Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • समाज सेवी डॉक्टर साहब से अब जननेता – एमके विष्णु प्रसाद – तमिलनाडु की सियासत में चमका नया सितारा
    • Russia Famous Forts Story: रूस के किलों की कहानी, किलों के पीछे छुपे रहस्य को जानते हैं
    • Lucknow news: 2027 में सरकार बनते ही… होगी हर घोटाले की जांच
    • बिहार में बदलेगा भविष्य! नीतीश कैबिनेट ने ‘युवा आयोग’ गठन और 35% ‘महिला आरक्षण’ पर लगाई मुहर
    • महाराष्ट्र में भड़क उठी भाषा की ज्वाला! ‘पटक-पटक कर मारेंगे’ पर गरजे उद्धव ठाकरे, बोले- कुछ नेता इंसान नहीं, लकड़बग्घे हैं…
    • Raj Thackeray News: राज ठाकरे को ‘खुला छोड़ना खतरनाक, इस नेता ने कर दी ऐसी कार्रवाई की मंग
    • Bihar Politics: ‘एक्टर हैं, उनकी कोई विचारधारा नहीं, ऊल-जुलूल बयान देने में माहिर…’ तेजस्वी ने चिराग पासवान पर कसा तंज
    • ‘सन ऑफ बिहार’ मनीष कश्यप हुये जन सुराज में शामिल, प्रशांत किशोर की मौजूदगी में हुई एंट्री
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » भारंगम 2025 में `अजातशत्रु’ का मंचन: हेनरिक इब्सन और कुंभ का हादसा
    भारत

    भारंगम 2025 में `अजातशत्रु’ का मंचन: हेनरिक इब्सन और कुंभ का हादसा

    By February 10, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    नार्वे के नाटककार हेनरिक इब्सन (1828 -1906) और हाल में हुए प्रयागराज के कुंभ मेले के हादसे को जोड़ना अजीब लग सकता है। कहां एक यूरोपियन नाटककार और कहां इक्सीसवीं सदी में अभी चल रहे कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दिन प्रशासनिक लापरवाही से जुड़ी दुर्घटनाएं (जिसमें कई लोगों की मृत्यु हुई)! और उसके बाद भी हो रहीं त्रासदियां। कोई संबंध है

    प्रथमदृष्टया तो सबंध नहीं लगता है। लेकिन यहीं तो कला की खूबी है कि भूगोल और समय में दूर होने के वावजूद कई कड़ियाँ जुड़ जाती हैं। इसीलिए तो हजारों साल पहले लिखे गए महाभारत के अलग-अलग प्रसंगों को लेकर नए मुद्दों के आलोक में आज भी नाटक- उपन्यास लिखे जा रहे हैं और उनकी आधुनिक व्याख्याएँ की जा रही हैं। इसे ध्यान में रखें तो इब्सन और कुंभ के मेले में हुए हादसे के तार जुड़ जाते हैं। या ये भी कहा जा सकता है कि ऐसा करने का प्रयास किया गया है। चलिए पूरा प्रंसग बताया जाए।

    हेनरिक इब्सन का एक नाटक है जिसका अंग्रेजी में नाम है `एन एनिमी ऑफ़ द पीपल’। फ़िल्मकार सत्यजीत राय ने इसका बांग्ला रूपांतर करके `गणशत्रु’ नाम से एक फ़िल्म भी बनाई थी। इसी नाटक का हिंदी रूंपातर `अजातशत्रु’ नाम से इस बार के भारत रंग महोत्सव में खेला गया। निर्देशक थे केके रैना। रूपांतर इला अरुण का था/है।

    `अजातशत्रु’ में कथा ये है कि सोनपुर नाम का एक शहर है जहां एक ड़ॉक्टर है अजाजशुत्र। एक प्यारा इंसान है और उसकी पत्नी और बेटी- दोनों बहुत अच्छी हैं। अजातशत्रु का बड़ा भाई उस शहर का मेयर है। एक दिन अजातशत्रु को एक प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिलती है कि शहर में जल से भरा कमलकुंड नाम का धार्मिक स्थल है वहां का पानी प्रदूषित हो गया। इस पानी को पीने से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं। अजातशत्रु चाहता है कि इस रिपोर्ट को अख़बारों में दिया जाए ताकि सरकार और प्रशासन चेतें, कुंड की सफाई हो और जब तक ऐसा न हो इस कुंड को बंद रखा जाए। लेकिन खुद उसका सगा भाई इसके ख़िलाफ़ है। उसका तर्क है कि इससे लोंगों की आस्था को ठेस पहुंचेगी  और पर्यटन उद्योग भी प्रभावित होगा। राज्य का आर्थिक नुक़सान होगा। अख़बार का मालिक शुरू में अजातशत्रु के साथ है पर मेयर के दबाव के कारण और अपने व्यापारिक लाभ के लिए अपनी राय बदल देता है और प्रशासन के साथ हो जाता है। अजातशत्रु का ससुर भी उसका विरोधी हो जाता है। आख़िर में शहर के लोग भी अजातशत्रु के विरुद्ध हो जाते हैं और उसे जनता का शत्रु घोषित कर देते हैं। उसे जनता के हाथों मार दिया जाता है।

    केके रैना ने इसका निर्देशन करते हुए इब्सन के नाटक के मूल भाव को बरकरार रखा है। इब्सन ने इसमें हास्य का भी प्रचुर् तत्व रखा था और रैना द्वारा निर्देशित इस नाटक के भी कई चरित्र और संवाद हंसी से भरे हैं। खासकर अखबार मालिक- संपादक का चरित्र इस तरह अपने संवाद बोलता है और अपने आंगिक हावभाव प्रकट करता है दर्शक का हंसते हंसते बुरा हाल हो जाता है। पर साथ ही नाटक की अपनी संजीदगी भी आद्यंत बरकरार है। 

    इस नाटक में इब्सन का मंतव्य ऐसा है कि अगर कोई निस्वार्थ भाव के साथ जिम्मेदारी निभाता है और ऐसा करते हुए वो निहित स्वार्थ वालों को चुनौती देता है तो कई बार आम लोग भी उसका साथ नहीं देते हैं।

    अजातशत्रु के साथ यही होता है। उसकी पत्नी, बेटी और एक पत्रकार को छोड़कर सभी उसके दुश्मन हो जाते हैं। प्रशासन भी आम लोगों को मरने के लिए छोड़ देता है और तर्क देता है कि ऐसा वो लोगों के हक में कर रहा है और आम आदमी की आस्था की रक्षा कर रहा है। आज के भारत में भी प्रशासन के लिए आस्था एक ऐसा आवरण बन गई है जिसकी आड़ में कई तरह के घोटाले छुपाए जा रहे हैं। इस बार का कुंभ भी इसका एक साक्ष्य है।

     - Satya Hindi

    यहाँ ये भी बताना ज़रूरी है कि नाटक में कहीं भी कुंभ मेले के हादसे  का साफ़-साफ़ जिक्र नहीं है। दर्शक को ऐसा बोध जिस कारण होता उसे आनंदवर्धन में ध्वनि कहा है। ये ध्वनि शब्दों में नहीं अर्थ में होती है। या ये कहें कि शब्दों से परे होती है। घोषित रूप से और अंत तक पहुंचते-पहुंचते ये `अजातशत्रु’ पर्यावरण की रक्षा की बात करता है। अजातशत्रु के न रहने के बाद उसकी बेटी मुंबई में समुद्र को साफ़ रखने के अभियान से जुड़ जाती है। अंत में उसका एक छोटा सा एकालाप है जिसमें वो अपील करती है समुद्र में प्लास्टिक और दूसरे कचरे न फेंकें और अपने आसपास के पर्यावरण की रक्षा करें। निस्संदेह ये पहलू भी इब्सन के नाटक से निकलता है और केके रैना ने एक प्रासंगिक मुद्दे की तरफ़ हम सबका ध्यान खींचा है। 

    आज की कई नदियाँ प्रदूषित हो चुकी हैं। यहां तक कि धार्मिक रूप से आस्था का केंद्र रहीं गंगा और यमुना भी रासायनिक कचरों और दूसरी गंदगियों की वजह से न नहाने लायक बची हैं और  न उनके जल से आचमन किया जा सकता है। कई सरकारों ने आश्वासन दिए पर कार्रवाई नहीं की और नदियां मैली होती गईं। आस्था का तर्क भारी पड़ा और प्रदूषण बढ़ता गया। नेता, अफसर और व्यापारी- इन तीनों का गठजोड़ नदियों को गंदा करता रहा और आज भी ये सिलसिला जारी है। `अजातशत्रु” नाटक इन सबको व्यंजित करता है। 

    यहाँ ये उल्लेख करना भी ज़रूरी है कि `अजातशत्रु’ नाटक के आरंभ होने के पहले उद्घोषणा में कहा गया कि इस नाट्य प्रस्तुति के पहले भारत में हेनरिक इब्सन के नाटक पुस्तकालयों में धूल खा रहे थे। ये वक्तव्य अज्ञान और आत्मश्लाघा से भरा है। वास्तविकता तो ये है कि इब्सन के नाटक हिंदी में भी और दूसरी भाषाओं में अनूदित और रूपांतरित होकर लगातार खेले जाते रहे हैं। ‘पियर जिंट,’ `द डॉल्स हाउस’ जैसे नाटकों की हिंदी में ही कई प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं। `एन एनिमी ऑफ़ द पीपुल’ की भी। निर्देशक को इस तरह की बातों से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से जो अच्छा किया उसका महत्त्व भी कम हो जाता है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleDelhi New CM: मनजिंदर सिंह सिरसा बन सकते हैं दिल्ली के सीएम, सिख वोटों और पंजाब को साधने के लिये सिरसा हो सकते हैं सूत्रधार
    Next Article आप के काम से खुश लोग भी बीजेपी के पाले में चले गए : सर्वे

    Related Posts

    ट्रंप की तकरीर से NATO में दरार!

    June 25, 2025

    ईरान ने माना- उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ, आकलन हो रहा है

    June 25, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 25 जून, शाम तक की ख़बरें

    June 25, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.