भारत ने सुबह दो टूक कहा कि हम किसी की मध्यस्थता नहीं मानते और शाम होते-होते डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहकर चौंका दिया कि मैंने भारत-पाक युद्ध रुकवाया। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि मुझे पाकिस्तान से प्यार है! इस सनसनीखेज दावे ने कूटनीति की दुनिया में तहलका मचा दिया!
दरअसल, इसकी शुरुआत तब हुई जब बुधवार सुबह भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच क़रीब 35 मिनट तक फोन कॉल पर बात हुई है। मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी ने ट्रंप को साफ़ किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान के अनुरोध पर रोका गया था, न कि अमेरिका के दबाव में। उन्होंने कहा कि मोदी ने ट्रंप से यह भी कहा कि भारत ने कभी भी भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है, ना करता है, और ना कभी करेगा।
लेकिन शाम होते-होते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया। व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत में पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के साथ अपनी बैठक के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘मैंने युद्ध रुकवाया। मुझे पाकिस्तान से प्यार है। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं। मैंने कल रात उनसे बात की थी। हम पीएम मोदी के साथ एक व्यापार सौदा करने जा रहे हैं। मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवाया। इस व्यक्ति (आसिम मुनीर) ने पाकिस्तानी पक्ष से और पीएम मोदी ने भारतीय पक्ष से इसे रोकने में बहुत अहम भूमिका निभाई। दोनों परमाणु हथियारों वाले देश हैं; उन्हें रुकना होगा। मैंने दो बड़े परमाणु देशों के बीच युद्ध रोका।’
ट्रंप का यह बयान हाल में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को लेकर आया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की थी। इस पर पाकिस्तान की ओर से भी प्रतिक्रिया हुई। दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे पर हमले किए। इसी बीच सबसे पहले ट्रंप ने घोषणा कर दी थी कि उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्धविराम करा दिया है। बाद में भारत और पाकिस्तान की ओर से भी युद्धविराम की पुष्टि की गई। लेकिन भारत ने लगातार कहा है कि पाकिस्तान के डीजीएमओ के अनुरोध पर दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी।
यह दावा भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और संप्रभुता के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। इस मुद्दे पर घिरे मोदी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है।
जब जी-7 में पीएम मोदी शामिल हुए तो बुधवार सुबह भारतीय विदेश मंत्रालय और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ़ किया कि भारत ने कभी भी भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया और न ही भविष्य में करेगा। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच हुई 35 मिनट की फोन वार्ता के बाद आया। विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि मोदी ने ट्रंप को दो टूक कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान के अनुरोध पर रोका गया, न कि किसी अमेरिकी मध्यस्थता या व्यापार समझौते के दबाव में।
मिस्री ने कहा कि मोदी ने ट्रंप से यह भी कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने का फ़ैसला भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच स्थापित चैनलों के माध्यम से हुआ। यह बयान भारत की उस नीति को दिखाता है जो किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को सिरे से खारिज करती है।
भारत का बार-बार यह कहना कि वह मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता, उसकी स्वतंत्र विदेश नीति और क्षेत्रीय ताकत को दिखाता है। सरकार का यह रुख भारत की उस रणनीति को दिखाता है, जिसमें वह वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखना चाहता है। लेकिन ट्रंप का बार-बार यह दावा करना कि उन्होंने युद्ध रुकवाया, उनकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इसने कहा, ‘आज सुबह मोदी सरकार ने हिन्दी में एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से साफ-साफ कहा कि सीजफायर में आपका कोई रोल नहीं है। ट्रेड की वजह से सीजफायर नहीं किया गया। शाम होते-होते ट्रंप कह रहे हैं कि ‘मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोक दिया। मुझे पाकिस्तान से प्यार है।’ इसने तीन सवाल किए हैं, ‘मोदी सरकार कुछ और कह रही है और ट्रंप अपने दावे पर अड़े हुए हैं। हकीकत ये भी है कि सीजफायर की पहली जानकारी ट्रंप के ट्वीट से ही हुई थी। आखिर नरेंद्र मोदी खुलकर ट्रंप का जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं?’
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सुबह कहा था कि मोदी को अपनी विदेश यात्रा से लौटने के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाकर देश को यह बताना चाहिए कि ट्रंप के साथ उनकी क्या बात हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप का दावा भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा, ‘हमारा कहना है कि विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री के जिस बयान की चर्चा की है, वही बात खुद पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं कहते? हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी यही बात संसद के विशेष सत्र में कहें।’
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप अपने बयानों को कितना दोहराते हैं और भारत इस स्थिति को कैसे संभालता है।