Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Dudhwa mei Paryatan ke Liye New Chapter: जंगल सफारी के साथ योग, मेडिटेशन और लग्जरी कॉटेज की सुविधा
    • Pongola River mei Kayaking: आइए जाने दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में एक यादगार सफर के बारे में
    • Bihar Ka Anokha Mandir: चमत्कार से भरपूर है बिहार का ये मंदिर, बलि की ऐसी प्रथा, सुन चौंक जाएंगे आप
    • Tree Woman Thimmakka: 114 साल की पर्यावरण संरक्षक ने छोड़ी 8,000 पेड़ों की विरासत
    • River Of Blood: बिहार में बहती है खूनी नदी, दिखने में बेहद डरावनी, क्या है आत्माओं का डेरा?
    • जहां जाते ही थरथराने लगते हैं कदम, थम जाती हैं सांसे… क्या है किसी मायावी शक्ति का चमत्कार या छुपा है कोई गहरा काला रहस्य?
    • Dil Dehla dene vale ye 7 Trek: जानिए यह 7 ट्रेक जहां एडवेंचर के साथ हर कदम पर मंडराता है मौत का खतरा
    • Drongiri Village Ka Rahasya : क्यों नहीं पूजते इस गांव के लोग भगवान हनुमान को
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » Mughals History in Hindi: मुगलों का भारत में आगमन और उनके यहां शासन करने के पीछे हिंदू शासकों की क्या थीं भूलें, जानिए इतिहास
    Tourism

    Mughals History in Hindi: मुगलों का भारत में आगमन और उनके यहां शासन करने के पीछे हिंदू शासकों की क्या थीं भूलें, जानिए इतिहास

    Janta YojanaBy Janta YojanaMarch 30, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    Bharat Mein Mughals Ka Itihas: भारत का इतिहास विदेशी आक्रमणों और सत्ता संघर्षों से भरा हुआ है। मुगलों का शासन (1526-1857) भारतीय इतिहास में सबसे प्रभावशाली और दीर्घकालिक रहा। इस दौरान कला, वास्तुकला, प्रशासन और संस्कृति में उल्लेखनीय प्रगति हुई। लेकिन इसके पीछे हिंदू शासकों की कुछ रणनीतिक भूलें भी थीं, जिन्होंने मुगलों को भारत में सुदृढ़ होने का अवसर दिया। मुगल वंश की जड़ें मंगोल शासक चंगेज खान और तैमूर से जुड़ी थीं। तैमूर ने 1398 में दिल्ली पर हमला किया और व्यापक तबाही मचाई। तैमूर के वंशजों में बाबर सबसे प्रभावशाली था, जिसने भारत पर अधिकार करने की योजना बनाई।

    बाबर का भारत पर आक्रमण और शासन (1526-1530)- Babur’s invasion and rule of India (1526-1530)

    बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल शासन की नींव रखी। इसके बाद 1527 में खानवा की लड़ाई में राणा सांगा और 1528 में चंदेरी पर विजय प्राप्त की।

    1530 में बाबर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र हुमायूं गद्दी पर बैठा। हुमायूं एक कमजोर शासक साबित हुआ और 1540 में शेरशाह सूरी ने उसे हराकर दिल्ली की सत्ता पर अधिकार कर लिया। 1555 में हुमायूं ने पुनः सत्ता प्राप्त की । लेकिन अगले ही वर्ष उसकी मृत्यु हो गई।

    अकबर से औरंगजेब तक: मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग (1556-1707) From Akbar to Aurangzeb: The Golden Age of the Mughal Empire (1556-1707) 

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    अकबर (1556-1605) से औरंगजेब (1658-1707) तक का काल मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। इस अवधि में साम्राज्य ने राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की।

    अकबर (1556-1605):

    अकबर ने 13 वर्ष की आयु में गद्दी संभाली और अपने शासनकाल में साम्राज्य का विस्तार किया। उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई, जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा मिला। अकबर ने प्रशासनिक सुधार किए, जैसे ‘मानसबदारी’ प्रणाली, जिससे प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि हुई। उनके शासनकाल में कला, साहित्य और वास्तुकला का विकास हुआ।

    जहांगीर (1605-1627):

    जहांगीर ने अकबर की नीतियों को जारी रखा और साम्राज्य को स्थिरता प्रदान की।

    उनके शासनकाल में चित्रकला और साहित्य का विशेष विकास हुआ। उन्होंने न्यायप्रिय शासक के रूप में ख्याति प्राप्त की।

    शाहजहां (1628-1658):

    शाहजहां के शासनकाल को मुगल वास्तुकला का स्वर्ण युग कहा जाता है। उन्होंने ताजमहल, लाल किला और जामा मस्जिद जैसे अद्वितीय स्मारकों का निर्माण कराया। उनके शासनकाल में साम्राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत थी। लेकिन अत्यधिक खर्च के कारण वित्तीय दबाव भी बढ़ा। 

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    औरंगजेब (1658-1707):

    औरंगजेब के शासनकाल में साम्राज्य ने अपने सबसे बड़े भौगोलिक विस्तार को प्राप्त किया। उन्होंने दक्षिण भारत में विजय अभियान चलाए। लेकिन उनकी कठोर धार्मिक नीतियों के कारण आंतरिक विद्रोह और असंतोष बढ़ा। इन नीतियों ने साम्राज्य की स्थिरता को प्रभावित किया और धीरे-धीरे पतन की ओर अग्रसर किया।

    इस प्रकार, अकबर से औरंगजेब तक का काल मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग था, जिसमें साम्राज्य ने राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं।

    मुगल सत्ता का पतन (1707-1857) (Decline of Mughal power)

    औरंगजेब के बाद कमजोर शासकों के कारण मुगल साम्राज्य धीरे-धीरे पतन की ओर बढ़ा। मराठा, सिख, राजपूत और अंग्रेज़ों के प्रभाव से मुगलों की शक्ति समाप्त हो गई। 1857 के विद्रोह के बाद अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने निर्वासित कर दिया और मुगल शासन समाप्त हो गया।

    मुगलों के सत्ता हथियाने के पीछे हिंदू शासकों की प्रमुख भूलें (Major mistakes of Hindu rulers behind Mughals’ usurpation of Power)

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    Arrival of Mughals and Mistakes of Hindu Rulers (Image Credit-Social Media)

    1. आपसी फूट और एकता की कमी

    हिंदू शासकों में आपसी सहयोग की कमी थी। राणा सांगा ने बाबर से अकेले संघर्ष किया, जबकि मुस्लिम शासकों की तरह दूसरे राज्य के शासकों को साथ लाने का प्रयास नहीं किया और न ही कोई मदद के लिए आगे आया। शिवाजी के उत्तराधिकारियों की आपसी फूट से मराठा शक्ति कमजोर हुई। कई राजपूत शासकों ने मुगलों से संधि कर उनकी सत्ता को मजबूती दी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भी भारतीय राजाओं में एकता की कमी रही।

    2. पराजित शत्रु को माफ करने की नीति

    पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को पहली बार हराने के बाद जीवित छोड़ दिया, जिससे उसने पुनः आक्रमण कर विजय प्राप्त की। मराठों ने पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761) में अफगान आक्रमणकारियों को निर्णायक रूप से पराजित नहीं किया। हिंदू शासकों की क्षमादान की नीति ने शत्रुओं को पुनः संगठित होने का अवसर दिया।

    3. सैन्य और तकनीकी कमजोरियां

    मुगलों ने आधुनिक तोपखाने और घुड़सवार सेना का उपयोग किया, जबकि हिंदू शासक पारंपरिक हथियारों पर निर्भर रहे। उदाहरण: बाबर ने पानीपत की लड़ाई में तोपों का उपयोग किया, जबकि इब्राहिम लोदी पुरानी युद्ध रणनीतियों पर निर्भर था। अकबर ने घुड़सवार सेना और संगठित प्रशासन विकसित किया, जबकि राजपूतों की सैन्य रणनीति पारंपरिक रही। अंग्रेजों ने उन्नत सैन्य तकनीक और संगठित सेना के बल पर भारतीय शासकों को पराजित किया।

    4. विश्वासघात और आंतरिक कलह

    जयचंद ने मोहम्मद गोरी का समर्थन किया, जिससे पृथ्वीराज चौहान पराजित हुआ। कुछ राजपूत शासकों ने अकबर से संधि कर उसे मजबूती प्रदान की। 1857 के विद्रोह में कई भारतीय शासकों ने अंग्रेजों का साथ दिया, जिससे स्वतंत्रता संग्राम असफल हुआ।

    5. केंद्रीकृत प्रशासन की कमी

    मुगलों ने एक संगठित प्रशासनिक तंत्र विकसित किया, जबकि हिंदू शासकों में इसकी कमी थी: अकबर ने ‘मानसबदारी’ प्रणाली लागू की, जिससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ी।मराठों ने प्रशासनिक सुधारों में देर की, जिससे उनकी शक्ति सीमित रही। भारतीय राज्यों में केंद्रीय सत्ता की कमी ने अंग्रेजों को धीरे-धीरे कब्ज़ा करने का मौका दिया।

    6. निर्णायक युद्ध नीति का अभाव

    हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने जबरदस्त संघर्ष किया। लेकिन मुगलों पर निर्णायक विजय नहीं प्राप्त कर सके । इसी तरह पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठों की कमजोर संगठन शक्ति और रणनीतिक चूक ने उनकी हार सुनिश्चित कर दी।

    राजपूतों और मराठों ने बार-बार आक्रमणकारियों को रोकने के बजाय युद्ध टालने की नीति अपनाई, जिससे वे कमजोर पड़ते गए। मुगलों का भारत में सफल होने का मुख्य कारण हिंदू शासकों की आपसी फूट, सैन्य रणनीति की कमजोरियां और पराजित शत्रुओं को पुनः संगठित होने का अवसर देना था। यदि भारतीय शासक संगठित होते, आधुनिक युद्ध तकनीकों को अपनाते और निर्णायक रणनीति अपनाते, तो मुगलों के लिए भारत में दीर्घकालिक शासन करना कठिन होता। बावजूद इसके, हिंदू शासकों की वीरता और संघर्ष इतिहास में अमिट रहेगा, जिसने 18वीं और 19वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleRajiv Pratap Rudy Biography: एक सक्षम प्रशासक और युवाओं की प्रेरणा स्रोत के तौर पर पहचाने जाते हैं भाजपा के सक्रिय नेता राजीव प्रताप रूडी
    Next Article 40 फीसदी बिगड़े वन निजी कंपनियों को देने से आदिवासियों का क्‍या होगा?
    Janta Yojana

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    Related Posts

    Dudhwa mei Paryatan ke Liye New Chapter: जंगल सफारी के साथ योग, मेडिटेशन और लग्जरी कॉटेज की सुविधा

    November 15, 2025

    Pongola River mei Kayaking: आइए जाने दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में एक यादगार सफर के बारे में

    November 15, 2025

    Bihar Ka Anokha Mandir: चमत्कार से भरपूर है बिहार का ये मंदिर, बलि की ऐसी प्रथा, सुन चौंक जाएंगे आप

    November 15, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    Doon Defence Dreamers ने मचाया धमाल, NDA-II 2025 में 710+ छात्रों की ऐतिहासिक सफलता से बनाया नया रिकॉर्ड

    October 6, 2025

    बिहार नहीं, ये है देश का सबसे कम साक्षर राज्य – जानकर रह जाएंगे हैरान

    September 20, 2025

    दिल्ली विश्वविद्यालय में 9500 सीटें खाली, मॉप-अप राउंड से प्रवेश की अंतिम कोशिश

    September 11, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.