Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • Bihar Voter List Hearing: ‘साबित करिए, चुनाव आयोग गलत कर रहा’, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल
    • Baroda Riyasat Ka Itihas: बड़ौदा रियासत का भारत मे विलय क्यों हुआ, क्या था इतिहास, क्या थी पूरी कहानी , चलिए समझते हैं
    • राजपालसिंह महेंद्रसिंह जाधव: एक किसान पुत्र से सांसद तक, पंचमहल की उम्मीद की नई आवाज़
    • ऑर्डर- ऑर्डर! बिहार की वोटर लिस्ट पर बवाल, सुप्रीम कोर्ट में दो पक्षों के बीच घमासान
    • अखिलेश यादव ने बिहार के एथलीट राजा यादव को सपा में दिलाई सदस्यता, BJP पर साधा निशाना
    • Gangtok Top Tourist Destination: नेचर लवर्स के लिए जन्नत है गंगटोक, जानिए घूमने की टॉप लोकेशंस
    • बिहार बंद पर राहुल गांधी का बड़ा एक्शन! सड़क पर रोकी गाड़ी, तेजस्वी के साथ शुरू किया हल्ला बोल मार्च
    • अब अरविंद केजरीवाल ने मांगा नोबेल पुरस्कार, LG की अड़ंगे लगाने के बावजूद दिल्ली का विकास करने पर की मांग
    • About Us
    • Get In Touch
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Janta YojanaJanta Yojana
    Banner
    • HOME
    • ताज़ा खबरें
    • दुनिया
    • ग्राउंड रिपोर्ट
    • अंतराष्ट्रीय
    • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
    • क्रिकेट
    • पेरिस ओलंपिक 2024
    Home » चुनावी बॉन्ड पर रोक लगी तो ट्रस्ट में आई चंदे की बाढ़! जानें कौन फायदे में
    भारत

    चुनावी बॉन्ड पर रोक लगी तो ट्रस्ट में आई चंदे की बाढ़! जानें कौन फायदे में

    By January 19, 2025No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    चुनावी बॉन्ड को भले ही बंद कर दिया गया है, लेकिन चुनावी चंदे में पैसे की बारिश जारी है। पहले चुनावी बॉन्ड में करोड़ों रुपये आते थे और अब इलेक्टोरल ट्रस्ट में। चुनावी बॉन्ड बंद होने से पहले साढ़े दस महीने में इलेक्टोरल ट्रस्ट के ज़रिए जितने चंदे मिले थे उससे क़रीब तीन गुना चंदा बॉन्ड बंद होने के बाद डेढ़ महीने में ट्रस्ट के माध्यम से आ गया। 

    इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से राजनीतिक दलों को प्रमुख चंदा देने वाले प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2023-24 में कुल 1075.7 करोड़ रुपये चंदे के रूप में आए। इसका तीन-चौथाई हिस्सा 16 फरवरी से 31 मार्च, 2024 के बीच आया। जबकि 1 अप्रैल, 2023 से 15 फरवरी, 2024 के बीच ट्रस्ट को 278.6 करोड़ रुपये का चंदा ही मिला था।

    ट्रस्ट के माध्यम से आया चुनावी चंदा किन-किन पार्टियों को कितना-कितना मिला, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर चुनावी बॉन्ड को बंद क्यों किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।

    चुनावी बॉन्ड योजना ने चंदा देने वालों को गुमनाम रहने की अनुमति दी थी। इस बांड से राजनीतिक दलों को गुमनाम फंडिंग की जा रही थी। कंपनीज़ एक्ट की धारा 182 के तहत यह व्यवस्था की गई थी कि कोई कंपनी अपने सालाना मुनाफ़ा के 7.5 प्रतिशत से अधिक का चंदा नहीं दे सकती, लेकिन चुनावी बॉन्ड को इससे बाहर रखा गया था।

    पिछले साल ऐतिहासिक फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को चुनाव आयोग को डेटा देने का निर्देश दिया था। 

    राजनीतिक दलों ने 2018 से चुनावी बॉन्ड योजना में 16518 करोड़ रुपये जुटाए। इन चरणों में लगभग 94 प्रतिशत बॉन्ड का फेस वैल्यू मूल्य 1 करोड़ रुपये था।

    इलेक्टोरल ट्रस्ट पर क्या आई है रिपोर्ट

    पिछले वित्त वर्ष के लिए प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की चंदे की रिपोर्ट अब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। इसके अनुसार राजनीतिक दलों को देने के लिए 2023-24 में 1075.7 करोड़ रुपये चंदे मिले, जबकि 2022-23 में इसे 363 करोड़ रुपये मिले थे। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रूडेंट को कॉरपोरेट चंदा देने वालों की संख्या 2023-24 में बढ़कर 83 हो गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह संख्या 22 थी। हालाँकि, आम चुनावों से पहले राजनीतिक चंदे में वृद्धि होना असामान्य नहीं है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 1 अप्रैल, 2023 से 15 फरवरी, 2024 के बीच 278.6 करोड़ रुपये का चंदा आया, जबकि 16 फरवरी, 2024 से 31 मार्च, 2024 के बीच यह बढ़कर 797.1 करोड़ रुपये हो गया।

    भाजपा को सबसे ज़्यादा चंदा मिला

    इलेक्टोरल ट्रस्टों को चंदा देने वाले के नाम के साथ मिले प्रत्येक चंदे की घोषणा करनी होती है। इसके साथ ही, इसे राजनीतिक दलों को दिए गए प्रत्येक चंदे की घोषणा करनी होती है और साथ ही पार्टी का नाम भी बताना होता है। हालांकि, यह नहीं बताया जाता है कि किस कॉरपोरेट ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया।

    अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अब उपलब्ध 2023-24 के लिए विभिन्न इलेक्टोरल ट्रस्टों की चंदा रिपोर्ट के अनुसार, केवल पाँच ट्रस्टों ने चंदे की घोषणा की है- प्रूडेंट (1,075.7 करोड़ रुपये), ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट (132.5 करोड़ रुपये), जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट (9 करोड़ रुपये), परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट (1 करोड़ रुपये) और आइन्जीगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट (17.2 लाख रुपये)।

    रिपोर्ट के अनुसार प्रूडेंट को मिले 1075.7 करोड़ रुपये के चंदे को छह पार्टियों में बांटा गया, जिसमें सबसे ज्यादा 723.8 करोड़ रुपये बीजेपी को, 156.4 करोड़ रुपये कांग्रेस को, 85 करोड़ रुपये बीआरएस को, 72.5 करोड़ रुपये वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को, 33 करोड़ रुपये टीडीपी को और 5 करोड़ रुपये जनसेना पार्टी को मिले। ट्रायम्फ ने बीजेपी को 127.5 करोड़ रुपये और डीएमके को 5 करोड़ रुपये दिए। जयभारत ट्रस्ट ने बीजेपी को 5 करोड़ रुपये, डीएमके को 3 करोड़ रुपये और एआईएडीएमके को 1 करोड़ रुपये का चंदा दिया। आइन्जीगर्टिग का पूरा का पूरा पैसा बीजेपी को गया। दिलचस्प बात यह है कि परिवर्तन ने अपने दानकर्ताओं की पहचान नहीं बताई और कहा कि 2023-24 में उसका 1 करोड़ रुपये का दान इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए था। 

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleAzab Gajab Village: कंदोवान गाँव, जहाँ चूहों के बिल में रहते हैं लोग, चट्टानों के बीच बसी है बस्ती
    Next Article Bharat Ka Ajab Gajab Gaon: एक अनोखा गांव जहां सूर्य सबसे पहले अपने दर्शन देता है

    Related Posts

    ट्रंप की तकरीर से NATO में दरार!

    June 25, 2025

    ईरान ने माना- उसके परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ, आकलन हो रहा है

    June 25, 2025

    Satya Hindi News Bulletin। 25 जून, शाम तक की ख़बरें

    June 25, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    ग्रामीण भारत

    गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

    December 26, 2024

    बिहार में “हर घर शौचालय’ का लक्ष्य अभी नहीं हुआ है पूरा

    November 19, 2024

    क्यों किसानों के लिए पशुपालन बोझ बनता जा रहा है?

    August 2, 2024

    स्वच्छ भारत के नक़्शे में क्यों नज़र नहीं आती स्लम बस्तियां?

    July 20, 2024

    शहर भी तरस रहा है पानी के लिए

    June 25, 2024
    • Facebook
    • Twitter
    • Instagram
    • Pinterest
    ग्राउंड रिपोर्ट

    मूंग की फसल पर लगा रसायनिक होने का दाग एमपी के किसानों के लिए बनेगा मुसीबत?

    June 22, 2025

    केरल की जमींदार बेटी से छिंदवाड़ा की मदर टेरेसा तक: दयाबाई की कहानी

    June 12, 2025

    जाल में उलझा जीवन: बदहाली, बेरोज़गारी और पहचान के संकट से जूझता फाका

    June 2, 2025

    धूल में दबी जिंदगियां: पन्ना की सिलिकोसिस त्रासदी और जूझते मज़दूर

    May 31, 2025

    मध्य प्रदेश में वनग्रामों को कब मिलेगी कागज़ों की कै़द से आज़ादी?

    May 25, 2025
    About
    About

    Janta Yojana is a Leading News Website Reporting All The Central Government & State Government New & Old Schemes.

    We're social, connect with us:

    Facebook X (Twitter) Pinterest LinkedIn VKontakte
    अंतराष्ट्रीय

    पाकिस्तान में भीख मांगना बना व्यवसाय, भिखारियों के पास हवेली, स्वीमिंग पुल और SUV, जानें कैसे चलता है ये कारोबार

    May 20, 2025

    गाजा में इजरायल का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 1 दिन में 151 की मौत, अस्पतालों में फंसे कई

    May 19, 2025

    गाजा पट्टी में तत्काल और स्थायी युद्धविराम का किया आग्रह, फिलिस्तीन और मिस्र की इजरायल से अपील

    May 18, 2025
    एजुकेशन

    MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता

    June 13, 2025

    ISRO में इन पदों पर निकली वैकेंसी, जानें कैसे करें आवेदन ?

    May 28, 2025

    पंजाब बोर्ड ने जारी किया 12वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक

    May 14, 2025
    Copyright © 2017. Janta Yojana
    • Home
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Disclaimer
    • Feedback & Complaint
    • Terms & Conditions

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.