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    Home » Happy Birthday Shashi Tharoor: विद्वता, स्पष्टवादिता और स्वतंत्र दृष्टिकोण के लिए एक ‘स्टार’ नेता के रूप में जनता के बीच लोकप्रिय राजनेता हैं शशि थरूर
    राजनीति

    Happy Birthday Shashi Tharoor: विद्वता, स्पष्टवादिता और स्वतंत्र दृष्टिकोण के लिए एक ‘स्टार’ नेता के रूप में जनता के बीच लोकप्रिय राजनेता हैं शशि थरूर

    By March 9, 2025No Comments8 Mins Read
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    Congress MP Shashi Tharoor Wikipedia Hindi(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Congress MP Shashi Tharoor Wikipedia Hindi(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    Congress MP Shashi Tharoor Wikipedia: आकर्षक वक्तृत्व कला, साहित्यिक ज्ञान, और वैश्विक दृष्टिकोण जैसी खूबियों के चलते युवाओं और शहरी मध्यम वर्ग के बीच एक सम्मानित नेता के तौर पर स्थापित शशि थरूर भारतीय राजनीति के एक प्रमुख लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने कूटनीतिक, साहित्यिक और राजनीतिक योगदान से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। उनका जीवन विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में सेवा, साहित्यिक कृतियां और भारतीय संसद में सक्रिय भूमिका शामिल हैं। थरूर की विचारधारा प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित है।

    शशि थरूर एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व राजनयिक हैं, जो 2009 से केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद के रूप में सेवा दे रहे हैं। वर्तमान में, वे विदेश मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं, जो भारत की विदेश नीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सितंबर 2024 में, कांग्रेस पार्टी ने थरूर को इस समिति की अध्यक्षता सौंपी, जिससे उनकी विदेश मामलों में विशेषज्ञता और अनुभव को मान्यता मिली। इससे पहले, वे 2009-2010 तक विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री और 2012-2014 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत रहे हैं।हाल ही में, मार्च 2025 में, थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों की स्थायी समिति ने स्वीडिश प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिसमें लैंगिक समानता, महिलाओं का प्रतिनिधित्व, भारत-चीन सीमा और अमेरिका-चीन संबंधों जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

    इसके अतिरिक्त, फरवरी 2025 में, थरूर की अध्यक्षता वाली समिति ने अनिवासी भारतीयों (NRIs) के संसद में प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर चर्चा की, जिसमें इटली जैसे देशों के उदाहरणों का उल्लेख किया गया।

    थरूर की अध्यक्षता में, विदेश मामलों की स्थायी समिति भारत की विदेश नीति को सुदृढ़ करने और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत है।

    प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Shashi Tharoor Biography In Hindi)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    शशि थरूर का जन्म 9 मार्च 1956 को लंदन में हुआ था। उनके पिता, चंद्रन थरूर, और माता, लिली, मलयाली नायर परिवार से थे, जिनकी जड़ें केरल के पलक्कड़ जिले में थीं। चंद्रन थरूर ने लंदन, मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में एक विज्ञापन प्रबंधक के रूप में 25 वर्षों तक कार्य किया। शशि थरूर के पैतृक चाचा, थरूर परमेश्वर, भारत में रीडर्स डाइजेस्ट के संस्थापक थे। 1962 में, उनके माता-पिता भारत लौट आए, जिसके बाद थरूर ने यरकौड के मोंटफोर्ट स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। बाद में, उन्होंने मुंबई के कैंपियन स्कूल (1963-68) और कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल (1969-71) में अध्ययन किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज, जहां वे कॉलेज यूनियन के अध्यक्ष भी रहे।

    1975 में, थरूर उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने टफ्ट्स विश्वविद्यालय के फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी से एमए, एमएएलडी, और 22 वर्ष की आयु में पीएचडी की उपाधियां प्राप्त कीं। अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए उन्हें रॉबर्ट बी स्टीवर्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फ्लेचर में, उन्होंने ‘फ्लेचर फोरम ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स’ के पहले संपादक बनने में सहायता की। इसके अतिरिक्त, उन्हें पुजेट साउंड विश्वविद्यालय द्वारा मानद डी.लिट और बुखारेस्ट विश्वविद्यालय द्वारा इतिहास में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है।

    संयुक्त राष्ट्र में करियर (Shashi Tharoor Career In UN)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    थरूर ने 1978 में संयुक्त राष्ट्र में अपने करियर की शुरुआत की, जहां उन्होंने 29 वर्षों तक विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। जिसमें शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (UNHCR) के लिए सिंगापुर में प्रमुख और पूर्व यूगोस्लाविया में शांति मिशन के लिए विशेष सहायक शामिल हैं। 2001 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान का संचार और जन सूचना के लिए अवर महासचिव नियुक्त किया गया। 2006 में, वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के लिए भारत के आधिकारिक उम्मीदवार थे, जहां वे दक्षिण कोरिया के बान की मून के बाद दूसरे स्थान पर रहे।

    साहित्यिक योगदान (Shashi Tharoor Literary Contribution)

    शशि थरूर एक प्रतिष्ठित लेखक हैं, जिन्होंने 19 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, जो कथात्मक और गैर-कथात्मक दोनों श्रेणियों में आती हैं। उनकी कुछ प्रमुख कृतियां इस प्रकार हैं:

    – द ग्रेट इंडियन नॉवेल (1989): यह महाभारत के आधार पर एक राजनीतिक व्यंग्य है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद की राजनीति को चित्रित किया गया है।

    – इंडिया: फ्रॉम मिडनाइट टू द मिलेनियम (1997): यह पुस्तक भारत की स्वतंत्रता के पचास वर्षों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन का विश्लेषण करती है।

    – एन एरा ऑफ डार्कनेस (2016): इस पुस्तक में थरूर ने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के भारतीय समाज, अर्थव्यवस्था और संस्कृति पर पड़े नकारात्मक प्रभावों का विस्तृत वर्णन किया है। इस कृति के लिए उन्हें 2019 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    राजनीतिक सफर (Shashi Tharoor Political Career)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    संयुक्त राष्ट्र से विदाई के बाद, शशि थरूर ने भारतीय राजनीति में कदम रखा। 2009 में, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद, उन्होंने 2014, 2019, और 2024 के चुनावों में भी इस सीट से जीत हासिल की, जिससे वे लगातार चार बार सांसद बने। उनकी राजनीतिक यात्रा में प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:-

    – विदेश राज्य मंत्री (2009-2010): मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें विदेश राज्य मंत्री नियुक्त किया गया। इस दौरान, उन्होंने भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देने और वैश्विक मंच पर देश की छवि सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया।

    – मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री (2012-2014): इस पद पर रहते हुए, उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सुधार और उच्च शिक्षा में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया।

    – संसदीय समितियों में भूमिका: शशि थरूर ने विभिन्न संसदीय समितियों में सक्रिय भूमिका निभाई है, जिसमें विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल शामिल है। उन्होंने भारतीय कूटनीति और विदेश नीति पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    विवाद और चुनौतियां (Shashi Tharoor Controversies And Challenges)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    शशि थरूर का राजनीतिक जीवन विवादों से अछूता नहीं रहा है। उनकी पत्नी, सुनंदा पुष्कर, 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक होटल में मृत पाई गईं। इस मामले में थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने और वैवाहिक क्रूरता के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, बाद में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।

    व्यक्तिगत जीवन (Shashi Tharoor Personal Life)

    शशि थरूर के व्यक्तिगत जीवन में तीन विवाह शामिल हैं। उनकी पहली पत्नी, तिलोत्तमा मुखर्जी, एक शिक्षाविद थीं, जिनसे उनके दो बेटे हैं: ईशान और कनिष्क। दूसरी पत्नी, क्रिस्टा जाइल्स, कनाडाई नागरिक और संयुक्त राष्ट्र में अधिकारी थीं। तीसरी पत्नी, सुनंदा पुष्कर, एक व्यवसायी थीं, जिनकी 2014 में मृत्यु हो गई।अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ के लिए लोकप्रिय थरूर ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले भारतीय थे, लेकिन बाद में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।

    सम्मान और पुरस्कार (Shashi Tharoor Honors and Awards)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

    शशि थरूर, एक प्रख्यात भारतीय राजनीतिज्ञ, लेखक और पूर्व राजनयिक, को उनके बहुमुखी योगदान के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनके सम्मान और पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है:-

    1. फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान: शेवेलियर डे ला लीजियन डी’ऑनूर

    फरवरी 2024 में, शशि थरूर को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘शेवेलियर डे ला लीजियन डी’ऑनूर’ (नाइट ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें भारत-फ्रांस संबंधों को मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए प्रदान किया गया। फ्रांसीसी सीनेट के अध्यक्ष जेरार्ड लार्चर ने नई दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया।

    2. प्रवासी भारतीय सम्मान

    2004 में, शशि थरूर को भारत सरकार द्वारा ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ से नवाजा गया, जो विदेशों में रहने वाले भारतीयों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। उन्होंने यह सम्मान 2007 में स्वीकार किया।

    3. साहित्यिक पुरस्कार

    शशि थरूर की साहित्यिक कृतियों को भी व्यापक मान्यता मिली है। उनकी पुस्तक ‘एन एरा ऑफ डार्कनेस’ के लिए उन्हें 2019 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारतीय साहित्य में उत्कृष्टता के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार है।

    4. अन्य सम्मान

    एक्सेलसियर अवार्ड (1998):

    उन्हें अमेरिका स्थित भारतीय समुदाय संगठनों, एसोसिएशन ऑफ इंडियंस इन अमेरिका (AIA) और नेटवर्क ऑफ इंडियन प्रोफेशनल्स (NetIP) द्वारा साहित्य में उत्कृष्टता के लिए एक्सेलसियर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    ग्लोबल लीडर ऑफ टुमॉरो (1998):

    स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा उन्हें ‘ग्लोबल लीडर ऑफ टुमॉरो’ के रूप में मान्यता दी गई।

    जाकिर हुसैन मेमोरियल ‘प्राइड ऑफ इंडिया’ अवार्ड (2009):

    उन्हें जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा ‘प्राइड ऑफ इंडिया’ अवार्ड से सम्मानित किया गया।

    इन सम्मानों और पुरस्कारों से स्पष्ट होता है कि शशि थरूर ने कूटनीति, साहित्य और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सराहना मिली है।

    शशि थरूर ने हमेशा समावेशी राजनीति का समर्थन किया है और सांप्रदायिकता के खिलाफ मुखर रहे हैं। उनकी वैश्विक दृष्टि और भारतीय संस्कृति की गहरी समझ ने उन्हें एक विचारशील नेता के रूप में स्थापित किया है।

    हाल ही में, थरूर ने एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि यदि पार्टी उनकी सेवाओं का उपयोग नहीं करती है, तो वे लेखन, पढ़ने और बोलने जैसे अन्य तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इस बयान ने उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों को जन्म दिया है। इसके अलावा, उनकी कुछ टिप्पणियों ने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों को उजागर किया है6, जिससे उनकी स्थिति पर चर्चा हो रही है।

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