Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • दरभंगा की धरती पर मैथिली ठाकुर के लिए वोट मांगने पहुंचे अमित शाह! लालू यादव को दी खुली चुनौती
    • मायावती की नई सियासी चाल! मुस्लिम समाज को जोड़ने उतरीं मैदान में, 2027 चुनाव से पहले बढ़ी हलचल
    • सबके सामने Kangana Ranaut ने माफी मांगी, 78 वर्षीय किसान महिला की जीत; आखिर क्या है माजरा?
    • 100 Year Old Famous Kulfi Shop: पन्नालाल कुल्फी वाला प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर में सौ साल पुरानी पार
    • पुलवामा हमले के लिए RDX कहां से आया…? Neha Singh Rathore के सवालों से उड़ी सरकार की नींद
    • इस दिन से लगेगा लखनऊ महोत्सव 2025? सब का इंतज़ार क्या होगा अब ख़त्म
    • Firozabad News: सपा सांसद अक्षय यादव, बोले- ‘भाजपा चुनाव में करा रही वोट की चोरी’
    • Bihar Politics 2025: बिहार चुनाव के पहले ही कांग्रेस ने मान ली हार? आखिर कहाँ गायब हैं राहुल गांधी…
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Ambedkar Statement Controversy: ‘अंबेडकर ने कहा था संघ को अपनेपन की भावना से देखता हूं’, आरएसएस का दावा कितना मजबूत?
    राजनीति

    Ambedkar Statement Controversy: ‘अंबेडकर ने कहा था संघ को अपनेपन की भावना से देखता हूं’, आरएसएस का दावा कितना मजबूत?

    By January 3, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Ambedkar Statement Controversy: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया था, जिस पर बवाल मच गया था। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने बीजेपी को अंबेडकर विरोधी करार देते हुए विचारधारा पर सवाल उठाए थे। यह मामला इतना बढ़ गया था कि अमित शाह को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ गई थी, यही नहीं पीएम मोदी भी उनके समर्थन में उतर आए थे। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को लेकर नया दावा किया है। आरएसएस दावा किया कि करीब 85 साल पहले भीमराव अंबेडकर, महाराष्ट्र में एक शाखा में आए थे, तब उन्होंने कहा था कि संघ को अपनेपन की भावना से देखता हूं। आइये जानते हैं आरएसएस का यह दावा कितना मजबूत है और उनकी विचारधाराओं में कितना अंतर है?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मीडिया केंद्र विश्व संवाद केंद्र (VSK) की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 2 जनवरी, 1940 को महाराष्ट्र के सतारा जनपद के कराड में आरएसएस की एक शाखा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया था। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं, लेकिन मैं संघ को अपनेपन की भावना से देखता हूं। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब आरएसएस ने अंबेडकर और अपनी विचारधारा को एक समान बताने का प्रयास न किया हो। आरएसएस काफी लंबे समय से आंबेडकर को अपने हीरो की तरह पेश करती आई है। ऐसे में क्या आरएसएस की विचारधारा में आंबेडकर फिट बैठते हैं? आइए आज इसी की पड़ताल करते हैं।

    आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य (Pic - Social Media)
    आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य (Pic – Social Media)

    अंबेडकर और आरएसएस के बीच बारीक अंतर

    संघ से जुड़े जानकारों का मानना है कि आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के विचार एक जैसे ही हैं। बाबा साहेब ‘समता’ और आरएसएस ‘समरसता’ की बात करती हैं, दोनों का उद्देश्य एक ही है। इन दोनों अवधारणओं के बीच बारीक अंतर है, यही अंतर अंडेकर और आरएसएस के बीच है। संघ के समरसता का अर्थ अनुसूचित जाति और जनजातियों के सुख-दुख को समझकर, उनके जीवन के साथ सामंजस्य बिठाना और उन्हें शोषण से मुक्त बनाना है। जबकि भीमराव अंबेडकर का मानना था कि समाज में जन्म और विरासत की असमानताएं समाप्त होनी चाहिए। अंबेडकर की इन्हीं दोनों असमानताओं को संघ के प्रमुख रहे माधव सदाशिव गोलवलकर ने ‘प्राकृतिक’ बताया था। ऐसे ही कई मुद्दे है जब दोनों के विचारों में विरोधाभास दिखता है।

    भीमराव अंबेडकर (Pic - Social Media)
    भीमराव अंबेडकर (Pic – Social Media)

    भीमराव अंबेडकर ने 13 अक्टूबर, 1935 को नासिक के येवला एक कार्यक्रम में कहा था कि मैं एक हिंदू के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन मैं एक हिंदू के रूप में नहीं मरूंगा। उनका यह बयान भी काफी अहम माना जाता है, क्योंकि आरएसएस को हिन्दूवादी संगठन माना जाता है। इससे साफ स्पष्ट है कि अंबेडकर और आरएसएस के विचार कितने अलग रहे होंगे। इसके बाद अंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म को अपना लिया था। विश्लेषकों का कहना है कि उन्होंने निराश होकर ही हिन्दू धर्म छोड़ा था। उनका उद्देश्य जाति उन्मूलन था, जो उस समय हिन्दू धर्म में संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया था।

    अंबेडकर के पौत्र ने क्या कहा था?

    वहीं, भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आरएसएस और भाजपा भारतीय संविधान को बदलने पर आमादा हैं। उनका उद्देश्य भारतीय संविधान को मनुस्मृति से बदलना है। जानकारों ने बताया कि बाबा साहब ने 25 दिसंबर, 1927 को महाड़ सत्याग्रह किया था, इस दौरान मनुस्मृति की प्रतियों को जलाया था। बाबा साहब अंबेडकर हमेश मनुस्मृति का विरोध करते रहे है, जबकि आरएसएस मनुस्मृति की बात करती रही है।

    प्रकाश अंबेडकर (Pic - Social Media)
    प्रकाश अंबेडकर (Pic – Social Media)

    आरएसएस का मुखपत्र कहे जाने वाले ऑर्गेनाइज़र में 30 नवंबर, 1949 के अंक में एक संपादकीय छपा था, जिसमें मनुस्मृति का जिक्र किया गया था। इसके लिखा गया था कि मनुस्मृति में दर्ज मनु के कानून दुनिया की प्रशंसा का कारण हैं और वे अनुरूपता पैदा करते हैं, लेकिन हमारे संवैधानिक विशेषज्ञों के लिए निरर्थक है।

    जानकारों ने यह भी कहा कि भीमराव अंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री थे, उन्होंने जब हिन्दू कोड बिल संसद में पेश किया था तो कांग्रेस के दक्षिणपंथी नेता, भारतीय जनसंघ, आरएसएस और हिन्दू महासभा ने विरोध किया था। यही नहीं, अंबेडकर और नेहरू के पुतले भी जलाए गए थे। यह बिल हिन्दुओं को एक से ज्यादा विवाह पर रोक लगाता है।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअमेरिका में फर्नीचर वेयर हाउस पर क्रैश हुआ प्लेन, 2 की मौत, 18 घायल
    Next Article यूपी में घमासानः योगी निशाने पर, आशीष और अनुप्रिया पटेल के पीछे कौन?

    Related Posts

    दरभंगा की धरती पर मैथिली ठाकुर के लिए वोट मांगने पहुंचे अमित शाह! लालू यादव को दी खुली चुनौती

    October 29, 2025

    मायावती की नई सियासी चाल! मुस्लिम समाज को जोड़ने उतरीं मैदान में, 2027 चुनाव से पहले बढ़ी हलचल

    October 29, 2025

    सबके सामने Kangana Ranaut ने माफी मांगी, 78 वर्षीय किसान महिला की जीत; आखिर क्या है माजरा?

    October 29, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.