ईरान ने दो टूक चेतावनी दी है कि ‘इसराइल पहले हमला करेगा, तभी जवाब देंगे!’ ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने कहा कि उनका देश युद्धविराम का उल्लंघन नहीं करेगा, बशर्ते इसराइल पहले हमला न करे। यह बयान ट्रंप के उस कड़े रुख के बाद आया है, जिसमें उन्होंने दोनों देशों पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
पिछले सप्ताह इज़राइल और अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर हवाई हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। इसके जवाब में ईरान ने सोमवार को क़तर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे अल उदेद पर सीमित मिसाइल हमला किया। इसके कुछ ही घंटों बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार देर रात अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर घोषणा की कि इसराइल और ईरान ने संपूर्ण युद्धविराम पर सहमति जताई है। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘युद्धविराम अब प्रभावी है। कृपया इसका उल्लंघन न करें!’ उन्होंने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की और दावा किया कि दोनों देशों ने उनकी मध्यस्थता की मांग की थी।
युद्धविराम का उल्लंघन और ट्रंप का गुस्सा
हालांकि, युद्धविराम की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद मंगलवार सुबह तेहरान में विस्फोटों की ख़बरें आईं। इसराइल ने दावा किया कि ईरान ने युद्धविराम लागू होने से कुछ मिनट पहले मिसाइलें दागीं और यह युद्धविराम का घोर उल्लंघन है। जवाब में इसराइल ने तेहरान के पास एक रडार साइट पर हमला किया।
इसके बाद ट्रंप ने दोनों देशों पर तीखा हमला बोला। व्हाइट हाउस के साउथ लॉन पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कड़े शब्दों में कहा, ‘दोनों देशों को नहीं पता कि वे क्या कर रहे हैं।’ उन्होंने खास तौर पर इसराइल पर नाराज़गी जताई, यह कहते हुए कि युद्धविराम लागू होने के कुछ ही घंटों बाद इसराइल ने हमले किए। ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में इसराइल को चेतावनी दी, ‘इसराइल उन बमों को न गिराए। अगर आपने ऐसा किया तो यह युद्धविराम का गंभीर उल्लंघन होगा। अपने पायलटों को वापस बुलाएं!’
ट्रंप ने बाद में एक और पोस्ट में आश्वासन दिया,
ईरान का रुख
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने मंगलवार को अर्द्ध-सरकारी न्यूज़ एजेंसी नूर न्यूज़ के हवाले से कहा, ‘यदि इसराइल युद्धविराम का उल्लंघन नहीं करता, तो ईरान भी इसका उल्लंघन नहीं करेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि तेहरान बातचीत के लिए तैयार है और ईरानी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए मेज पर बैठने को इच्छुक है।
हालाँकि, ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने शुरू में युद्धविराम पर कोई सहमति होने से इनकार किया था। उन्होंने बाद में कहा कि यदि इसराइल अपनी आक्रामकता रोक देता है तो ईरान अपनी जवाबी कार्रवाइयां नहीं बढ़ाएगा। ईरान के सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने युद्धविराम पर सहमति जताई, लेकिन यह भी चेतावनी दी कि वह इसराइल पर भरोसा नहीं करता और किसी भी उल्लंघन के लिए निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है।
इसराइल की प्रतिक्रिया
इसराइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने मंगलवार को कहा कि ईरान द्वारा मिसाइल दागे जाने के जवाब में तेहरान में हमले करने के लिए सेना को आदेश दिया गया था। हालांकि, इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बाद में कहा कि ट्रंप के साथ बातचीत के बाद इसराइल ने आगे के हमलों से परहेज किया। इसराइल ने दावा किया कि ईरान ने युद्धविराम लागू होने से पहले छह मिसाइलें दागी थीं, जिसमें दक्षिणी इसराइल में कई लोग मारे गए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद ने ट्रंप प्रशासन द्वारा किए गए युद्धविराम की सराहना की और सभी पक्षों से इसका पालन करने की अपील की। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार ईरानी अधिकारी ट्रंप के बयानों का स्वागत कर रहे हैं, इसे कूटनीतिक जुड़ाव के लिए एक संभावित अवसर के रूप में देख रहे हैं।
युद्धविराम की शर्तें क्या?
युद्धविराम की शर्तों के बारे में अभी तक कोई साफ़ जानकारी सामने नहीं आई है। न ही यह साफ़ है कि क्या अमेरिका और ईरान असफल परमाणु वार्ता को फिर से शुरू करेंगे, या ईरान के यूरेनियम के भंडार का क्या होगा? इस बीच डोनाल्ड ट्रंप ने एक सनसनीखेज दावा किया है कि ईरान अब कभी भी अपनी परमाणु फ़ैसिलिटी विकसित नहीं कर पाएगा। लेकिन ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरौज कमालवंदी ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि कोई भी ईरानी परमाणु कार्यक्रम को रोक नहीं सकता।
ट्रंप की मध्यस्थता से शुरू हुआ यह युद्धविराम अभी भी नाजुक स्थिति में है। दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप और स्पष्ट शर्तों की कमी ने स्थिति को जटिल बना दिया है। ट्रंप का दावा है कि युद्धविराम प्रभावी है, लेकिन मध्य पूर्व में शांति की राह अभी भी अनिश्चित है।