राय जाने जाने की संभावना है। हालांकि जनता की भागीदारी के तरीकों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। 

    ‘एक देश एक चुनाव’ के ढांचे को लागू करने के लिए कई संवैधानिक संशोधनों की ज़रूरत होगी। खासकर संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत के साथ कम से कम छह विधेयक पारित करने पड़ सकते हैं। एनडीए को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में साधारण बहुमत मिला है, संवैधानिक संशोधनों के लिए ज़रूरी संख्या हासिल करना उसके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। 

    बता दें कि राज्यसभा में एनडीए के पास 112 सीटें हैं, लेकिन दो तिहाई बहुमत के लिए उसे 164 सीटों की ज़रूरत है। इसी तरह, लोकसभा में गठबंधन की 292 सीटें ज़रूरी 364 सीटों से कम हैं। सरकार की रणनीति उसके गठबंधन के बाहर के दलों से समर्थन जुटाने और मतदान के दौरान अनुकूल मतदान करने पर निर्भर हो सकती है। 

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleSalasar Balaji Mandir History: सालासर बालाजी, हनुमान जी के एक अलग रूप का अनोखा दर्शन
    Next Article Japan Tour Package: जापान में पर्यटक, छात्र बन कर हासिल कर रहे यहां की संस्कृति और परंपराओं का गूढ़ ज्ञान

    Related Posts

    ट्रंप के सामने रामाफोसा का नैतिक साहस क्यों चर्चा में है- ‘राष्ट्रपति हो तो ऐसा’

    May 22, 2025

    ज्योति मल्होत्रा की कहानी में ट्विस्टः हरियाणा पुलिस ने कहा- आतंकवाद का लिंक नहीं मिला

    May 22, 2025

    Live खबरेंः वाशिंगटन में इज़रायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या

    May 22, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025

    सरकार की वादा-खिलाफी से जूझते सतपुड़ा के विस्थापित आदिवासी

    May 14, 2025

    दीपचंद सौर: बुंदेलखंड, वृद्ध दंपत्ति और पांच कुओं की कहानी

    May 3, 2025

    पलायन का दुश्चक्र: बुंदेलखंड की खाली स्लेट की कहानी

    April 30, 2025

    शाहबाद के जंगल में पंप्ड हायड्रो प्रोजेक्ट तोड़ सकता है चीता परियोजना की रीढ़?

    April 15, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025

    NEET UG 2025 एडमिट कार्ड जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड

    April 30, 2025

    योगी सरकार की फ्री कोचिंग में पढ़कर 13 बच्चों ने पास की UPSC की परीक्षा

    April 22, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.