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    भारत

    ईरान ने माना- उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ, आकलन हो रहा है

    Janta YojanaBy Janta YojanaJune 25, 2025No Comments4 Mins Read
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    ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने पुष्टि की है कि बीते हफ्ते अमेरिकी हमलों के कारण देश के परमाणु ठिकानों को “भारी नुकसान” पहुंचा है। अल जज़ीरा से बुधवार को बात करते हुए बघाई ने इस बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि रविवार को अमेरिकी बी-2 बमवर्षक विमानों द्वारा बंकर भेदी बमों से किए गए हमले काफी गंभीर थे। उन्हीं से भारी नुकसान पहुंचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी यही दावा किया था। लेकिन अमेरिकी खुफिया विभाग की रिपोर्ट में जब कहा गया कि ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा तो ट्रंप निशाने पर आ गए।यह पहली बार है जब तेहरान ने अमेरिकी हमलों से अपने परमाणु संयंत्रों को हुए नुकसान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट को खारिज करने के कुछ घंटों बाद आया है। जिसमें कहा गया था कि इन हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख भूमिगत हिस्सों को नुकसान नहीं पहुंचा।ईरान के बघाई ने कहा, “हमले से हमारे परमाणु ढांचे को गंभीर क्षति पहुंची है, लेकिन हम इस समय और विवरण साझा नहीं करेंगे। अभी भी आकलन किया जा रहा है।” ईरान ने अभी तक नुकसान की पूरी सीमा या प्रभावित संयंत्रों की स्थिति के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

    ईरान ने कहा- परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा

    ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान अपनी जगह है। लेकिन ईरान की संसद ने बुधवार को प्रस्ताव पारित करके कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा। संसद ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से संबंध तोड़ने का भी प्रस्ताव पारित किया। अल जज़ीरा की रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के बयानों से यह स्पष्ट है कि जो कुछ भी हुआ है उसके बावजूद ईरान का परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा। अमेरिका और इसराइल के हमलों ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, अभी तक नहीं पता कि वे पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं या नहीं। ईरान की संसद ने IAEA के साथ सहयोग बंद करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। लेकिन इसे अब यह प्रस्ताव गार्जियन काउंसिल के पास जाएगा, जो इसका कानूनी और धार्मिक रूप से अध्ययन करेगा। यदि वहां आम सहमति बनी, तो विधेयक को मंजूरी के लिए सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और अंत में नीति बनने के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।अल जजीरा से बात करते हुए, ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने पुष्टि की कि ईरान की संसद ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, IAEA के साथ सहयोग को निलंबित करने के लिए मतदान किया है – लेकिन इसे समाप्त नहीं किया है। बघई ने आगे कहा कि विधेयक निगरानी संस्था के साथ ईरान के भविष्य के जुड़ाव के लिए शर्तें तय करता है, जिसमें ईरानी वैज्ञानिकों और परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा की गारंटी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह NPT के तहत ईरान के अधिकारों के सम्मान का भी आह्वान करता है।बाघेई ने कहा, “अगर हम एनपीटी के जिम्मेदार सदस्य बने रहना चाहते हैं, तो हमें इसकी शर्तों को सभी देशों के लिए समान रूप से लागू करना होगा। ऐसा नहीं होगा कि कुछ देशों के लिए अलग कानून हो और कुछ के लिए अलग।”

    कतर ने कराया था युद्धविरामः ईरान 

    ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कतर द्वारा संपर्क किए जाने के बाद ईरान ने इसराइल के साथ युद्ध विराम पर सहमति जताई, जिससे अमेरिका ने संपर्क किया था।

    उन्होंने अल जजीरा से कहा कि हालांकि ईरानी लोगों को युद्ध से “बहुत नुकसान” हुआ, लेकिन वे अमेरिका और इसराइल के हमलों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे।

    बघाई ने कहा, “हमारे लोगों का इसराइल की आक्रामकता के कारण नरसंहार किया गया। यह वॉर क्राइम है, मानवता के खिलाफ अपराध है और उन्हें (इसराइल) जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”

    उन्होंने कहा, “लेकिन मुद्दा यह है कि हमारे लोगों ने दिखाया कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ हैं।”

    मार्को रुबियो का दावा 

    अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को पोलिटिको से कहा कि पिछले हफ्ते तेहरान के तीन मुख्य परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान “परमाणु हथियार से बहुत दूर” हो गया है। रुबियो की यह टिप्पणी सीएनएन की रिपोर्ट के बाद आई। सीएनएन ने खुफिया विभाग की रिपोर्ट के हवाले बताया था कि  ईरानी परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों ने तेहरान के कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेल दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सीएनएन की रिपोर्ट को फर्जी बताया था। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने भी ईरान को नुकसान न पहुंचने वाली खबर को गलत बताया।

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