अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर के साथ व्हाइट हाउस में लंच पर मुलाकात की। यह पहला मौका है जब किसी मौजूदा पाकिस्तानी सेना प्रमुख का अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ आमने-सामने बैठक हुई है। ट्रंप ने इस मुलाकात को “सम्मानजनक” बताते हुए कहा कि वह फील्ड मार्शल मुनीर को भारत के साथ युद्ध रोकने के लिए धन्यवाद देना चाहते थे। यह बताना जरूरी है कि इस बार ट्रंप ने खुद को श्रेय नहीं दिया। हालांकि इससे पहले वो 12 बार युद्ध रुकवाने के लिए खुद श्रेय ले चुके हैं।
यह बैठक स्थानीय समयानुसार दोपहर 1 बजे शुरू हुई और दो घंटे तक चली। इस दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। विशेष रूप से, इस मुलाकात का समय मध्य पूर्व में इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान का ईरान के साथ लगभग 1,000 किलोमीटर की सीमा है।
पीटीआई व्हाइट हाउस के लॉन पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका। ट्रंप ने पिछले महीने कहा था कि दोनों परमाणु-सशस्त्र दक्षिण एशियाई पड़ोसियों ने अमेरिका की मध्यस्थता के बाद संघर्षविराम पर सहमति जताई थी, और उन्होंने दोनों देशों को युद्ध के बजाय व्यापार पर ध्यान देने का आग्रह किया था।
हालांकि, भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि मई में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। भारत का कहना है कि सीजफायर सैन्य बातचीत के बात हासिल किया गया था।
पाकिस्तान अखबार डॉन के मुताबिक पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस निमंत्रण को एक बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया है। यह पहली बार है जब किसी सेवारत पाकिस्तानी सेना प्रमुख को इस स्तर पर औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया है। इस समय पाकिस्तान में चुनी हुई सरकार है। लेकिन अमेरिका ने अपनी नीति के तहत पाकिस्तीन जनरलों को सम्मान देना जारी रखा हुआ है। यह मुलाकात उसी सिलसिले की कड़ी है। आमतौर पर अमेरिका चुनी हुई सरकार के प्रमुख से बात करता है लेकिन पाकिस्तान में वो सेना के सबसे बड़े अधिकारी से बात करता है।
फील्ड मार्शल मुनीर अपनी पांच दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन में कई गतिविधियों में शामिल हुए। सोमवार शाम को उन्होंने वाशिंगटन के जॉर्जटाउन में फोर सीजन्स होटल में पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय को संबोधित किया, जहां उन्होंने भारत से “सभ्य राष्ट्र” के रूप में पाकिस्तान के साथ व्यवहार करने और क्षेत्रीय वर्चस्व की कोशिश न करने का आग्रह किया।
इसके अलावा, मुनीर की यात्रा के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका के बीच इस्लामिक स्टेट खोरासान (आईएस-के) समूह के खिलाफ आतंकवाद-निरोधी साझेदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। बलूचिस्तान में इस समूह पर नियंत्रण करने पर भी बात हुई। इस आतंकी समूह से पाकिस्तान बहुत परेशान है।
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव चरम पर हैं। पाकिस्तान, जो ईरान के साथ ऐतिहासिक संबंध रखता है, ने क्षेत्र में तनाव कम करने और संघर्षविराम की वकालत की है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मुनीर की व्हाइट हाउस यात्रा से पाकिस्तान को क्षेत्रीय संघर्ष पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर मिला है।