वक्फ (संशोधन) बिल पर सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त रस्साकशी शुरू हो गई है। संसद में मंगलवार को इस पर काफी हंगामा हुआ। देश में इस मुद्दे पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। 2 अप्रैल को लोकसभा में इस बिल को पेश करने की तैयारी है। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर संसद में मौजूद रहने का फरमान सुना दिया है, तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने इस बिल को रोकने की रणनीति बनाना शुरू कर दी है।
वक्फ बिल का विवाद
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को नियंत्रित करने के लिए लाया गया ये बिल सरकार का दावा है कि पारदर्शिता लाने वाला है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “हम इस बिल के जरिए वक्फ बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार और माफिया राज को खत्म करना चाहते हैं। विपक्ष बेवजह डर फैला रहा है।” लेकिन विपक्ष इसे पूरी तरह खारिज कर रहा है। कांग्रेस, टीएमसी और अन्य दलों का कहना है कि ये बिल संविधान के खिलाफ है और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आजादी पर हमला है। मंगलवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर अपना विरोध जताया।
बीजेपी का व्हिप जारी
बीजेपी ने इस बिल को पास करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी कर 2 अप्रैल को संसद में मौजूद रहने का आदेश दिया है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी अपने सहयोगी दलों जैसे टीडीपी और जेडी(यू) से भी समर्थन जुटाने में जुटी है। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “ये बिल हमारे लिए बहुत अहम है। हम इसे किसी भी कीमत पर पास करवाना चाहते हैं।” बीजेपी का ये कदम दिखाता है कि पार्टी इस मुद्दे पर कोई समझौता करने के मूड में नहीं है।
दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक ने इस बिल को रोकने के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस, टीएमसी, सपा और अन्य विपक्षी दल एकजुट होकर इस पर रणनीति बना रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “संविधान पर हमला” करार दिया है, वहीं टीएमसी ने इसे “मुस्लिम विरोधी” बताया। एक विपक्षी नेता ने कहा, “हम संसद के अंदर और बाहर इस बिल का विरोध करेंगे। ये अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कुचलने की साजिश है।”
वक्फ बिल को लेकर सिर्फ संसद में ही नहीं, सड़क पर भी हलचल तेज हो गई है। कई मुस्लिम संगठनों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। 12 अप्रैल को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पूरे देश में प्रदर्शन की घोषणा की है।उनका कहना है कि ये बिल उनकी धार्मिक संपत्तियों को सरकार के हवाले कर देगा। वहीं, बीजेपी समर्थक इसे सुधार का कदम बता रहे हैं। किरण रिजिजू ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष भाग क्यों रहा है”
2 अप्रैल को लोकसभा में जब ये बिल पेश होगा, तब सियासी जंग अपने चरम पर होगी। बीजेपी का व्हिप और इंडिया ब्लॉक की बैठक से साफ है कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी ताकत आजमाने को तैयार हैं। क्या ये बिल पास हो पाएगा या विपक्ष इसे रोक देगा संसद में बुधवार को बड़ी रस्साकशी देखने को मिल सकती है।