Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • यूएस-इसराइल-ईरान युद्धः राष्ट्रों की संप्रभुता पर सवाल पूछने का समय
    • अमेरिकी हमलों से क्या ईरान का परमाणु कार्यक्रम प्रभावित होगा?
    • यूएस-इसराइल-ईरान युद्ध: आरपार की साइबर वॉर का खतरा क्यों बढ़ा
    • पहलगाम आतंकी हमला: एनआईए ने बताया तीनों हमलावर पाकिस्तानी, लश्कर से जुड़े
    • Satya Hindi News Bulletin। 22 जून, शाम तक की ख़बरें
    • ईरानी संसद ने दी होर्मुज मार्ग को बंद करने की मंजूरी; जानें अब क्या होगा
    • कई देश ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार: पुतिन के शीर्ष सहयोगी मेदवेदेव
    • ईरान पर हमले का नाम Operation Midnight Hammer था, यूएस ने दी जानकारी
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोपों की जाँच के लिए CJI ने बनाई 3 सदस्यीय समिति
    भारत

    जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोपों की जाँच के लिए CJI ने बनाई 3 सदस्यीय समिति

    By March 22, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ लगे आरोपों की जाँच के लिए सीजेआई संजीव खन्ना ने शनिवार को एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। यह कदम तब उठाया गया जब 14 मार्च को नई दिल्ली में जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास पर कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। इस घटना ने न्यायपालिका में हलचल मचा दी है और इसकी जाँच के लिए अब औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

    सीजेआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को फ़िलहाल कोई न्यायिक कार्य नहीं दिया जाए। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा इस घटना पर तैयार की गई रिपोर्ट, जस्टिस वर्मा का जवाब और संबंधित दस्तावेज़ सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। 

    यह घटनाक्रम शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा जस्टिस वर्मा को उनके मूल कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव के एक दिन बाद आया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अपने बयान में कहा, ‘दिल्ली हाई कोर्ट में दूसरे सबसे वरिष्ठ जज और कॉलेजियम के सदस्य जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके मूल हाई कोर्ट यानी इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव आंतरिक जाँच प्रक्रिया से स्वतंत्र और अलग है।’ हालाँकि, बयान में यह भी कहा गया है कि इस घटना को लेकर गलत सूचनाएँ और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

    मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास में आग लगने की घटना हुई थी। उस समय जस्टिस वर्मा शहर में मौजूद नहीं थे। उनके परिवार ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। आग बुझाने के बाद दमकलकर्मियों ने कथित तौर पर एक कमरे में बड़ी मात्रा में नकदी देखी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया गया। इस घटना ने सवाल उठाए हैं कि यह नकदी कहाँ से आई और ये किसके पैसे हैं। हालाँकि, आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये पैसे कितने थे।

    जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में 13 अक्टूबर 2014 को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया था और वह 1 फरवरी 2016 को स्थायी जज बने थे। इसके बाद, 11 अक्टूबर 2021 को उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया। दिल्ली में वह कई महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा रहे हैं, जिसमें वित्त और बजट समिति भी शामिल है।

    कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 1999 में निर्धारित आंतरिक जाँच प्रक्रिया का पालन किया है।

    जाँच प्रक्रिया के तहत सीजेआई पहले संबंधित जज से जवाब माँगते हैं। यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता या गंभीरता की माँग होती है, तो एक समिति गठित की जाती है, जिसमें एक सुप्रीम कोर्ट जज और दो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी, जिसमें जज से इस्तीफा माँगना या संसद के जरिए हटाने की प्रक्रिया शामिल हो सकती है।

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह भी साफ़ किया कि जस्टिस वर्मा का स्थानांतरण जाँच प्रक्रिया से अलग है और यह कॉलेजियम का प्रशासनिक निर्णय था। कॉलेजियम ने इस प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट के परामर्शी जजों, संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और जस्टिस वर्मा से जवाब माँगा था, जिसके आधार पर अंतिम प्रस्ताव पारित होगा।

    इस घटना ने न केवल न्यायपालिका में बल्कि राजनीतिक हलकों में भी बहस छेड़ दी है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सवाल उठाया, ‘यह पैसा किसका था और इसे जज को क्यों दिया गया’ वहीं, बीजेपी ने इस पर अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनके स्थानांतरण का विरोध करते हुए कहा था कि ‘हमारा कोर्ट कूड़ेदान नहीं है।’ यह विवाद संसद तक पहुँच गया है, जहाँ विपक्ष ने इसे न्यायपालिका में भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाया है।

    जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ जाँच का यह मामला न्यायपालिका की साख और पारदर्शिता के लिए एक बड़ी चुनौती है। तीन सदस्यीय समिति की नियुक्ति और न्यायिक कार्यों से निलंबन यह संकेत देता है कि सुप्रीम कोर्ट इसे गंभीरता से ले रहा है। लेकिन यह भी सवाल उठता है कि क्या यह क़दम जनता का भरोसा बहाल कर पाएगा, या यह न्यायिक प्रणाली में और संदेह पैदा करेगा समिति की रिपोर्ट और इसके बाद की कार्रवाई इस मामले के भविष्य को तय करेगी।

    (इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Article30 लाख रुपए में नीलम हुई ट्विटर की नीली चिड़िया
    Next Article नज़ीर की शायरी में जो उल्लास है…

    Related Posts

    यूएस-इसराइल-ईरान युद्धः राष्ट्रों की संप्रभुता पर सवाल पूछने का समय

    June 23, 2025

    अमेरिकी हमलों से क्या ईरान का परमाणु कार्यक्रम प्रभावित होगा?

    June 23, 2025

    यूएस-इसराइल-ईरान युद्ध: आरपार की साइबर वॉर का खतरा क्यों बढ़ा

    June 23, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.