खामेनेई के ट्वीट की चर्चा इस संदर्भ में ज्यादा है कि उन्होंने खैबर के युद्ध का जिक्र किया है। आमतौर पर खामेनेई इस तरह के संदर्भ नहीं देते हैं लेकिन अब इसे खास संदर्भ में दिया गया है। तमाम सुन्नी उलेमा खुलकर ईरान के समर्थन में उतर आए हैं। भारत-पाकिस्तान के टॉप सुन्नी मौलानाओं ने ईरान के समर्थन में बयान जारी किए हैं। खासकर नदवा और दारुल उलूम देवबंद के मौलाना भी शामिल हैं। मौलाना सलमान नदवी और मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेली के वीडियो बयान वाट्सऐप ग्रुपों में तेजी से वायरल हैं। मौलाना सलमान नदवी ने एक वीडियो बयान में यह तक कहा कि मुसलमानों को आज तक इस्लाम के इतिहास की ठीक से अन्य मौलानाओं ने जानकारी ही नहीं दी। सोशल मीडिया पर भी खामेनेई के ट्वीट पर लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इसराइल और अमेरिका को अलग अंदाज में कड़ी चेतावनी दी है। उनकी चेतावनी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से ईरान के “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग के बाद आया है। जबकि इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने खामेनेई को खत्म करने के प्लान को दोहराया है। खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पहली सार्वजनिक पोस्ट में कहा, “जंग शुरू हो चुकी है। अली खैबर लौट आए हैं।” यह बयान पैगम्बर मोहम्मद के साथ उनके दामाद अली की सातवीं सदी में खैबर युद्ध के संदर्भ में है। इतिहास में जंग-ए-खैबर के नाम से मशहूर इस युद्ध में यहूदी शहर पर मुसलमानों ने विजय प्राप्त की थी। जंग-ए-खैबर के बारे में ज्यादा जानकारी विकिपीडिया, एआई टूल ग्रॉक, चैट जीपीटी, डीप सीक आदि से प्राप्त किए जा सकती है।
खामेनेई की फारसी में की गई पोस्ट में एक तस्वीर भी शामिल है, जिसमें एक तलवार लिए हुए अली को खैबर के द्वार में प्रवेश करता दिखाया गया है, और आकाश में आग की लकीरें दिखाई दे रही हैं। यह प्रतीकात्मक फोटो है। इसके कुछ मिनट बाद, खामेनेई ने एक और चेतावनी जारी की, जिसमें कहा गया, “हमें आतंकवादी ज़ायोनी शासन को कड़ा जवाब देना होगा। हम ज़ायोनियों पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हमें ठीक-ठीक पता है कि तथाकथित ‘सुप्रीम लीडर’ कहां छिपे हैं।” उन्होंने कहा, “हम उन्हें अभी नहीं मारेंगे, कम से कम अभी तो नहीं… हमारी सब्र की सीमा खत्म होती जा रही है।” इसके तीन मिनट बाद ट्रम्प ने लिखा, “बिना शर्त आत्मसमर्पण!” इस बीच अमेरिका ने मध्य पूर्व में और अधिक लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं और अन्य युद्धक विमानों की तैनाती को बढ़ाया है। इसके बाद खामेनेई ने एक्स पर कई भाषाओं में ट्वीट करके जवाब दिया। हालांकि उन्होंने सिर्फ इसराइल का जिक्र किया, जिसे उन्होंने ज़ायोनी और ज़ायोनिस्ट कह कर संबोधित किया है।
ईरान के सुप्रीम लीडर के हाल के पिछले संबोधन भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं। ऐसे ही एक संबोधन में वो कह रहे हैं कि “शहादत हमारी रूह में है, ज़ुल्म पर चुप्पी नहीं! ईरान आज अकेला है, लेकिन कमज़ोर नहीं। ज़ख़्मी है, मगर झुका नहीं। दुनिया की ताक़तें चाहे जितनी साज़िशें कर लें, ईरान का हौसला कर्बला से वाबस्ता है। शहादत का जज़्बा हमें हुसैनियत से विरासत में मिला है।” यहां पर शहादत का जिक्र उनकी अपनी हत्या की धमकी के संदर्भ में है, जिसका जिक्र इसराइली पीएम नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज और एबीसी को दिए इंटरव्यू में किया है कि खामेनेई को खत्म करके ही ईरान में शांति आ सकती है। हालांकि ट्रम्प का दावा है कि उन्होंने इसराइल को ऐसा करने से रोक दिया है।
इसराइल और ईरान के युद्ध का बुधवार को छठा दिन है। इसराइली सेना ने बताया कि बुधवार तड़के पहले दो घंटों में ईरान ने दो बार मिसाइल हमले किए, जिसके कारण तेल अवीव में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं। दूसरी ओर, ईरान ने बुधवार को तेल अवीव पर फतह-1 मिसाइल दागी, जिसे ईरानी अधिकारियों ने “इसराइल स्ट्राइकर” कहा है। फतह 1 हाइपरसोनिक मिसाइल श्रेणी में आती है।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रम्प ने मंगलवार को इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से 90 मिनट तक बात की थी। इसमें इन लोगों ने जो रणनीति बनाई, उसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। लेकिन यूएस मीडिया में जो खबरें आईं, उनके मुताबिक ट्रम्प इसराइल के साथ मिलकर ईरान पर बड़े पैमाने पर युद्ध छेड़ने की योजना बना रहे हैं। हालांकि ट्रम्प ने इससे पहले जी7 शिखर सम्मेलन में संकेत दिए थे कि उनके अधिकारी ईरान से परमाणु संधि पर इसी हफ्ते बातचीत कर सकते हैं। जिसका व्यापक स्वागत किया गया था। बाद में ट्रम्प जी7 सम्मेलन को बीच में छोड़कर चले गए।
जी7 नेताओं ने इस संघर्ष को समाप्त करने की अपील की है, और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बताया कि ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम के लिए बातचीत शुरू की है। हालांकि, दोनों पक्षों की ओर से कड़े रुख के कारण तनाव कम होने के आसार कम दिख रहे हैं।
ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने दावा किया कि उन्होंने इसराइल के खिलाफ और शक्तिशाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। ईरानी राज्य टेलीविजन ने भी चेतावनी दी कि “एक बड़ा आश्चर्य होगा, जिसे दुनिया सदियों तक याद रखेगी।”
यह संघर्ष मिडिल ईस्ट में एक बड़े युद्ध का खतरा बढ़ा रहा है। ईरान ने होर्मुज जल मार्ग को बंद करने की धमकी दी है, जो वैश्विक तेल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। अमेरिकी रक्षा एजेंसी पेंटागन ने 40,000 से अधिक सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा है। इस तनावपूर्ण स्थिति में वैश्विक समुदाय की नजरें अब इस क्षेत्र पर टिकी हैं, क्योंकि यह संघर्ष न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी खतरा बन सकता है।