
Sambhajiraje Chhatrapati Wiki in Hindi: संभाजी राजे की राजनीतिक छवि एक ऐसे नेता की है जो समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित हैं और जिन्होंने अपनी स्वतंत्र पहचान को बनाए रखते हुए जनहित के मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई है।राजनीतिक दृष्टिकोण से, संभाजी राजे ने अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखी है। उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल का स्थायी सदस्य बनने के बजाय निर्दलीय रूप से कार्य करना पसंद किया है। यह निर्णय उनकी सर्वसमावेशक छवि को मजबूत करता है और दर्शाता है कि वे पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर समाज की सेवा करना चाहते हैं। संभाजीराजे छत्रपति एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने भारतीय संसद के ऊपरी सदन में सदस्य के रूप में कार्य किया। वह मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें प्रत्यक्ष वंशज और कोल्हापुर के राजर्षि छत्रपति शाहू के परपोते के रूप में कोल्हापुर राजपरिवार के उत्तराधिकारी हैं। इन दोनों की ही शिक्षा एक सदी के अंतर पर राजकुमार कॉलेज, राजकोट में हुई थी । बेहद मृदुभाषी, संभाजीराजे 2011-19 में आरक्षण के लिए मराठा विरोध का चेहरा बने थे। वह वर्तमान में एक स्वतंत्र राजनीतिज्ञ हैं।
उनका विवाह संयोगिता राजे भोसले से हुआ है। संभाजी राजे का जन्म 11 फरवरी 1971 को महाराष्ट्र के एक प्रतिष्ठित मराठा परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा महाराष्ट्र में प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए, जहां उन्होंने प्रबंधन और प्रशासन में डिग्री हासिल की। उनकी शिक्षा और अनुभव ने उन्हें एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान किया, जो उनकी राजनीतिक यात्रा में सहायक रहा।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
संभाजी राजे छत्रपति की राजनीतिक छवि एक समावेशी और जनहितैषी नेता की है। उन्होंने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सक्रिय भूमिका निभाई है, विशेष रूप से गरीब मराठा समुदाय के लिए। उनकी यह पहल दर्शाती है कि वे समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के प्रति समर्पित हैं।संभाजी राजे ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत सामाजिक कार्यों से की। उन्होंने महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। हालांकि राज्यसभा चुनाव 2022 के दौरान राजनीतिक दलों से इन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया। इस घटना ने उनकी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ प्रस्तुत किया। उनकी जमीनी स्तर की समझ और जनता के साथ जुड़ाव ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित किया। 2016 में, संभाजी राजे को राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया गया। सदन में, उन्होंने महाराष्ट्र और देश के विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय रूप से भाग लिया। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैंः
मराठा आरक्षण
संभाजी राजे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार और संबंधित अधिकारियों के साथ संवाद स्थापित किया और मराठा समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास किए।
कृषि सुधार
किसानों की समस्याओं को समझते हुए, उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए नीतिगत बदलावों की वकालत की। उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं के मुद्दे को सदन में उठाया और उनके लिए आर्थिक सहायता और कर्ज माफी की मांग की।
शिक्षा और रोजगार
युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उन्होंने विभिन्न योजनाओं का प्रस्ताव रखा। उन्होंने तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने और उद्योगों के साथ साझेदारी करने की पहल की, ताकि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
संस्कृति और धरोहर संरक्षण
मराठा इतिहास और संस्कृति के संरक्षण के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किए। उन्होंने ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और मराठा योद्धाओं की विरासत को बढ़ावा देने के लिए सरकारी समर्थन की मांग की। इसके अलावा संभाजी राजे ने सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए मोबाइल क्लीनिक और टेलीमेडिसिन जैसी पहलों का समर्थन किया।
12 मई 2022 को उन्होंने एक सामाजिक संगठन महाराष्ट्र स्वराज्य पार्टी की स्थापना की।
जुलाई 2024 में, उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ विशालगढ़ किले तक मार्च निकाला। संभाजी राजे भोसले ने अपनी राजनीतिक यात्रा में जनता के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता, दूरदर्शिता और समाज के प्रति समर्पण ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है। उनकी उपलब्धियां और योगदान आने वाले वर्षों में भी समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।