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    Home » Dark Tourism: क्या है ‘डार्क टूरिज्म’, क्यों GenZ के बीच बढ़ रहा है ऐसी जगहों पर घूमने का क्रेज, आइए जानते हैं विस्तार से
    Tourism

    Dark Tourism: क्या है ‘डार्क टूरिज्म’, क्यों GenZ के बीच बढ़ रहा है ऐसी जगहों पर घूमने का क्रेज, आइए जानते हैं विस्तार से

    Janta YojanaBy Janta YojanaApril 5, 2025No Comments4 Mins Read
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    Dark Tourism (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Dark Tourism (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Dark Tourism Kya Hai In Hindi: पर्यटन सिर्फ मनोरंजन, प्रकृति और विरासत स्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवीय इतिहास के सबसे अंधेरे अध्यायों की ओर भी लोगों को आकर्षित करता है। ऐसे स्थलों की यात्रा को ‘डार्क टूरिज्म’ ( Dark Tourism) कहा जाता है, जो हाल के वर्षों में विशेष रूप से Gen Z के बीच एक नई यात्रा अनुभव के रूप में उभरा है। आइए इस बारे में- जानते हैं विस्तार से:-

    डार्क टूरिज्म क्या है (What is Dark Tourism)?

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    डार्क टूरिज्म का अर्थ है – उन स्थानों की यात्रा करना जो मृत्यु, त्रासदी, हिंसा या ऐतिहासिक रूप से दुखद घटनाओं से जुड़े होते हैं। ये स्थल पर्यटकों को इतिहास, मानवीय पीड़ा और सामाजिक चेतना से जोड़ते हैं।

    यह शब्द सबसे पहले 1996 में मैल्कम फोली और जॉन लेनन द्वारा गढ़ा गया था। वे ग्लासगो कैल्डोनियन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थे और उन्होंने इसे ‘अंधेरे अतीत की ओर यात्रा’ के रूप में परिभाषित किया था।डार्क टूरिज्म को कई तरह से परिभाषित किया जाता है। आइए जानते हैं उनके बारे में –

    डार्क टूरिज्म के प्रमुख प्रकार (Major Types of Dark Tourism)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    1. नरसंहार और युद्ध स्थल

    ऑशविट्ज़ कंसन्ट्रेशन कैंप (पोलैंड) – जहां लाखों यहूदियों की हत्या की गई थी।

    जालियांवाला बाग (भारत) – 1919 के नरसंहार का स्थल।

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    2. प्राकृतिक या मानवीय आपदा स्थल

    चेरनोबिल (यूक्रेन) – 1986 की परमाणु दुर्घटना का स्थल।

    भोपाल गैस त्रासदी स्थल (भारत) – यूनियन कार्बाइड संयंत्र क्षेत्र।

    कालापानी जेल (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    कालापानी जेल (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    3. पूर्व जेल व फांसी स्थल

    अलकाट्राज़ जेल (अमेरिका) – खतरनाक अपराधियों की कुख्यात जेल।

    कालापानी जेल (अंडमान) – भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का अत्याचारी कारावास।

    भानगढ़ किला (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    भानगढ़ किला (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    4. भूतिया और अलौकिक स्थल

    भानगढ़ किला (राजस्थान) – भारत का सबसे डरावना स्थान माने जाने वाला किला।

    अमीटीविल हाउस (अमेरिका) – अलौकिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध घर।

    अपार्थाइड म्यूज़ियम (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

    अपार्थाइड म्यूज़ियम (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

    5. इतिहास में अन्याय से जुड़े स्थल

    अपार्थाइड म्यूज़ियम (दक्षिण अफ्रीका) – नस्लीय भेदभाव के अतीत की कहानी।

    जलियांवाला बाग (भारत) – ब्रिटिश राज में जनसंहार।

    इनके अतिरिक्त

    चेरनोबिल, यूक्रेन, हिरोशिमा पीस मेमोरियल म्यूज़ियम, जापान,

    मुरांबी नरसंहार स्मारक केंद्र, रवांडा, आओकिगाहारा वन, जापान, ऑराडोर-सुर-ग्लेन, फ्रांस आदि का नाम आता है।

    इसलिए Gen Z के बीच डार्क टूरिज्म का बढ़ रहा क्रेज (Dark Tourism: A Growing Craze Among Genz)

    वर्तमान समय में संस्कृति और शिक्षा के बदलते आयामों के फलस्वरूप Gen Z की नई पीढ़ी ऐतिहासिक तथ्यों और सामाजिक मुद्दों को जानने के लिए उत्साहित है। इस पीढ़ी के युवा सतही पर्यटन की बजाय गहराई से सोचने वाले अनुभवों को प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी ये पीढ़ी अनूठा कंटेंट तलाशने के लिए बेचैन देखी जाती है। अद्भुत, रहस्यमय और ऐतिहासिक रूप से गंभीर जगहें Instagram, YouTube और TikTok पर वायरल होती हैं। Gen Z को ऐसे ‘ऑफबीट’ और ‘थॉट-प्रोवोकिंग’ स्थलों की तलाश रहती है। इनकी तलाश का तीसरा चरण मानवता की गहराई को समझना होता है।

    जिसके अंतर्गत इन स्थानों की यात्रा मानवता की गलतियों, युद्धों, नस्लीय भेदभाव और अन्य त्रासदियों को समझने और सीखने का अवसर प्राप्त होता है। यह आत्मचिंतन और करुणा को प्रेरित करता है। इसके अलावा यह पीढ़ी भीड़-भाड़ वाले स्थलों से हटकर असामान्य और प्रामाणिक अनुभवों की ओर आकर्षित हो रही है, जिसमें डार्क टूरिज्म खास भूमिका निभा रहा है।

    डार्क टूरिज्म से जुड़ी नैतिक चुनौतियां (Ethical Challenges Associated With Dark Tourism)

    डार्क टूरिज्म से जुड़ी कई रोचक खूबियां हैं तो कई नैतिक चुनौतियां भी सामने आती हैं –

    1. पीड़ितों और उनके परिवारों का सम्मान

    ऐसे स्थलों पर फोटो शूट, मस्ती या अनुचित व्यवहार न सिर्फ असंवेदनशील होता है, बल्कि पीड़ितों के प्रति अपमानजनक भी हो सकता है।

    2. वाणिज्यीकरण का खतरा

    कई बार दुखद घटनाओं के स्थलों को व्यावसायिक आकर्षण में बदलने की कोशिश उन्हें ‘ट्रैजेडी पोर्न’ बना देती है।

    3. स्थानीय संस्कृति पर असर

    स्थानीय लोगों को कभी-कभी ऐसे पर्यटन से संवेदनात्मक या सांस्कृतिक आघात पहुंचता है।

    इसलिए, डार्क टूरिज्म को करते समय संवेदनशीलता, जानकारी और सम्मान अनिवार्य है।

    इन चिंताओं के बावजूद, यदि डार्क टूरिज्म को संवेदनशीलता और सम्मान के साथ किया जाए, तो यह इतिहास से सीखने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है।

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