ईरान ने शनिवार सुबह इज़राइल पर एक नया मिसाइल हमला किया, खास तौर पर उसके उत्तरी क्षेत्र को निशाना बनाकर। इसमें एक मौत हो गई। करीब 40 लोग घायल हुए हैं। टाइम्स ऑफ इज़राइल के मुताबिक मैगन डेविड एडोम के प्रवक्ता ने चैनल 12 न्यूज़ को बताया कि आज (शनिवार) सुबह मध्य इज़राइल में एक इमारत पर मिसाइल के सीधे हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए। घायलों में से तीन की हालत गंभीर है, जबकि बाकी को हल्की चोटें आई हैं। सभी को शमीर मेडिकल सेंटर और वोल्फसन मेडिकल सेंटर ले जाया गया।
उत्तरी इजराइल और इजराइल द्वारा कब्जा किए गए गोलान हाइट्स में हवाई हमले के सायरन सक्रिय कर दिए गए और नागरिकों से शरण लेने का आग्रह किया गया। इज़राइली मीडिया ने बताया कि इज़राइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन शुक्रवार को दागे गए थे, जिसमें उसके रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी सहित कई शीर्ष अधिकारी मारे गए।
आईडीएफ होम फ्रंट कमांड ने कहा है कि ईरान द्वारा इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों के नवीनतम हमले के बाद नागरिक बम आश्रयों को छोड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें अगली सूचना तक उनके निकट ही रहना चाहिए।
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने एक बयान में कहा कि उन्हें जवाबी कार्रवाई की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि “ईरान के खिलाफ इज़राइल राज्य द्वारा किए गए पूर्वव्यापी हमले के बाद, तत्काल समय सीमा में इज़राइल और उसके नागरिक आबादी के खिलाफ मिसाइल और यूएवी (ड्रोन) हमला होने की उम्मीद है।” इज़राइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान पर उनके देश के हमलों का उद्देश्य उसके परमाणु बुनियादी ढांचे, उसके बैलिस्टिक मिसाइल कारखानों और उसकी कई सैन्य क्षमताओं को नुकसान पहुंचाना है।
आईडीएफ ने कहा- इज़राइली वायुसेना ने करीब एक घंटे पहले यमन से छोड़े गए तीन ड्रोन को मार गिराया।
चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीन के संयुक्त राष्ट्र राजदूत फू कांग ने कहा कि चीन, ईरान की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के इजराइल के उल्लंघन की निंदा करता है और इजराइल से सभी जोखिमपूर्ण सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने का आग्रह करता है।
ईरान ने कहा है कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ बातचीत “अर्थहीन” है, क्योंकि इज़राइल ने अपने पुराने दुश्मन के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला किया है। उसने वाशिंगटन पर इस हमले का समर्थन करने का आरोप लगाया। तस्नीम न्यूज एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघई के हवाले से कहा, “दूसरे पक्ष (अमेरिका) ने इस तरह से काम किया है कि बातचीत अर्थहीन हो गई है। आप बातचीत करने का दावा नहीं कर सकते और साथ ही ज़ायोनी शासन (इज़राइल) को ईरान के क्षेत्र को निशाना बनाने की अनुमति देकर काम को विभाजित नहीं कर सकते।”