Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • शांति के लिए ख़तरा बनी इसराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद की जन्म-कथा!
    • भारत का यह मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जिसमें एक पूरा शहर बसा है, यूरोप की वेटिकन सिटी से भी विशाल है!
    • इसराइल-ईरान युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका? जानें क्या असर होगा
    • यूएस और ईरान के बीच अहम बैठक के संकेत, किसको तेहरान भेज रहे हैं ट्रम्प
    • हैदराबाद का फलकनुमा पैलेस, मानो हिंदुस्तान की धरती पर आसमान का एक टुकड़ा उतर आया हो, लेकिन इसे बनवाने वाले नवाब को इसकी भव्यता ने कंगाल कर दिया
    • पीएम मोदी साइप्रस यूं ही नहीं गए थे, कुछ नतीजा निकलेगा कूटनीतिक मुहिम का?
    • Satya Hindi News Bulletin। 17 जून, दोपहर तक की ख़बरें
    • Satya Hindi News Bulletin। 17 जून, सुबह तक की ख़बरें
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » आप के काम से खुश लोग भी बीजेपी के पाले में चले गए : सर्वे
    भारत

    आप के काम से खुश लोग भी बीजेपी के पाले में चले गए : सर्वे

    By February 10, 2025No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार क्यों हुई क्या केजरीवाल सरकार के काम से लोग संतुष्ट नहीं थे क्या इस चुनाव में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा था गरीबों और महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्या मतदाताओं पर कुछ असर नहीं पड़ा

    दिल्ली चुनाव नतीजे ऐसे कैसे रहे, इसको लेकर लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में उन वजहों को ढूंढने की कोशिश की गई है। सर्वे में दिल्ली के मतदाताओं से उनके मुद्दे, नाराज़गी की वजहें, वोट देने का आधार जैसे कई तथ्यों के आधार पर राय जानने की कोशिश की गई है। इस सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि हालाँकि आप ने पहले अपनी कल्याणकारी नीतियों के ज़रिए जनता का भरोसा जीता है, लेकिन इस बार यह नाकाफ़ी साबित हुआ। सर्वे रिपोर्ट में ऐसा लगता है कि शासन, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और बुनियादी ढाँचे की चिंताएँ कल्याणकारी लाभों से ज़्यादा भारी पड़ गई हैं।

    दिल्ली में चुनावों से पहले आम धारणा थी कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सत्ता में आने के बाद अपने 10 साल के शासन के बाद स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। हालाँकि, इस बार पार्टी को स्वच्छता, पानी की उपलब्धता और समग्र विकास जैसे मुद्दों पर बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ा।

    लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण की रिपोर्टों को द इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आप के प्रदर्शन से पता चलता है कि मतदाताओं का मोहभंग हो गया। रिपोर्ट के अनुसार पांच में से दो मतदाताओं ने यानी 42% ने कहा कि वे केंद्र सरकार के काम से पूरी तरह संतुष्ट हैं। एक चौथाई से कुछ अधिक यानी क़रीब 28% ने आप के प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट होने की बात कही। 

    2020 के विधानसभा चुनावों में तीन-चौथाई यानी क़रीब 76% लोग आप सरकार से संतुष्ट थे, जबकि इस बार इसमें बड़ी गिरावट आई।

    हालाँकि, जब उनसे पूछा गया कि किसके काम ने उनके मतदान के फ़ैसले पर अधिक प्रभाव डाला, तो पाँच में से दो से अधिक मतदाताओं ने राज्य सरकार का नाम लिया, जबकि एक चौथाई से अधिक ने केंद्र का नाम लिया। यह दिखाता है कि दिल्लीवासियों के एक बड़े हिस्से ने आप के प्रदर्शन के आधार पर अपना वोट दिया, न कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से तुलना के आधार पर।

    आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि आप को इसके काम से पूरी तरह संतुष्ट मतदाताओं का वोट पाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा। आप के काम से खुश लोग भी बीजेपी के पाले में चले गए।

    सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार आम आदमी के काम से पूरी तरह संतुष्ट 13 फ़ीसदी लोगों ने बीजेपी को वोट देना पसंद किया जबकि, 83 फीसदी आप को और 3 फीसदी कांग्रेस को। आप के काम से कुछ हद तक संतुष्ट 39 फीसदी ने बीजेपी, 50 फीसदी ने आप को और 8 फीसदी ने कांग्रेस को वोट दिया। 

    आप सरकार के काम से कुछ हद तक असंतुष्ट 63 फीसदी ने बीजेपी को, 24 फीसदी ने आप को और 11 फीसदी ने कांग्रेस को पसंद किया। पूरी तरह असंतुष्ट 83 फीसदी लोगों ने बीजेपी, 7 फीसदी ने आप को और 6 फीसदी ने कांग्रेस को पसंद किया। 

    आप के किस काम से कितना संतुष्ट थे मतदाता

    पिछले पांच वर्षों में सार्वजनिक अवसंरचना के मामले में मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली। पांच में से चार से अधिक मतदाताओं यानी क़रीब 83% ने महसूस किया कि बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है, और पांच में से तीन से अधिक यानी 64% ने कहा कि सरकारी स्कूलों में सुधार हुआ है। इसके अलावा आधे से अधिक मतदाताओं ने सरकारी अस्पतालों में सुधार का ज़िक्र किया।

    आधे मतदाताओं ने सीवर नालियों की बिगड़ती स्थिति के मुद्दे को उठाया, जबकि करीब आधे यानी 47% ने बिगड़ती सड़कों की स्थिति पर चिंता जताई। पेयजल आपूर्ति एक और मुद्दा था, जिसमें 10 में से चार मतदाताओं ने असंतोष जताया।

    आप सरकार ने अक्सर उपराज्यपाल पर अपने काम में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है, लेकिन इस मुद्दे पर मतदाताओं की राय मिली-जुली थी।

    लगभग 10 में से तीन मतदाताओं ने महसूस किया कि उपराज्यपाल सरकार के प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं, लेकिन इसी अनुपात में लोगों का मानना ​​था कि आप इसे अपनी प्रगति की कमी के बहाने के रूप में इस्तेमाल कर रही है। 

    2020 के विधानसभा चुनावों में दिल्ली के 10 में से सात मतदाता आप को फिर से निर्वाचित करना चाहते थे। मौजूदा चुनावों में यह आंकड़ा घटकर 10 में से पाँच रह गया। यह बड़ी गिरावट है।

    आप समर्थकों ने बड़े कारण क्या गिनाए

    आप सरकार को फिर से चुनने के इच्छुक लोगों में से 24 फीसदी ने बताया कि सरकार ने अच्छा प्रदर्शन किया। 20 फीसदी ने कहा कि इसी नीतियाँ और योजनाएँ और गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ अच्छी थीं। एक चौथाई मतदाताओं ने पार्टी के गरीबों और मध्यम वर्ग के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने और दिल्ली के विकास में इसके योगदान की सराहना की।

    इसके विपरीत आप को सत्ता में वापस नहीं देखने वालों में 25 फीसदी ने भ्रष्टाचार को मुख्य कारण बताया। 10 में से लगभग दो मतदाताओं ने कहा कि बदलाव की ज़रूरत है। अन्य चिंताओं में खराब शासन और बढ़ती बेरोज़गारी शामिल थी, जिनमें से प्रत्येक का ज़िक्र 10 में से लगभग एक मतदाता ने किया।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleभारंगम 2025 में `अजातशत्रु’ का मंचन: हेनरिक इब्सन और कुंभ का हादसा
    Next Article फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी के पेरिस पहुंचने से पहले बांधे भारत की तारीफों के पुल

    Related Posts

    शांति के लिए ख़तरा बनी इसराइल की जासूसी एजेंसी मोसाद की जन्म-कथा!

    June 17, 2025

    इसराइल-ईरान युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका? जानें क्या असर होगा

    June 17, 2025

    यूएस और ईरान के बीच अहम बैठक के संकेत, किसको तेहरान भेज रहे हैं ट्रम्प

    June 17, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025

    किसान मित्र और जनसेवा मित्रों का बहाली के लिए 5 सालों से संघर्ष जारी

    May 14, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025

    बैंक ऑफ बड़ौदा में ऑफिस असिस्टेंट के 500 पदों पर निकली भर्ती, 3 मई से शुरू होंगे आवेदन

    May 3, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.