
बलूचिस्तान
कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करने में पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी (ISI) की मदद करने वाले मुफ्ती शाह मीर की हत्या कर दी गई है। हमलावरों ने उसे कई गोलियां मारीं। इसके बाद शाह मीर को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ISI ने कुलभूषण जाधव को साल 2016 में ईरान से अगवा किया था। इस काम में मुफ्ती शाह मीर ने पाक खूफिया एजेंसी की मदद की थी। शाह मीर बलूचिस्तान के एक प्रमुख मुफ्ती था। मुफ्ती पर पहले भी दो बार जानलेवा हमले किए जा चुके थे। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात की नमाज के बाद तुर्बत में एक स्थानीय मस्जिद से निकलते समय मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने उन पर घात लगाकर हमला किया। उन्हें नजदीक से गोलियां मारी गई और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
ISI का मददगार
शाह मीर कट्टरपंथी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) का सदस्य था। वह मुफ्ती होने की आड़ में हथियार और मानव तस्कर के रूप में काम करता था। वह ISI का भी मददगार था। उसके अकसर पाकिस्तान के उन आतंकी शिविरों में जाने की भी खबरें मिलती रही हैं, जहां भारत विरोधी योजनाएं तैयार की जाती रही हैं।
कुलभूषण जाधव मामला
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने के बाद ईरान के चाबहार में व्यवसाय कर रहे थे। साल 2016 में उन्हें ईरान-पाकिस्तान सीमा के पास से अगवा कर लिया गया था। ISI ने इस मिशन को अंजाम दिया था और इस काम में मुफ्ती शाह मीर ने पाक खूफिया एजेंसी की मदद भी की थी। इसके बाद जाधव को पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया गया था। वह अभी भी पाकिस्तानी जेल में हैं। साल 2017 में उन्हें पाकिस्तान की एक कोर्ट फांसी की सजा सुना चुकी है।
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