Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Ticket Refund Alert : ट्रेन में देरी या सुविधाएं रहीं बंद? अब टिकट का पूरा रिफंड IRCTC की साइट से पाएं, जानें आसान तरीका
    • बिहार चुनाव से पहले यादव परिवार में घमासान! मैं अगला लालू हूं… तेज प्रताप की बगावती चाल
    • Komark Sun Temple: कोणार्क के सूर्य मंदिर का भूल-भूलैया राज़
    • NDA को बड़ा झटका! रेणु कुशवाहा का ‘पाला बदल’ प्लान सफल, थामा तेजस्वी का दामन
    • Lucknow News: छत्रपति शाहूजी महाराज जयंती पर मायावती ने दी श्रद्धांजलि: BJP-सपा पर केजीएमयू का नाम बदलने का लगाया आरोप, असली नाम बहाल करने की मांग
    • मानसून में भीगी वादियां, चाय की महक और जंगल का रोमांच – वालपराई चाय बागानों और वनों के बीच प्रकृति का शांत स्वर्ग
    • ट्रंप की तकरीर से NATO में दरार!
    • Sonbhadra News: सुभासपा के अरविंद ने कहा- सरकारें बदलीं लेकिन नहीं बदला सिस्टम, बाहर से आए लोगों ने लूटा सोनभद्र के बाशिंदों का हक
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » 15 अगस्त 2024 – नए भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस
    वैदिक ज्योतिष

    15 अगस्त 2024 – नए भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस

    By August 15, 2024No Comments22 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    15 अगस्त 2024 – 78वां स्वतंत्रता दिवस (15th August, 2024, the 78th Independence Day of India) – एक विकसित भारत का स्वप्न – किसी भी राष्ट्र के लिए उसके स्वाधीनता दिवस का विशेष महत्व होता है। ठीक उसी प्रकार, भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है और इस बार वर्ष 2024 में यह एक नए उभरते हुए भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस होने वाला है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है जो सभी भारतवासियों के लिए एक विशेष गौरव का पल लेकर आता है। इसे न केवल भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक अपितु संपूर्ण विश्व में रहने वाले भारतवंशी अपनी-अपनी तरह से मनाते हैं। यह प्रत्येक भारतवासी को जोश और जुनून से भर देता है क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हमारे इस महान देश को अंग्रेजों से मुक्ति दिलाने के लिए हमारे रणबांकुरों ने अपना तन-मन-धन न्योछावर किया था और उन्हीं के बलिदानों के फलस्वरूप हमें यह आजादी 15 अगस्त 1947 को प्राप्त हुई थी। 

    भारत विश्व के सर्वाधिक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक देशों में शुमार है और अब यह एक उभरती हुई वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। भारत युवाओं का देश भी कहा जाता है क्योंकि यहां अधिकांश युवा रहते हैं। इन युवाओं के मन में देश प्रेम का जज्बा 15 अगस्त के दिन विशेष रूप से जोर पकड़ता है, जो इन्हें अपने देश की धरोहरों को समझने, अपनी सभ्यता और संस्कृति को अपनाने और अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का हौसला प्रदान करता है। यह 15 अगस्त 2024 जो कि भारत का 78 वां स्वतंत्रता दिवस होने वाला है, प्रत्येक भारतीय के लिए गौरवपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है और इसे प्रत्येक भारतवासी को पूरे मन से मनाना चाहिए। भारत की स्वाधीनता को प्रदर्शित करने वाले इस 78वें स्वतंत्रता दिवस पर ज्योतिष और कुंडली के माध्यम से जानते हैं कि कैसा रहने वाला है भारत का भविष्य? क्या भारत को फिर एक बार मिलेगा विश्व गुरु का दर्जा, क्या भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयां छुएगी, क्या भारत का होगा समृद्ध विकास या अनेक चुनौतियां हमारा इंतजार कर रही हैं। यह सब कुछ जानने के लिए की 15 अगस्त 2024 से आगे वाले एक वर्ष के दौरान हमारे भारत देश में किस तरह की परिस्थितियों का निर्माण होगा और उनसे हमारा देश किस दिशा में जाएगा, इसकी एक झलक आपको इस लेख में जानने को मिलेगी। इस लेख को एस्ट्रोसेज के जाने-माने ज्योतिषाचार्य एस्ट्रोगुरु मृगांक ने तैयार किया है। 

    वर्तमान समय में यदि भारत के स्वतंत्रता दिवस की बात की जाए तो यह 78वां भारतीय स्वाधीनता दिवस हमें बताता है कि यह स्वाधीनता हमें आसानी से नहीं मिली बल्कि पूरे विश्व में अपनी सोच, समझ, संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान, बल का डंका बजाने वाले भारत को उसके रणबांकुरों के बलिदान के कारण प्राप्त हुई है। 15 अगस्त की तारीख न केवल भारतीय अपितु संपूर्ण विश्व के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है क्योंकि इसी दिन अंग्रेजों की गुलामी और उनकी दास्तान से भारतीयों को मुक्ति मिली थी और भारत का एक आजाद मुल्क यानी स्वतंत्र राष्ट्र बनने का सपना पूरा हुआ था। 

    आज हमारे यहां अपनी चुनी हुई सरकार है जो हमें स्वतंत्र होने का गर्व अनुभव कराती है और वही हमारा अपना एक ध्वज है जिसे हम तिरंगे के नाम से लहराते हैं और जब भी हमारे देश में कोई राष्ट्रीय पर्व होता है तो तिरंगे की आन-बान-शान को हम अपनी आन-बान समझते हैं। यही हमारे देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोए रखता है। आज जब 15 अगस्त का त्योहार मनाया जाता है तो प्रत्येक देशवासी पूरे दिल से इस‌ पर्व को मनाता है और इस दिन तिरंगे झंडे को लहराता है जो हमें यह बताता है कि जीवन में कुछ भी प्राप्त करना असंभव नहीं है लेकिन उसके लिए हमें तत्पर रहना होगा और एक निश्चित उद्देश्य के लिए सदैव अपने प्रयत्न करते रहना होगा।

    एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात!

    15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा महान दिन है जब हमें यह निश्चय करते हुए प्रण लेना चाहिए कि हम एक भारतवासी के रूप में अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। हम जात-पात और अमीर-गरीब जैसी छोटी बातों को दरकिनार करते हुए अपने देश की उन्नति के लिए अपना सर्वस्व लगाने को तैयार रहेंगे। हम न तो भ्रष्टाचार करेंगे न भ्रष्टाचार को पनपने देंगे। हम वंचितों को लाभ प्राप्त करने में मदद करेंगे और गरीबों की सहायता करेंगे। जब हम मन से सबको समान समझेंगे तो असमानता की भावना स्वत: ही दूर हो जाएगी। इसके साथ ही हमारे समाज में जो वर्तमान समय में कुछ कुरीतियां हैं, उन्हें दूर करने का प्रयास करना होगा जिनमें महिलाओं का सम्मान करना और सबसे ज्यादा देश के कानून का पालन करना, संविधान में आस्था रखना, कर चोरी से बचना, समय पर अपना कर चुकाना और जनसंख्या नियंत्रण करना आदि ऐसी बातें हैं जिसके लिए भारत की जनता का जागरूक होना भी आवश्यक है क्योंकि इन सभी चुनौतियों को दूर करते हुए ही हम अपने देश को एक समृद्ध राष्ट्र बना सकते हैं और तभी हमारा राष्ट्र उन्नति कर सकता है। हमें सभी को समान मानना होगा क्योंकि हम सभी भारतीय हैं।

    बृहत् कुंडली से आपको अपने जीवन में ग्रहों के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी। 

    उभरते हुए भारत की नई तस्वीर और देश के नागरिकों के लिए भविष्य का भारत 

    हमारा भारत वर्ष प्राचीन काल से मौजूद है और भारत की प्रभाव राशि मकर है लेकिन कई बार ज्योतिषीय गणनाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से हमें कुछ कुंडलियों की आवश्यकता होती है जो हमें किसी विशेष समय खंड में किसी विशेष राष्ट्र के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यदि वर्तमान समय की बात की जाए तो हम मानते हैं कि जन्म कुंडली उनकी होती है जिनका जन्म होता है और भारत तो प्राचीन काल से ही दुनिया में उपस्थित था। मकर राशि प्रभाव राशि होने के कारण शनि प्रधान देश भारत को माना जाता है और यही कारण है कि भारत में सेवा प्रदाता क्षेत्र सबसे अधिक पाया जाता है। यहां पर श्रमिक और मजदूर वर्ग बहुतायत से मिल जाते हैं, जिन्हें विदेश में भी खूब अच्छे स्तर पर काम करने का मौका मिलता है। 

    हमारे देश में शारीरिक मेहनत करने वाले लोग अधिक मिलते हैं और यही वजह है कि जुझारू होने के कारण यह जीवन में आने वाली चुनौतियों का आसानी से सामना कर पाते हैं। भारत को 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि में औपनिवेशिक दासता से मुक्ति मिली थी और इस प्रकार भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने वाला देश बना। उसी समय को हम स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली बनाने के लिए प्रयोग करते हैं और उसी के आधार पर स्वतंत्र भारत की कुंडली का निर्माण किया जाता है। इसके आधार पर यह देखा जाता है कि किसी खास वर्ष में या आने वाले वर्षों में देश की स्थिति किस प्रकार की रहेगी, किस प्रकार की उपलब्धियां मिल सकती हैं और किन क्षेत्रों में चुनौतियां आने की स्थिति बनेगी। 

    स्वतंत्र भारत वर्ष की कुंडली

    स्वतंत्र भारत की उपरोक्त कुंडली में वृषभ लग्न उदित हो रहा है और लग्न के स्वामी शुक्र तीसरे भाव में विराजमान हैं। लग्न में ही राहु की उपस्थिति एक मजबूत स्थिति को दर्शाती है। हालांकि इससे कई बार यह भी पता चलता है कि हम कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं।वृषभ लग्न एक स्थिर लग्न है। वृषभ लग्न की खासियत है कि यह स्वयं किसी को कष्ट नहीं देते अपितु मेहनत के द्वारा अपने सभी कार्यों में सफलता अर्जित करते हैं, लेकिन कोई इन्हे तंग करें या परेशान करे तो फिर यह उसे भरपूर सबक सिखाते हैं। यही स्थिति भी हमारे देश की है। हम स्वयं पहले किसी देश पर आक्रमण नहीं करते लेकिन कोई हमारे देश को कष्ट पहुंचाने का प्रयास करे तो हमारे देश के द्वारा उसे भरपूर जवाब भी मिलता है।लग्न में स्थिर राशि के उदय होने के कारण देश में एकता और अखंडता की स्थिति मजबूत रूप से दिखाई देती है और इससे देश के अस्तित्व को बल मिलता है।दूसरे भाव से बैंक और वित्तीय संस्थानों को देखा जाता है। सेनापति मंगल जो सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी हैं, कुंडली के दूसरे भाव में विराजमान हैं जिससे विदेशी माध्यमों और जनता के द्वारा वित्तीय संस्थानों को मजबूती प्राप्त होती है और विदेशी निवेश हमें लाभ देता है। इसके अतिरिक्त मंगल के कारण ही हमारे प्रधान नेताओं की वाणी में गर्व भी झलकता दिखाई देता है।तीसरे भाव से हमारे सहयोगी और मित्र देशों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। तीसरे भाव में कर्क राशि में चंद्रमा स्वराशि के होकर शुक्र, बुध और शनि के साथ तथा सूर्य की उपस्थिति में विराजमान हैं। इस प्रकार तीसरे भाव में पंचग्रही योग बन रहा है और शनि तथा शुक्र अस्त अवस्था में हैं। इतने ग्रहों का प्रभाव होने के कारण ही भारत की सीमाएं अनेक राष्ट्रों से मिलती हैं और भारत के अनेक पड़ोसी देश हैं।तीसरे भाव में विभिन्न प्रकृति के ग्रह होने के कारण पड़ोसी देशों में कुछ हमारे मित्र तो कुछ शत्रुता का व्यवहार करते हैं और कुछ सम अवस्था में हैं।देवगुरु बृहस्पति जो कि अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं, कुंडली के छठे भाव में विराजमान हैं।इससे अगले भाव में यानी कि वृश्चिक राशि में सप्तम भाव में केतु महाराज विराजमान हैं।यदि लग्न कुंडली के साथ नवमांश कुंडली का अध्ययन किया जाए तो इसमें लग्न कुंडली का एकादश भाव यानी कि मीन राशि उदित हो रही है। एकादश भाव का नवांश राशि में उदित होना बताता है कि देश की आर्थिक उन्नति होने की अच्छी स्थिति है और देश को पूरी दुनिया में मान-सम्मान के साथ ऊंचाइयां प्राप्त होने के योग बनेंगे। नवमांश कुंडली के लग्न में सूर्य महाराज विराजमान हैं। बृहस्पति महाराज वृषभ राशि में तीसरे भाव में हैं।चंद्रमा केतु के साथ छठे भाव में उपस्थित हैं।बुध महाराज वृश्चिक राशि में नवम भाव में और मंगल धनु राशि में दशम भाव में स्थित हैं।इसके अतिरिक्त शुक्र और शनि एकादश भाव में मकर राशि में तथा द्वादश भाव में कुंभ राशि में राहु उपस्थित हैं। सूर्य का लग्न भाव में उपस्थित होना बताता है कि हमारे देश का डंका पूरे विश्व में बजेगा और भारत को सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा। हालांकि छठे भाव में चंद्रमा, केतु और राहु के प्रभाव से पीड़ित होने के कारण कई बार हमें ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ेगा जिससे देश के लोगों के मन में अत्यंत भावुकता बढ़ेगी और गलत कार्य करने वालों के प्रति क्रोध की अधिकता हो सकती है। नवमांश कुंडली में नवमेश मंगल का दशम भाव में जाना बताता है कि हम अपने कार्यों से संपूर्ण विश्व में अच्छा स्थान बना सकते हैं। इसी नवमांश कुंडली में एकादश भाव में शनि और शुक्र का उपस्थित होना यह बताता है कि हम किसी भी चुनौती का सामना करने से घबराते नहीं हैं और हर काम को दृढ़ निश्चय के साथ पूरा करते हैं जिससे अर्थव्यवस्था और सैन्य क्षेत्र में भी मजबूती प्राप्त होने के सुंदर योग बनते हैं।अब यदि महादशा का अवलोकन किया जाए तो हम देखेंगे कि वर्तमान समय में स्वतंत्र भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा चल रही है। यह मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी।इस प्रकार आने वाले पूरे वर्ष में हमें चंद्रमा की महादशा और शुक्र की अंतर्दशा का प्रभाव मिलेगा और उसके बाद चंद्रमा की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा का प्रभाव नज़र आएगा जिसमें विभिन्न ग्रहों की प्रत्यंतर दशाएं आती-जाती रहेंगी। यदि ग्रह-गोचर की बात की जाए तो मुख्य ग्रहों में बृहस्पति का गोचर स्वतंत्र भारत की कुंडली के लग्न भाव यानी कि प्रथम भाव में हो रहा है तो शनि महाराज दशम भाव से गोचर कर रहे हैं और मार्च 2025 में यह एकादश भाव में जाएंगे, जो भारत को सुख और समृद्धि के साथ मजबूत अर्थव्यवस्था प्रदान करने में सबसे निर्णायक भूमिका निभाएंगे। केतु महाराज जहां पंचम भाव में हैं तो वहीं राहु महाराज एकादश भाव  में हैं। एकादश भाव में राहु महाराज का होना दर्शाता है कि अपनी इच्छाओं की पूर्ति होगी और देश का डंका पूरे विश्व में बजेगा क्योंकि एकादश भाव में राहु जैसे ग्रहों का होना भारत देश को ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। ऐसे में अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत रहने की संभावना बनेगी लेकिन इसी समय पर केतु के पंचम भाव में होने से हमें कुछ अपने मित्रों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनमें से कुछ लोग, जिनसे हमारी गहरी मित्रता हो, हमें चोरी छुपे धोखा देने का प्रयास भी कर सकते हैं। ऐसे में भारत देश के प्रधान नेताओं को सजग रहना होगा।यदि महादशा नाथ चंद्रमा की बात की जाए तो तीसरे भाव के स्वामी होकर तीसरे भाव में ही पुष्य नक्षत्र में विराजमान हैं। इनसे अष्टम भाव में शनि का गोचर, जिसे कंटक शनि के रूप में जाना जाता है, जो कार्यों में सफलता प्राप्ति में बाधा बन रहे हैं तो मार्च 2025 से शनि देव के राशि परिवर्तन के बाद यह पनौती समाप्त हो जाएगी और शनि भारत की कुंडली में एकादश भाव में आ जाएंगे जो उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।वर्तमान समय में बृहस्पति का चंद्रमा से एकादश भाव में गोचर करना भी लाभदायक साबित होगा। इस दौरान भारत के संबंध विदेशी देशों से उतार-चढ़ाव भरे रहेंगे। जिस प्रकार चंद्रमा की कलाएं कम होती और बढ़ती रहती हैं, उसी प्रकार मित्र देशों से भी संबंध कभी अच्छे तो कभी बुरे होते रहेंगे।शुक्र की अंतर्दशा चल रही है जो लग्न भाव के साथ छठे भाव के स्वामी होकर चंद्रमा के साथ ही तीसरे भाव में अस्त अवस्था में बैठे हैं और गंड मूल नक्षत्र अश्लेषा के हैं जो बुध का नक्षत्र है। इस प्रकार देश में महिलाओं के साथ समस्याएं बढ़ेंगी लेकिन कई मामलों में महिलाओं का दबदबा रहेगा। कई महत्वपूर्ण सूचना केंद्रों में महिलाओं की भूमिका विशेष रूप से देखने को मिलेगी और देश के अंदर महिलाओं को कई मुख्य जगहों पर मुख्यधारा में लाने का प्रयास रहेगा। इस दौरान महिला सशक्तिकरण धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा।शुक्र के चंद्रमा से शत्रुवत् व्यवहार रखने के कारण कई बार भारत को विरोधियों से कठिन समस्याएं महसूस हो सकती हैं।इस वर्ष सूचना सेवा और खेल के क्षेत्र में भारतीय महिलाएं सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं।नवमांश कुंडली में यही चंद्रमा छठे भाव में केतु के साथ विराजमान हैं तथा शुक्र शनि के साथ एकादश भाव में स्थित है। इससे पता चलता है कि देश में विदेशी गुप्तचर सक्रिय हो सकते हैं। कुछ विरोधी देशों के द्वारा भारत के अंदर आतंकवाद जैसी घटनाओं को बढ़ावा देने में उनकी परोक्ष भूमिका रहेगी, लेकिन भारत इन चुनौतियों से कुछ समय तक लड़खड़ाने के बाद आगे बढ़ेगा और सफलता प्राप्त करेगा।इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वर्तमान समय में बृहस्पति, शनि और राहु का गोचर भारत के पक्ष में चल रहा है जो आने वाले एक वर्ष में भारत को उन्नति की नई सीढ़ियों पर चढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेकिन, अत्यधिक आत्मविश्वास से बचकर रहना होगा और अपने कुछ खास पड़ोसी और मित्र देशों से शत्रुता न बढ़े, इसका हमें ध्यान रखना होगा। कुछ पड़ोसी देश की सीमाओं पर तनाव बढ़ेगा जबकि कुछ नए मित्र भी बन सकते हैं। देश में व्यावसायिक संस्थानों में बढ़ोतरी होगी और बैंकों की स्थिति में सुधार होने के योग बनेंगे।

    (ताजिक वर्षफल कुंडली)

    वर्ष प्रवेश तिथि 14 अगस्त 2024 वर्ष प्रवेश समय सायंकाल 17:45 बजे की है। मुंथा तुला राशि में वर्षफल कुंडली के दशम भाव में और स्वतंत्र भारत की मुख्य कुंडली के षष्ठ भाव में स्थित है। मुंथा के स्वामी शुक्र हैं। जन्म लग्न के स्वामी भी शुक्र हैं और वर्ष लग्न के स्वामी शनि हैं। इससे भारत के सेवा प्रदाता क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।उपरोक्त स्थितियों को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह वर्ष भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। इस वर्ष जहां भारत को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, धीरे-धीरे संपूर्ण विश्व में उसकी धाक जमने की स्थिति भी उत्पन्न होगी। उपरोक्त कुंडली में सबसे अच्छी बात यह है कि दूसरे भाव और लग्न भाव के स्वामी शनि महाराज दूसरे भाव में अपनी मजबूत राशि कुंभ में स्थित हैं जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के प्रबल योग बनेंगे।शेयर बाजार, मुद्रा स्थिति, व्यापार आदि के क्षेत्रों में शनि की मजबूत स्थिति अनुकूल रहने की संभावना है जिससे बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य में भारत की संपूर्ण विश्व में एक अलग और मजबूत पहचान बनेगी। भारत के नेतृत्व को भी स्वीकार किया जाएगा। तीसरे भाव में उपस्थित राहु पराक्रम के द्वारा अपने विरोधी देशों को दबाकर रखने में सक्षम बनने की ओर इशारा करते हैं। नवम भाव में केतु धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और धार्मिक क्रियाकलापों में वृद्धि का संकेत भी देते हैं। पंचम भाव में मंगल और बृहस्पति शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव की ओर इशारा करते हैं। देश में शिशुओं के लिए कुछ नए टीके आने की व्यवस्था बन सकती है।सप्तम भाव में उपस्थित सूर्य के कारण कुछ ऐसे देश, जो बाहर से भारत को अपना मित्र बताते हैं लेकिन अंदर ही अंदर भारत की सफलता से जलते हैं, उनका अहम सामने आएगा जिससे संपूर्ण विश्व में उनकी सच्चाई का पता लगेगा और इससे भारत की छवि को लाभ होगा। अष्टम भाव में शुक्र और बुध उपस्थित रहेंगे। उन पर शनि की दृष्टि होगी जिससे भारत अपना कर्ज उतारने में सफल हो सकता है। इसके अतिरिक्त शेयर बाजार में कई बार अभूतपूर्व तेजी देखने को मिलेगी और वह नया इतिहास रच सकता है। सप्तम भाव के स्वामी चंद्र एकादश भाव में होंगे जिससे भारत कई अनेक विदेशी देशों से मित्रता पूर्ण संबंध स्थापित करने में कामयाब होगा। ऐसे में, भारत का व्यापार भी बढ़ेगा और कई महत्वपूर्ण संगठनों में भारत को विशेष प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सकता है।दशम भाव में मुंथा होने के कारण देश की सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन वह मजबूती से अपना कार्य करने में सफल रह सकते हैं जिससे देश को कई क्षेत्रों में ऊंचाइयां प्राप्त हो सकती हैं।

    क्या आपको चाहिए एक सफल एवं सुखद जीवन? राज योग रिपोर्ट से मिलेंगे सभी उत्तर!

    78वें स्वतंत्रता दिवस से नई उम्मीदें – अर्थव्यवस्था में मजबूती

    भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस से एक वर्ष के समय में अनेक प्रकार के अनुकूल क्रियाकलापों का घटित होना भारत को नई उम्मीद और नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला समय साबित होगा।इस वर्ष ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में भारत को अच्छी सफलता मिल सकती है। कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में भारत कमी लाने में सफल हो सकता है।पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन उद्योग को नई गति और नई ऊर्जा के साथ अनेक लाभ मिलेंगे जिससे देश में देशी और विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा लगेगा। भारत के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कुछ नए और मजबूत स्टार्टअप शुरू होंगे और कुछ नए यूनिकॉर्न भी बनेंगे।देश में कर्ज व्यवस्था आसान होगी मगर कर्ज को नियंत्रित करने वाले तंत्र को भी मजबूत बनाया जाएगा जिससे बैंकिंग क्षेत्र को बढ़ोतरी मिलेगी। ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स का क्षेत्र सफलता की नई परिभाषा लिखेगा।देश में सेमीकंडक्टर के संबंध में अच्छे समाचार सुनने को मिलेंगे और न केवल देश बल्कि विदेश से भी भारत को इस संदर्भ में लाभ मिलेगा। कुछ नई विदेशी कंपनियां भारत में अपना संयंत्र लगाने में कामयाब रहेंगी और इससे न केवल उन्हें बल्कि भारतीयों को भी लाभ होगा। रक्षा क्षेत्र में भारत को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा। अनेक नए ऑर्डर भारत को मिलेंगे जिससे रक्षा व्यापार से भारत को विदेशी आमदनी प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे। भारत के यूपीआई की विश्व में तेजी से मांग बढ़ेगी और कई अन्य देश भारत के साथ इस क्षेत्र में जुड़ सकते हैं। इस वर्ष के प्रारंभ में रुपए के मुकाबले डॉलर नई ऊंचाई पकड़ सकता है लेकिन धीरे-धीरे रुपया मजबूत होगा।कई देशों से उन्हीं की मुद्रा में लेनदेन भारत से उनके संबंधों को और मजबूत बनाएगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर में विशेष प्रगति देखने को मिलेगी और देश में निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा खर्च होने के योग बनेंगे। देश में खाद्यान्न भंडार के विषय में सोचने की आवश्यकता पड़ेगी। भारत की सकल घरेलू आय में बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे यानी कि जीडीपी में सुधार हो सकता है। समुद्री क्षेत्र में दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। इस दिशा में भारत को अपनी समुद्री सेना को मजबूत बनाने का प्रयास करना होगा। भारत के रक्षा बजट में विशेष रूप से बढ़ोतरी हो सकती है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में कोई नया कीर्तिमान स्थापित होने की स्थिति भी बन सकती है।

    पड़ोसी राष्ट्रों से बनते-बिगड़ते संबंध

    भारत के लिए अपने मित्र देशों से संबंध सामान्य बनाए रखना एक चुनौती होगा।कुछ देश चाह कर भी अच्छी स्थिति नहीं रख पाएंगे क्योंकि उनके ऊपर विभिन्न प्रकार के दबाव होंगे।अगले वर्ष अप्रैल से मई के बीच में पड़ोसी देशों से संबंध बिगड़ सकते हैं। इस दौरान गुप्तचर विभाग को सक्रिय रहने की अत्यंत आवश्यकता हो सकती है। उसके बाद जून से अगस्त के मध्य किसी बाहरी देश का मित्रता प्रस्ताव मिल सकता है लेकिन किसी चिर प्रतिद्वंद्वी से तनाव बढ़ने के योग बन सकते हैं।

    विस्तृत स्वास्थ्य रिपोर्ट करेगी आपकी हर स्वास्थ्य संबंधित परेशानी का अंत 

    भारतीय राजनीति के नए रूप और रंग 

    यदि राजनीति की बात की जाए तो वर्तमान मोदी सरकार को कुछ भीतर घात का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही विपक्ष द्वारा भी समय-समय पर नई-नई चुनौतियां प्रस्तुत करने से सत्ता पक्ष की समस्याएं बढ़ेंगी और उनकी जवाबदेही भी बढ़ेगी। हालांकि, केंद्र सरकार अपने कई पुराने वादों को पूरा करने में सफल हो सकती है। ऐसी संभावना है कि इस वर्ष कुछ बड़े निर्णय सरकार द्वारा लिए जाएं जिसमें एक जैसी कर व्यवस्था को लागू किया जाना शामिल हो सकता है।जीएसटी में कुछ क्षेत्रों में दलों को कम और बदलने पर विचार होगा।इसके अतिरिक्त जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित भी कोई कार्य आगे बढ़ सकता है। किसी बड़े राजनेता का अपदस्थ होना या बिछोह होना अगस्त से सितंबर के बीच संभव हो सकता है।अशांत राज्यों में सत्ता परिवर्तन भी संभव हो सकता है।सितंबर से नवंबर के बीच राजनीतिक माहौल अशांत रहेगा। सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाएंगे और देश के पश्चिमी राज्यों में तनाव बढ़ सकता है। नवंबर से दिसंबर के बीच किसी राज्य में अचानक से सत्ता परिवर्तन की स्थिति बन सकती है। जनवरी से मार्च के बीच राजनीतिक गतिरोध उत्पन्न हो सकते हैं। ईंधन और पेट्रोल, आदि के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। सांप्रदायिकता बढ़ने के योग बनेंगे। इस वर्ष किसी नए घोटाले का खुलासा हो सकता है जिसमें कुछ बड़े लोगों का नाम सामने आ सकता है। इस वर्ष सत्ताधारी दल को विपक्ष के दबाव के आगे कुछ निर्णयों पर पुनर्विचार की आवश्यकता पड़ सकती है।

    जानें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता – हेल्थ इंडेक्स कैलकुलेटर 

    भारतीय नागरिक और उनसे संबंधित विशेष

    इस वर्ष अनेक राजनेताओं के ऐसे राष्ट्र विरोधी बयान सुनने को मिल सकते हैं जिनसे आम जनमानस को कष्ट महसूस होगा। इस वर्ष मुख्य रूप से कहें तो भारत आतंकवाद पर नियंत्रण पाने में बहुत हद तक सफल होगा और अनेक ऐसे कार्य होंगे जिससे आतंकवाद को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया जाएगा। नए कानूनों के लागू होने से कई सामाजिक तत्वों और सांप्रदायिकता फैलाने वाले लोगों पर शिकंजा कड़ा रहेगा।अगस्त से सितंबर के महीने में प्राकृतिक आपदा और वर्षा से संबंधित तथा बाढ़ जनित समस्याएं परेशानी का कारण बन सकती हैं।इसके अतिरिक्त पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष समस्या बनी रह सकती है। हिंसक घटनाओं, सांप्रदायिक तनाव और अग्निकांड बढ़ सकते हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार भी कुछ कठिन कदम उठाएगी। धार्मिक कार्यक्रम अनेक स्थानों पर होते रहेंगे।भारत की आम जनता के बीच कोर्ट-कचहरी के मामले बढ़ सकते हैं और कुछ बड़ी कंपनियों का बैंकों के साथ विलय हो सकता है। बड़े औद्योगिक घराने छोटे उद्योगों को अधिग्रहित करेंगे। अगले वर्ष अप्रैल से मई के बीच प्राकृतिक असंतुलन के कारण फसलों का ह्रास हो सकता है और कृषि क्षेत्र को नुकसान हो सकता है। इससे देश में खाद्यान्नों की समस्या उत्पन्न हो सकती है।इस वर्ष संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का खतरा रहेगा। किसी विशेष बैक्टीरिया या छोटे परजीवियों के कारण शारीरिक समस्याओं में बढ़ोतरी के योग बन सकते हैं। आम जनमानस को बचत योजनाओं में निवेश करने पर ध्यान देना होगा क्योंकि इसी से उन्हें आने वाले समय में अपनी आर्थिक समस्याओं से काफी हद तक राहत मिल सकती है।मौसम में बदलाव के समय विशेष रूप से सतर्कता रखनी होगी क्योंकि नए तरीके के बुखार पनप सकते हैं जिन्हें समझने में समय लगेगा।

    करियर को लेकर कोई समस्या का हल व्यक्तिगत एस्ट्रोसेज कॉग्निस्ट्रो रिपोर्ट 

    इस प्रकार भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के वर्ष के भीतर कुछ विशेष बातों में हम यह कह सकते हैं कि इस वर्ष भारत अपने कुछ खास पड़ोसी मित्र देशों से बेहतर संबंध बनाने में सफल होगा जिसमें रूस जैसा मित्र देश शामिल है। वहीं, चीन जैसे देश जो दुनिया के सामने तो भारत के विरोध की बात करेंगे, लेकिन आंतरिक रूप से भारत को सहयोग देने के लिए तत्पर रहेंगे क्योंकि इसमें ही उन्हें एशिया क्षेत्र में मजबूती प्राप्त करने और अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाई देगा जबकि कुछ पश्चिमी देश भारत से रिश्तों को खराब करने की राह में आगे बढ़ सकते हैं। 

    इस प्रकार यह वर्ष भारतीय विदेश नीति के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। इन सभी बिंदुओं के अतिरिक्त हमें यह समझना होगा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने देश की अस्मिता पर कोई आंच न आने दे। 

    देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें। जात-पात के चक्कर में अपने देश को कमजोर करने का प्रयास न करें बल्कि भारत को एक सक्षम और समर्थ राष्ट्र बनाने में अपना जिस रूप में भी योगदान बन सके, वह हमें करना चाहिए। चलिए हम सब मिलकर अपनी आजादी का 78वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश के साथ मनाते हैं और अपना विजयी विश्व तिरंगा फहराते हैं।

    जय हिंद ! जय भारत !!

    सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

    एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    प्रश्न 1. क्या स्वतंत्रता दिवस 2024 77वां है?

    उत्तर 1. नहीं, साल 2024 का 15 अगस्त देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस होगा। 

    प्रश्न 2. भारत को आज़ादी कब मिली थी?

    उत्तर 2. भारत को अंग्रेज़ों से आज़ादी 15 अगस्त 1947 में मिली थी।

    प्रश्न 3. आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?

    उत्तर 3. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने थे।

    The post 15 अगस्त 2024 – नए भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस appeared first on AstroSage Blog.

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleइस नागपंचमी पर बन रहे हैं कई शुभ योग, पांच राशियों को मिलेगी शिव-पार्वती की कृपा
    Next Article पूरे एक साल के बाद सिंह राशि में बनेगा बुधादित्‍य योग, इन राशियों की लगने वाली है लॉटरी

    Related Posts

    भारत बनाम पाकिस्तान: 2025 की सबसे बड़ी जंग में, कौन पड़ेगा किस पर भारी?

    February 22, 2025

    बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा से सजा फरवरी का महीना कैसा रहेगा आपके लिए? जानें!

    February 1, 2025

    लाल किताब से जानें वर्ष 2025 का पूरा हाल, कैसे मिलेंगे 12 राशियों का परिणाम?

    December 25, 2024
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.