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    Home » Basavaraj Patil Sedam Biography: राजनीति को केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा का एक उपकरण मानते हैं बसवराज पाटील सेदम
    राजनीति

    Basavaraj Patil Sedam Biography: राजनीति को केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा का एक उपकरण मानते हैं बसवराज पाटील सेदम

    By February 10, 2025No Comments4 Mins Read
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    Politician Basavaraj Patil Sedam Biography in Hindi (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Basavaraj Patil Sedam Biography In Hindi: बसवराज पाटील की सादगी, ईमानदारी और समाज सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के बीच एक सम्मानित स्थान दिलाया है। उनकी निःस्वार्थ सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें समाज में एक आदर्श के रूप में देखा जाता है। उनकी राजनीति छवि एक ऐसे नेता की है जो व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर समाज के कल्याण के लिए कार्य करता है।

    बसवराज गणपथराव पाटील सेदम (Basavaraj Ganpathrao Patil Sedam) कलबुर्गी से लोकसभा में सांसद और कर्नाटक से राज्यसभा में सांसद रहे हैं। वे वर्तमान में भारत विकास संगम के संरक्षक हैं। इनका पालन-पोषण तारनाहल्ली के कठोर वातावरण में, ईश्वर भक्त, प्रकृति-प्रेमी कृषकों के बीच हुआ है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई, जहां विज्ञान स्नातक की पढ़ाई के दौरान वे सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर आकर्षित हुए। बसवराज पाटील सेदम का जन्म 10 फरवरी 1944 को कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के तरनाल्ली में श्रीमती शंकरम्मा और श्री गणपत राव के घर हुआ था। उन्होंने गुलबर्गा के सरकारी डिग्री कॉलेज से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनका विवाह बसवलिंगम्मा से हुआ।

    शिक्षा के क्षेत्र में योगदान (Basavaraj Patil Sedam’s Contribution In Education Field)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    1973 में पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण सेडम लौटने के बाद भी बसवराज पाटील का सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण कम नहीं हुआ। 1975 में उन्होंने कोत्तल बसवेश्वर भारतीय शिक्षण समिति की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था। एक छोटे से कमरे में शुरू हुई इस पहल ने समय के साथ विस्तार किया और आज इसके अंतर्गत 50 से अधिक शिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जो उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    बसवराज पाटील का राजनीतिक सफर (Basavaraj Patil Sedam Political Career)

    बसवराज पाटील ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के माध्यम से सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने कर्नाटक का लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व किया और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दीं। उनकी नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल ने पार्टी को राज्य में मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    बचपन से ही उनका रुझान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर था, जिसके कारण वे संघ के सक्रिय सदस्य बने। उनकी निष्ठा और समर्पण ने उन्हें प्रचारक के रूप में उत्तर भारत, विशेषकर बिहार और झारखंड में कार्य करने का अवसर प्रदान किया। वहां उन्होंने छह वर्षों तक सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

    बसवराज पाटील की राजनीति गांधीवादी सिद्धांतों से प्रेरित रही है। वह मानते हैं कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज सेवा का एक उपकरण है। उनकी दृष्टि में रचनात्मक कार्य और सामाजिक उत्थान राजनीति के अभिन्न अंग हैं। वह चुनावी राजनीति से परे समाज के व्यापक हित में कार्य करने पर जोर देते हैं। ये 1990-से 96 तक कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य के तौर पर रहे। जबकि 1992 में लोक लेखा समिति, कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य बनें। 1998-1999 में बारहवीं लोकसभा सदस्य, मानव संसाधन विकास समिति और मूल्य आधारित शिक्षा उप-समिति सदस्य, शहरी मामलों और रोजगार मंत्रालय के अनुसार परामर्शदात्री समिति सदस्य, महिला सशक्तिकरण पर संयुक्त समिति सदस्य बनें।

    कर्नाटक राज्य भाजपा 2000-2003 तक अध्यक्ष,

    अप्रैल 2012 से मार्च 2018 तक राज्य सभा सदस्य,

    14-18 अक्टूबर 2017 को सेंट पीटर्सबर्ग (रूसी संघ) में 137वें अंतर-संसदीय संघ में भाग लिया। अप्रैल 2012 राज्य सभा के लिए निर्वाचित मई 2012 से सदस्य, उद्योग समिति सदस्य, केंद्रीय रेशम बोर्ड के पद को संभाला। इनसे लंबे राजनैतिक जीवन में इनसे जुड़ी उपलब्धियों पर नजर डालें तो 2007 से राष्ट्रीय समन्वयक-भारत विकास संगम के अध्यक्ष दृ विकास में अकादमी गुलबर्गा बनें, एडमिन-निदेशक दृ विनायक ट्रस्ट (मानसिक रूप से मंद बच्चों का स्कूल) रहे।

    स्वदेशी जागरण मंच- नई दिल्ली, पेट्रोन, श्री कोट्टल बसवेश्वर भारतीय शिक्षण समिति के सदस्य रहे।

    हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास के लिए विकास अकादमी (केबीवीएस सेदम) के प्रबंध ट्रस्टी रहे।

    बसवराज पाटील पुरस्कार एवं सम्मान

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    वर्ष 2007 में श्री राघवेंद्र स्वामीजी मंदिर मंत्रालयम से सुयतींद्र पुरस्कार

    वर्ष 2009 में कर्नाटक राज्योस्तव प्रशस्ति

    वर्ष 2011 में गुलबर्गा विश्वविद्यालय ने हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र के 4 जिलों में सर्वोत्तम सामाजिक सेवा के लिए डॉक्टरेट पुरस्कार से सम्मानित किया। श्री मुरुघा मठ, हुबली से उत्कृष्ट शिक्षाविद् पुरस्कार, जनवरी 2012 से इन्हें प्रदान किया गया था।

    बसवराज पाटील सेडम की राजनीतिक छवि एक समर्पित समाजसेवी और ईमानदार राजनेता की है, जिन्होंने अपने कार्यों और विचारों से राजनीति को एक नई दिशा दी है। व्यक्तित्व की सादगी के साथ बसवराज पाटील सेडम का संपूर्ण राजनैतिक जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुका है।

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