केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय का यह फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के बाद आया है।
यह फैसला ऐसे समय आया है, जब दिल्ली विधानसभा चुनाव चरम पर है। शुरुआती चुनावी सर्वे में सी वोटर ने बताया है कि आप को चुनाव में हल्की बढ़त हासिल है। लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले के दो ही नतीजे इस चुनाव में निकलने वाले हैं। या तो केजरीवाल और उनकी पार्टी को इतनी हमदर्दी आम मतदाता की मिल सकती है कि वो बहुमत फिर से हासिल कर लेगी और मामूली बढ़त बड़ी बढ़त में बदल जायेगी। दूसरा नतीजा यह भी हो सकता है कि कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मतदाता आप को वोट न दें और वे बीजेपी या कांग्रेस की तरफ रुख करें।
पिछले नवंबर में एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईडी को लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने से पहले पूर्व मंजूरी लेनी होगी। उसके बाद जांच एजेंसी ने वीके सक्सेना को पत्र लिखकर कहा कि मंजूरी दी जानी चाहिए क्योंकि केजरीवाल घोटाले के “किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता” हैं।
आप प्रमुख ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि मामले में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ जांच एजेंसी का आरोप पत्र अवैध है क्योंकि शिकायत दर्ज करने से पहले अधिकारियों ने कोई पूर्व मंजूरी नहीं ली थी।
केजरीवाल के खिलाफ मामला 2021-22 के लिए अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण में अनियमितताओं के आरोप पर केंद्रित है। आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने सिसोदिया समेत अन्य आप नेताओं के साथ मिलकर शराब लॉबिस्टों से रिश्वत लेने के लिए जानबूझकर नीति में खामियां पैदा कीं।