श्रीलंकाई पुलिस ने शनिवार को चेन्नई से कोलंबो पहुंची श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान UL 122 की भंडारानायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर व्यापक सुरक्षा जांच की। यह कार्रवाई भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से मिली सूचना के आधार पर की गई, जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े संदिग्ध इस उड़ान में सवार हो सकते हैं।
पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में चार आतंकवादियों ने बैसारन घास के मैदान में अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें दो आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के थे। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सभी आयात पर प्रतिबंध लगा दिया और वाघा-अटारी व्यापार मार्ग को बंद कर दिया।
श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान UL 122, जो चेन्नई से सुबह 11:59 बजे कोलंबो पहुंची, को चेन्नई क्षेत्र नियंत्रण केंद्र से मिले अलर्ट के बाद तुरंत जांच के दायरे में लिया गया। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने संदेह जताया था कि पहलगाम हमले से जुड़े छह संदिग्ध इस उड़ान में सवार होकर श्रीलंका पहुंचे हैं। श्रीलंकाई पुलिस, वायुसेना और हवाई अड्डे की सुरक्षा इकाइयों ने संयुक्त रूप से विमान की गहन तलाशी ली।
श्रीलंकन एयरलाइंस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “विमान की जांच स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से की गई और इसे बाद में आगे की उड़ानों के लिए मंजूरी दे दी गई। यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” हालांकि, इस जांच के कारण अगली उड़ान UL 308, जो सिंगापुर के लिए थी, में देरी हुई।
सूत्रों के अनुसार, विमान की गहन जांच के बावजूद कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला। श्रीलंकाई अधिकारियों ने पुष्टि की कि जांच के बाद विमान को सामान्य संचालन के लिए हरी झंडी दे दी गई।
पहलगाम हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता की पुष्टि हुई है। एनआईए ने कश्मीर घाटी से लगभग 20 ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की भी पहचान की है, जो हमलावरों को रसद सहायता प्रदान करने में शामिल थे।
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने न केवल पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध लगाया, बल्कि सिंधु जल समझौते को निलंबित करने और पाकिस्तानी जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगाने जैसे कड़े कदम भी उठाए हैं।