प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मंगलवार को एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच पिछले 20 महीनों से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में एक ‘ब्रेकथ्रू’ के रूप में देखा जा रहा है। कनाडा के खूबसूरत रॉकीज पर्वत क्षेत्र में स्थित कनानास्किस रिसॉर्ट में आयोजित इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने पर सहमति जताई। दोनों देश अपने नए राजनयिक नियुक्त करने पर सहमत हो गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात को ‘बेहतरीन’ करार देते हुए कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध ‘बेहद महत्वपूर्ण’ हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “प्रधानमंत्री कार्नी और मैं भारत-कनाडा मैत्री को गति प्रदान करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।” मोदी ने कनाडा सरकार और कार्नी को जी7 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए भी बधाई दी।
कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस मुलाकात को ‘बड़ा सम्मान’ बताते हुए कहा कि भारत की जी7 में भागीदारी उसकी वैश्विक प्रासंगिकता को बताती है। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर ‘दमन और आतंकवाद’ जैसे मुद्दों से निपटेंगे। बता दें कि कार्नी ने भारत को जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने का निर्णय लिया था, जो कनाडा की नई सरकार की भारत के प्रति बदलती नीति का संकेत है।
भारत और कनाडा के बीच संबंध सितंबर 2023 में उस समय निम्नतम स्तर पर पहुंच गए थे, जब तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में कहा था कि खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का संभावित संबंध हो सकता है। इस बयान के बाद दोनों देशों ने अपने राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और द्विपक्षीय संबंधों में गहरी खटास आ गई थी। भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कनाडा पर सिख अलगाववादियों को पनाह देने का आरोप लगाया था।
मार्क कार्नी, जो मार्च 2025 में कनाडा के प्रधानमंत्री बने, ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में पहले ही संकेत दे दिए थे। जी7 शिखर सम्मेलन में मोदी को आमंत्रित करना, खालिस्तान समर्थक लॉबी के विरोध के बावजूद, एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
इस बैठक के बाद भारत और कनाडा ने पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने और नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करने का फैसला किया है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच नियमित राजनयिक सेवाओं को बहाल करने और नागरिकों व व्यवसायों के लिए वीजा सेवाओं को फिर से शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), और लोकतांत्रिक मूल्यों जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।
2023 में दोनों देशों के बीच 9 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था, और कनाडा में रहने वाली 18 लाख से अधिक भारतीय मूल की आबादी, जिसमें 7.6 लाख सिख शामिल हैं, दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करती है।
जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी ने दुनिया के कई नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को रेखांकित करने और वैश्विक शांति व विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कनाडा की अपनी यात्रा को ‘शानदार’ बताते हुए कहा कि इस दौरान उन्होंने नौ ग्लोबल नेताओं के नेतृत्व से मुलाकात की, जिनमें दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, फ्रांस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के नेता शामिल हैं।
यह मुलाकात भारत और कनाडा के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को बहाल करने की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केवल राजनयिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक और सामरिक संदर्भ में भी दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा।