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    Home » महाकुंभ भगदड़ः कितनी मौतें हुईं, सरकार अभी भी छिपा रही, कहां हैं लापता लोग
    भारत

    महाकुंभ भगदड़ः कितनी मौतें हुईं, सरकार अभी भी छिपा रही, कहां हैं लापता लोग

    By January 30, 2025No Comments7 Mins Read
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    महाकुंभ प्रयागराज में भगदड़ के एक दिन बाद लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है। टीवी चैनलों ने इस घटना में हुई मौतों की संख्या और लापता लोगों के बारे में सूचना देना बंद कर दिया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू में मौतों पर चुप्पी साधे रखी। जब पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मरने वालों के प्रति संवेदना जताने लगे तो योगी सरकार ने बुधवार शाम को मरने वालों की संख्या 30 और घायलों की संख्या 60 बताई। लापता लोगों की संख्या फिर भी नहीं बताई गई। लेकिन भगदड़ में 30 लोगों के मरने पर अभी भी विवाद है। मरने वालों की तादाद ज्यादा है।

    न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तीन पुलिस सूत्रों के हवाले से मरने वालों की संख्या 40 तो बुधवार शाम को ही बता दी थी। रॉयटर्स तो एक विदेशी न्यूज एजेंसी है। उस पर मत विश्वास कीजिए। दैनिक भास्कर की संवाददाता सृष्टि मिश्रा ने पुष्टि की है कि वो खुद मोर्चरी (मुर्दाघर) में गईं और एक बैग देखा, जिस पर 40 की संख्या लिखी हुई थी। इसके अलावा उस कमरे में श्रद्धालुओं के शव 20 बिखरे हुए थे। यह संख्या 60 के करीब बैठती है।

    It is feared that about 40 devotees have died in the stampede.Bhaskar journalists have seen the corpse number40.
    The government is busy saving its VIP people
    Let the common people die,to hell with it,the Sanatani government’s secret has been exposed.#Mahakumbh #MahaKumbhAccident pic.twitter.com/4D6eSowhAY

    — Sukh.Bishnoi29 Official 🇮🇳 INC (@Sukhmall29) January 29, 2025

    हालांकि डबल इंजन सरकार इस संख्या को कभी स्वीकार नहीं करेगी। क्यों बुधवार शाम को संख्या बताने का यही मतलब है कि खूब सोच विचार करने के बाद इस संख्या को जारी किया गया। 

    प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी के बाहर गुरुवार को भी भीड़ देखी जा सकती है। तमाम लोग अभी भी अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं जो लापता हो गए हैं। उन्हें लगता है कि हो सकता है कि डेड बॉडी को यहां लाया गया हो। भीड़ शहर के और भी अस्पतालों में चक्कर लगा रही है। हालांकि सड़कें बंद कर दी गईं, शहर के प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड लगा दिए गए। फिर लोग गलियों से और दाये-बायें से अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। यह संख्या सैकड़ों में हैं। यानी सैकड़ों लोगों के परिजन गायब हैं। घटना को पूरा एक दिन बीत चुका है। इसके आगे आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। सरकार की ओर से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की आधिकारिक अपील अभी भी जारी है। लेकिन उसके पास लापता लोगों के बारे में बताने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम नहीं है।

    The Mahakumbh I witnessed after the stampede—if this doesn’t shake you to the core, nothing will. pic.twitter.com/KDPIYxAIKv

    — Saurabh Sharma. Journalist (@saurabhsherry) January 30, 2025

    इस महाकुंभ में, जहां हर जानकारी को योगी सरकार ने आंकड़ों के पोस्टर के रूप में पेश किया, जहां सब कुछ गिना गया। खासकर विशेष ट्रेनों की संख्या से लेकर हर दो घंटे में डुबकी लगाने वालों की संख्या तक, लेकिन योगी सरकार अगर नहीं गिन पा रही है तो वो मरने वालों के शव हैं। या लापता लोगों की संख्या है। तीर्थयात्रियों के परिजन अस्पताल के खंभे से लेकर पुलिस चौकियों तक दौड़ रहे हैं। अजय कुमार यादव ने बताया, “मेरी 35 साल की बहन रेनू लापता है।” मुर्दाघर के बाहर खड़े 30 वर्षीय अजय यादव प्रतापगढ़ के मूल निवासी हैं। यह सज्जन बहराइच से हैं। इनके परिवार के लोग लापता हैं। इनकी व्यथा सुनियेः

    Breaking news : If anyone is going #MahaKumbhMela hold for some days , it’s so much crowd people are missing, according to the latest report 10 to 15 people are death. Please Avoid going #Mahakumbh with family. pic.twitter.com/LefNa0JDmA

    — Neha Gurung (@nehaGurung1692) January 29, 2025

    मनीष पांडे भी अपनी बहन विभा मलिक त्रिपाठी को तलाश रहे हैं। पांडे ने कहा- “वे यह नहीं बता रहे हैं कि उन्हें कितने शव मिले हैं। क्या उनके पास डेटा नहीं है” एक प्रत्यक्षदर्शी का यह बयान सुनियेः

    Witness Recalls Stampede At #Mahakumbh: ‘Don’t Know Who Is Dead, Who Is Alive’@ranveer_sh reports pic.twitter.com/hXO5QGPZBN

    — NDTV (@ndtv) January 29, 2025

    महाकुंभ के विशाल मैदान में एक डेटा बुधवार रात तक जरूर बिखरा हुआ था। भगदड़ में फंसे लोगों की टूटी हुई सैंडल, चप्पलें, कपड़े, बैकपैक, पानी की बोतलें, निजी सामान। लेकिन इसे रात में ही साफ करवा दिया गया।

     - Satya Hindi

    भगदड़ की वजह क्या थी

    भगदड़ की वजह पर अभी भी बहस और चर्चा जारी है। जितने मुंह उतनी बातें। लेकिन इसकी के साथ तथ्य भी निकल कर आ रहे हैं। जो कुछ घटित हुआ उसके अलग-अलग विवरण हैं। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि “संगम नोज” की ओर जाने वाली सड़क पर अचानक भीड़ बढ़ गई थी। लोग नहाने के बाद किधर जाएं, उन्हें मालूम नहीं था। कोई संकेतक नहीं था। कुछ लोग घाट के किनारे सोए भी हुए थे। भीड़ जब पीछे से आई तो उन्हें रौंदते हुए निकल गई। लेकिन यह भीड़ क्यों भागने लगी थी। इसके भी बयान अलग अलग हैं। इस बयान को सुनियेः  

    Stamped in Mahakumbh is a conspiracy by anti national and anti Hindu forces !
    Another eyewitness said that a group of boys were creating ruckus, they were scaring people, pushing them, all of them were paid terrorists who had been sent to spread terror in Mahakumbh. pic.twitter.com/KEllAT6YMs

    — NewsSpectrumAnalyzer (The News Updates 🗞️) (@Bharat_Analyzer) January 30, 2025

    कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि इस घाट की ओर जाने वाले चार द्वारों में से तीन बंद थे, जिसके कारण भक्तों की भीड़ एकमात्र खुले द्वार के पास जमा हो गई। साइट पर कई फोनों पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भीड़ द्वारा बैरिकेड के एक हिस्से को धक्का देकर खोला जा रहा है और असहाय सुरक्षाकर्मी भीड़ के एक हिस्से को बाहर निकलते हुए देख रहे हैं, जो एक लहर में तब्दील हो गई है।

    Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़… चश्मदीद की गवाही ! #shorts #mahakumbh2025 #cmyogi #eyewitness pic.twitter.com/OJGYzQy8y8

    — TV9 Delhi NCR (@TV9DelhiNCR) January 29, 2025

    60 वर्षीय बेरी देवी, जिनके पति लापता लोगों में से हैं, ने कहा, “वहां हाथापाई हुई, एक (लकड़ी का) बैरियर टूट गया और कई लोग मारे गए और कई घायल हो गए।” बेरी देवी ने कहा- “मैं पहले मेला अस्पताल गई और उन्होंने मुझे मोर्चरी में भेज दिया।”

    अन्य लोगों ने बताया कि भगदड़ स्थल के करीब, स्तंभ संख्या 147 के पास अराजकता फैल गई थी। मुर्दाघर में अपनी 65 वर्षीय मां के शव का इंतजार कर रहे जयप्रकाश सोनी ने कहा कि भीड़ अचानक बढ़ गई थी।

    इनकी मदद करें

    विवेक गुप्ता ने सोशल मीडिया पर फोटो के साथ यह अपील जारी की है। अगर आप इस रिपोर्ट को पढ़ रहे हों तो इनकी मदद करें। विवेक गुप्ता का कहना है कि रात 2 बजे से माता जी भगदड़ वाली जगह से नहीं मिल रहीं हैं। इन्होंने grey thermal पहना हुआ है। इनका नाम आशा सिंह पत्नी रविन्द्र सिंह, गोरखपुर की रहने वाली हैं। कृपया हमारी मदद करें। फोन नंबर 7007056622.

    रात्रि 2 बजे से माता जी भगदड़ वाली जगह से नहीं मिल रहीं हैं इन्होंने grey thermal पहना हुआ है। इनका नाम आशा सिंह पत्नी रविन्द्र सिंह, गोरखपुर की रहने वाली हैं। कृपया हमारी मदद करें @Uppolice @UPGovt @myogiadityanath #महाकुंभ_2025_प्रयागराज @ravikishann
    7007056622 pic.twitter.com/rHLoFFUCA2

    — vivek gupta (@viveknigam60) January 29, 2025

    “Police personnel were nowhere when #MahakumbhStampede happened. At least 50 people have died.”

    Despite spending thousands of crores, it’s deeply unfortunate that devotees had to face this ordeal due to administrative failure. Accountability has to be fixed and processes… pic.twitter.com/7Ml7Ez1SBQ

    — Mita Chakraborty (@mitachakraborti) January 29, 2025

    सोनी ने कहा- “बुधवार रात लगभग 1-1:30 बजे, भीड़ इधर-उधर भागने लगी और कोई पुलिसकर्मी नज़र नहीं आया। लोग गिरने लगे और अन्य लोग उन पर चलते रहे, ”सोनी ने कहा। उन्होंने कहा, उनके पिता और बच्चे तो बच गए, लेकिन उनकी मां नहीं। भीड़ आई और उसे कुचल दिया गया।”

    इसी तरह अनगिनत लोगों के बयान हैं। लेकिन बहुत सारे लोगों को शव ही नहीं मिल रहे। न अस्पताल में और न मोर्चरी में। न्यूज लॉन्ड्री की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि घंटों बाद, कुंभ में श्रद्धालु अभी भी अपने परिवार के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं। करीब 200 लोगों ने खोया-पाया सेंटर पर अर्जियां लिखकर दी हैं कि उनके प्रियजन को खोजा जाए। न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर ने महाकुंभ के सेक्टर 3 में भूले भटके लोगों के शिविर या खोया-पाया केंद्र में दर्जनों लोगों से मुलाकात की। कई लोगों ने कहा कि भगदड़ के कुछ घंटों बाद वे अपने प्रियजनों से बिछड़ गए थे, लेकिन उन्हें प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिल रही है।

    (इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)

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