उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रविवार सुबह एक दुखद हादसा सामने आया है। केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा आर्यन एविएशन का एक हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलिकॉप्टर में पायलट सहित सात लोग सवार थे, जिनमें छह यात्री शामिल थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि अन्य के बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हादसा सुबह करीब 5:20 बजे हुआ, जब हेलिकॉप्टर केदारनाथ धाम से यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि खराब मौसम और तकनीकी खराबी के कारण हेलिकॉप्टर अपने रास्ते से भटक गया और गौरी माई खार्क के ऊपर जंगली ढलान पर क्रैश हो गया। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के अनुसार, हेलिकॉप्टर में सवार यात्री उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के रहने वाले थे, जिनमें पांच वयस्क और एक बच्चा शामिल था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “रुद्रप्रयाग जिले में हेलिकॉप्टर दुर्घटना का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूँ।”
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू कर दिया। गढ़वाल रेंज के इंस्पेक्टर जनरल राजीव स्वरूप ने बताया कि दुर्घटना स्थल एक दुर्गम क्षेत्र में है, जिसके कारण बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ घाटी में उस समय मौसम अत्यंत खराब था, जिसके कारण हेलिकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी और खराब दृश्यता को हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है। स्थानीय लोगों ने हेलिकॉप्टर को जंगल में गिरा हुआ देखा और प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद बचाव दल मौके पर पहुंचे।
यह है पांचवां हादसा
यह हादसा इस साल मई में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से छह सप्ताह में पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है। इससे पहले 7 जून को भी एक हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण गुप्तकाशी में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसमें सभी यात्री सुरक्षित थे।
बचाव कार्य अभी जारी हैं और प्रशासन की ओर से अधिक जानकारी का इंतजार है। यह घटना चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठा रही है।